कलाम और उनका 104 वर्षीय दोस्त
६ जून २०१०
शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में कलाम ने अपने इस दोस्त के बारे में सबको बताया. पूर्व राष्ट्रपति ने बताया कि वह सैर के दौरान रोजाना अर्जुन से बात करते हैं, जिसका वनस्पति नाम थर्मीनेलिया है. मिसाइलमैन कहते हैं कि, "जब भी मैं घूमने जाता हूं तो मेरा वृक्ष मित्र मुझ से कुछ न कुछ नई बात बताता है. आप पूछ सकते हैं कि क्या 100 साल पुराना पेड़ जैव विविधता के लिए जीवित स्तंभ बन सकता है. मैं मजबूती से कहता हूं, हां बिल्कुल. पेड़ और मेरे मां बाप की उम्र लगभग बराबर है."
कलाम ने छात्रों को अपने अनुभव बताए और उनसे जैव विविधता को बचाए रखने की अपील की. उन्होंने बताया कि हर साल अप्रैल में उनके दोस्त अर्जुन के पत्ते झड़ जाते हैं और वह उजाड़ सा हो जाता है. फिर एक महीने के भीतर उस पर नई पत्तियां और रंग बिरंगे फूल आ जाते हैं जिनकी वजह से वह पहले से भी ताकतवर दिखता है. पेड़ पर सैकड़ों नई शाखाएं आ जाती हैं.
अर्जुन की शाखाएं बहुत से पक्षियों का बसेरा बनती हैं, लेकिन सबसे ऊपर सुंदर तोते बैठते हैं. भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक कहे जाने वाले कलाम बताते हैं, "मैं इस पेड़ को तोतों का पेड़ भी कहता हूं क्योंकि उस पर सैकड़ों तोते रहते हैं. कभी कभी सुंदर चोंच वाले होर्नबिल पक्षी भी आ जाते हैं. मेरा पेड़ हर मौसम में सुंदर छांव देता है. पेड़ के आसपास मोरों को नाचते हुए मैंने कई बार देखा है."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन