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कर्ज संकट पर यूरोपीय संघ में मतभेद

१६ सितम्बर २०११

यूरोप के कर्ज संकट पर पोलैंड में चल रही यूरोपीय संघ के वित्तमंत्रियों की बैठक से पहले गहरे मतभेद उभर कर सामने आए हैं. फिनलैंड ने ग्रीस को दिए जा रहे बेलआउट पैकेज की 109 अरब यूरो दूसरी किस्त पर गारंटी मांगी है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

वित्तमंत्रियों की बातचीत से पहले मतभेद तब गहरा गए जब फिनलैंड की वित्त मंत्री ने यह कह दिया कि ग्रीस को दी जाने वाली मदद की दूसरी किस्त के वापस लौटने की गारंटी देने की उनके देश की मांग का कोई हल नहीं दिख रहा.

फिनलैंड की तरफ से मांग उठने के बाद इसी तरह की आवाजें ऑस्ट्रिया और नीदरलैंड्स की तरफ से भी आने लगी हैं. अगर इन मांगों को मान लिया जाए तो यूरोजोन के बेलआउट फंड से अरबों डॉलर इसी काम में खर्च हो जाएंगे. फिनलैंड की वित्त मंत्री जुट्टा यूरप्लाइनेन ने पोलिश शहर व्रोत्सुआफ पहुंचते ही कहा, "दुर्भाग्य से मुझे ऐसी कोई चीज नजर नहीं आ रही जिसके बलबूते हम आज रात कोई उपाय ढूंढ लें."

फिनलैंड की वित्त मंत्री जुट्टा यूरप्लाइनेनतस्वीर: dapd

कहां से निकलेगी राह

यूरोपीय संघ के इस विवाद ने बाजारों को अस्थिर कर दिया है. यूरो का इस्तेमाल करने वाले यूरोजोन के 17 देशों के बीच उभरे इस विवाद से ग्रीस का संकट हल होने की कोशिशों पर आशंकाओं के बादल घिर आए हैं. आर्थिक संकटों में घिरा ग्रीस पिछले एक साल से यूरोजोन के देशों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाली मदद पर के बल पर टिका हुआ है.

ग्रीस को बचाने की कोशिशों में कई और चुनौतियां भी सामने हैं. ग्रीस के अंतरराष्ट्रीय कर्ज निरीक्षकों ने आर्थिक हालत का जायजा लेने के लिए ग्रीस जाने वाले मिशन को बीच में रोक दिया. ये कार्रवाई तब हुई जब कर्ज निरीक्षकों को पता चला कि ग्रीस अपने बजट के लक्ष्यों को पूरा करने में नाकाम रहा है. इसके बाद ग्रीस ने देश में एक खास संपत्ति कर लगाने का एलान किया है. सरकार का कहना है कि इस कर की मदद से वह राजस्व में आई कमी को पूरा कर लेगी.

अमेरिका के वित्त मंत्री टिमोथी गाइथनरतस्वीर: AP

110 अरब यूरो की राहत की पहली किस्त देने से पहले ग्रीस के साथ समझौते में उसकी स्थिति सुधारने के लिए कठोर बजट, निजीकरण और सुधार के कुछ लक्ष्य तय किए गए. इन सब शर्तों के पूरा होने को इसी महीने के आखिर में मिलने वाली दूसरी किस्त के लिए जरूरी शर्त माना गया. अगर ग्रीस की सरकार को यह पैसा नहीं मिलता तो उसके पास अक्टूबर के मध्य तक इतना पैसा भी नहीं बचेगा वह अपने कर्ज चुका सके.

हालांकि बेलआउट की शर्तें तय करते समय पारंपरिक रूप से सख्त मानी जाने वाली ऑस्ट्रिया की वित्त मंत्री मारिया फेक्टर ने उम्मीद जताते हुए कहा, "अगली किश्त का भुगतान ग्रीस को किया जा सकेगा" इसके साथ ही उन्होंने ग्रीस की तरफ से किसी भी गड़बड़ी के खिलाफ चेतावनी भी दी है और कहा, "यह बहुत महंगा पड़ेगा." सिर्फ इतना ही नहीं मारिया ने भविष्य के लिए ऐसी संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जब दूसरे विकल्पों को चुना जाएगा, "अगर ऐसी स्थिति आती है कि राहत पैकेज देना दूसरे विकल्पों की तुलना में बहुत महंगा होता है तो हमें दूसरे विकल्पों के बारे में सोचना होगा. पर इस वक्त ऐसी स्थिति नहीं है." कर्ज के लिए गारंटी के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने एक रास्ता सुझाया है जिसमें गारंटी मांगने वाले हर किसी को यह दी जा सकेगी.

संकट का दौर

शुक्रवार की बैठक कई बाजार में कई हफ्तों से चले आ रहे संकट के बाद हो रही है. एक तरफ बजट संभालने में ग्रीस की बड़ी नाकामी का डर है तो दूसरी ओर दुनिया की अर्थव्यवस्था की सुस्त पड़ती रफ्तार. यूरोजोन के कुछ बैंकों को तो कम समय के लिए अमेरिकी डॉलर में पूंजी हासिल करने में भी दिक्कत हो रही है क्योंकि कर्ज देने वाले दूसरे बैंकों को ये डर सता रहा है कि इससे ग्रीस, स्पेन और इटली जैसे देशों को दिया गया कर्ज सामने आ जाएगा. पूंजी की इन्हीं दिक्कतों के बाद यूरोपीय सेंट्रल बैंक, यूएस फेडरल रिजर्व और तीन दूसरे प्रमुख सेंट्रल बैंक गुरुवार को दूसरे बैंकों तक आसानी से अमेरिकी डॉलर पहुंचाने पर विवश हुए. तीन साल पहले इन्वेस्टमेंट बैंक लेहमन ब्रदर्स के दिवालिया होने की यही वजह थी कि उसे उधार नहीं मिल रहा था और इस कदम के जरिए सेंट्रल बैंक वैसी स्थिति को टालना चाहते हैं.

ग्रीस के वित्त मंत्री इवांजेलोस वेनिजेलो ने इस बीच अपने देश की कोशिशों का बचाव करते हुए यूरोजोन के दूसरे देशों से कहा बेलआउट पैकेज मिलने की राह में आ रही मुश्किलों को दूर करने की मांग की है और कहा है कि जुलाई में बेलआउट फंड के मामले में जिन बदलावों पर सहमति हुई थी उन्हें तुरंत लागू किया जाए. उन्होंने इसे पूरे यूरोजोन के लिए जरूरी बताया है.

ग्रीस के वित्त मंत्री इवांजेलोस वेनिजेलोतस्वीर: AP

अमेरिकी वित्त मंत्री पहली बार

पहली बार अमेरिका के वित्त मंत्री टिमोथी गाइथनर भी यूरोपीय संघ के वित्तमंत्रियों की बैठक में शामिल हुए. समझा जा सकता है कि अमेरिका यूरोप के कर्ज संकट के दुनिया भर पर पड़ने वाले असर से कितना चिंतित है. गाइथनर ने यूरोपीय वित्त मंत्रियों से कर्ज संकट का हल करने के लिए प्रयास तेज करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय में मुद्रा संघ के विघटन की बातचीत बंद होनी चाहिए. यूरोप में संकट का हल करने की क्षमता है लेकिन उसे यह करना भी होगा. अमेरिकी वित्त मंत्री ने यूरोपीय वित्त मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के बाद कहा कि संकट से निबटने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ कोई साझा कार्रवाई नहीं करेंगे लेकिन वे निकट सहयोग करेंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः महेश झा

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