कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश
१६ मई २०११सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 11 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के मामले को खारिज कर दिया था. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने राज्यपाल की सिफारिश पर चोट करते हुए कहा कि राजभवन की साजिश स्वीकार नहीं की जाएगी.
एनडीए के नेताओं की आज एक अहम बैठक हो सकती है जिसमें राष्ट्रपति से अपील की जा सकती है कि वह राज्यपाल की सिफारिश को नामंजूर कर दें. राजभवन का कहना है कि राज्यपाल भारद्वाज ने केंद्र सरकार को एक विशेष रिपोर्ट सौंपी है.
सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल ने कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी है और विधानसभा को निलंबित रखने की अनुशंसा की है. राज्यपाल भारद्वाज और राज्य सरकार के बीच हमेशा अनबन बनी रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें बीजेपी के 11 बागी और पांच निर्दलीय विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. ऐसा 10 अक्टूबर 2010 को कर्नाटक विधानसभा के विश्वासमत से पहले किया गया. रविवार को राज्यपाल हंसराज भारद्वाज दिल्ली से कर्नाटक पहुंचे जिसके बाद उन्होंने सरकार को बर्खास्त करने की सिफारिश की. इससे पहले रविवार को ही येदियुरप्पा ने घोषणा की थी कि बागी बिधायक उन्हें समर्थन देने के लिए तैयार हैं और सरकार को कोई संकट नहीं है. उन्होंने राज्यपाल की आलोचना की और कहा कि उन्हें राष्ट्रपति शासन की सिफारिश नहीं करनी चाहिए.
येदियुरप्पा ने देर रात अपने घर पर आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बीजेपी के पास बहुमत है और राज्यपाल जेडीएस तथा कांग्रेस के इशारों पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को खत लिखकर कहा है कि राज्यपाल की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.
इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने नई दिल्ली में कहा कि पार्टी को विधानसभा के 224 सदस्यों में से 121 विधायकों का समर्थन हासिल है जिनमें 11 बागी विधायक भी शामिल हैं. उन्होंने राज्यपाल पर हमला करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सोमवार को विधानसभा सत्र बुलाया है और राज्यपाल उसकी मंजूरी नहीं दे रहे हैं.
उधर कर्नाटक राजभवन से जारी एक बयान में कहा गया है, ''सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले को देखते हुए राज्य की राजनीति पर उसके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र को एक विशेष रिपोर्ट भेजी गई है.''
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा कह चुके हैं कि वह विधानसभा में बहुमत साबित करने को तैयार हैं और इसके लिए उन्होंने विधानसभा का सत्र भी बुलाया है.
यह दूसरा मौका है जब राज्यपाल ने वहां राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है. इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद उन्होंने ऐसा किया था. हालांकि तब केंद्र सरकार ने उनकी सिफारिश नामंजूर कर दी थी और बाद में येदियुरप्पा ने विश्वासमत हासिल कर लिया था.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल