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कर्मचारियों की खुदकुशी के लिए 'कंपनी जिम्मेदार'

८ जुलाई २०१६

फ्रांस की दिग्गज टेलिकॉम कंपनी और उसके पूर्व अधिकारियों पर मुकदमा चलेगा. कंपनी के 35 कर्मचारियों ने खुदकुशी की.

Symbolbild Depression und Suizid
तस्वीर: picture alliance/Dries Luyten

सात साल की जांच के बाद अभियोजन पक्ष इस नतीजे पर पहुंचा है कि फ्रांस टेलिकॉम के पूर्व अधिकारियों ने कई कर्मचारियों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया. फ्रांस टेलिकॉम को अब ऑरेंज के नाम से जाना जाता है. अभियोजन पक्ष कंपनी और उसके पूर्व अधिकारियों पर उत्पीड़न की धाराएं लगाएंगे.

कंपनी के पूर्व नंबर दो अधिकारी और पूर्व एचआर हेड भी कानून के फंदे में आएंगे. उन पर सीधे उत्पीड़न का मुकदमा चलेगा. वहीं चार अन्य पूर्व अधिकारियों पर उत्पीड़न के दौरान मुश्किल हालात पैदा करने का आरोप तय किया जाएगा.

कर्मचारी यूनियन और मैनेजमेंट ने स्वीकार किया है कि 2008 से 2009 के बीच कंपनी के 35 कर्माचारियों ने आत्महत्या की. आत्महत्याओं की बाढ़ आने के बाद नंबर दो बॉस को इस्तीफा देना पड़ा था.

क्या होता है डिप्रेशन

जांच के दौरान 39 पीड़ित कर्मचारियों के केस की गहन तफ्तीश की गई. काम के बुरे माहौल के चलते इनमें से 19 ने आत्महत्या की. 12 ने खुदकुशी करने की कोशिश की. आठ इतने बुरे मानसिक तनाव से घिरे कि उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी.

2004 में फ्रांस टेलिकॉम को निजी हाथों में दे दिया गया. प्राइवेट कंपनी बनते ही नया मैनेजमेंट आया और व्यापक बदलाव किये गए. कई लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया. अभियोजन पक्ष के मुताबिक कंपनी ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन फ्रांस टेलिकॉम कर्मचारियों के साथ बुरे ढंग से पेश आई. नए मैनेजमेंट ने जानबूझकर कर्मचारियों को परेशान करने वाली नीतियां बनाई. मैनेजमेंट ने कई कर्मचारियों पर इस्तीफा देने का दबाव डाला.

ओएसजे/एमजे(एएफपी)

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