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कश्मीरी आतंकियों को हथियार देती है आईएसआईः राना

८ जून २०११

मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राना ने अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई से कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों को हथियार देती है.

आईएसआई का मुख्यालयतस्वीर: picture alliance/dpa

शिकागो की अदालत में राना की सुनवाई के दौरान पहली बार उससे पूछताछ का वीडियो दिखाया गया जिसमें 50 साल के कनाडाई नागरिक राना लश्कर ए तैयबा के सदस्य डेविड हेडली के साथ अपनी बातचीत की जानकारी दे रहा है. 2009 में राना से पूछताछ को सात वीडियो में देखा जा सकता है. ये वीडियो करीब 17 मिनट के हैं और राना के खिलाफ सबूत का हिस्सा माने जा रहे हैं.

पाकिस्तानी सेना का बागी राना

राना ने इनमें कहा है कि पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक हेडली ने उससे वादा किया था कि वह पाकिस्तान वापस लौटने में राना की मदद करेगा. पाकिस्तान की सेना ने राना को बागी करार दिया था. राना सेना में डॉक्टर था और उसने ग्लेशियर में अपनी पोस्टिंग पर जाने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उसे बागी मान लिया गया.

तस्वीर: AP

अदालत के सामने सबूत पेश कर रहे एफबीआई एजेंट जेफरी पार्सन्स ने कहा कि हेडली ने अपने निजी जानकारों से राना के लिए मदद मांगी. 2009 में राना की गिरफ्तारी के बाद एजेंट बेनाबिदेस और पार्सन्स ने उससे पूछताछ की थी. राना को पूछताछ के दौरान पता था कि उसके बयानों को उसी के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है. उसके मुताबिक हेडली ने बताया कि आईएसआई कश्मीर में 'आजादी के लिए लड़ रहे' सैनिकों को हथियार दे रही है. आईएसआई, हथियार और इन सब में हेडली की भूमिका के बारे में राना ने कहा, "बंदूक तो नहीं, लेकिन जाहिर है कि यह कश्मीर में आजादी की लड़ाई है."

राना ने कहा कि आईएसआई का मेजर इकबाल हेडली के संपर्क में था और उसने खुद इकबाल से फोन पर बात की है. "इकबाल ने मुझे फोन किया और 'सर' कहा. जब मैं पाकिस्तानी सेना में था तो मैं कप्तान था." राना ने एफबीआई से यह भी कहा है कि हेडली आईएसआई और लश्कर ए तैयबा, दोनों से संपर्क रखता था और उसने इलियास कश्मीरी से भी मुलाकात की जो हरकत उल जिहाद इस्लामी का नेता है. राना का कहना है कि हेडली ने मेजर इकबाल से कहा था कि वह राना को पाकिस्तानी सेना से सम्मानजनक बरखास्ती दिलवाने की कोशिश करें ताकि वह व्यापार और निजी काम से देश में आ सके. जब राना से पूछा गया कि हेडली उसकी मदद क्यों कर रहा था तो राना ने कहा कि हेडली उसका दोस्त है.

डेविड हेडलीतस्वीर: AP

मेजर इकबाल पेशेवर नहीं था

राना के मुताबिक इकबाल का रवैया पेशेवर नहीं था क्योंकि वह पाकिस्तान में गोश्त की फैक्ट्रियां खोलने की बात कर रहा था. राना ने यह भी कहा कि वह भारत आसानी से जा सकता था लेकिन पाकिस्तान जाना मुश्किल था. हेडली ने राना से कहा था कि आईएसआई को इस बात की जानकारी थी कि वह लश्कर ए तैयबा के लिए काम करता है. लश्कर ए तैयबा को आईएसआई से हेडली के संपर्क के बारे में नहीं पता था. राना के मुताबिक हेडली को लश्कर से ट्रेनिंग मिली थी.

सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि आप्रवासन कंपनियों के न्यूयॉर्क और टोरंटो दफ्तरों में काम कर रहे लोगों को राना की याद नहीं है कि हेडली उनके साथ काम कर रहा था. दफ्तर में काम कर रहे दो लोग, रेहाना और काशिफ खान दफ्तर में फोन लिया करते थे. वकील ने फिर एक कंप्यूटर जांचकर्ता और आप्रवासन वकील को बुलाया, लेकिन राना ने गवाही प्रमाणित करने के अपने अधिकार को लेने से मना कर दिया.

बचाव और अभियोजन पक्ष के वकील मंगलवार रात को अपने अंतिम तर्क अदालत के सामने रखेंगे.

रिपोर्टः पीटीआई/एमजी

संपादनः ए कुमार

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