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कश्मीरी किशोर घरों में ही रहें चिदंबरम की सलाह

८ जुलाई २०१०

भारत सरकार ने कश्मीरी लोगों से अपील की है वे अपने किशोर बच्चों को घरों में रखें. घाटी में पिछले कुछ समय से कुछ कश्मीरी युवक सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 15 लोगों की जानें जा चुकी हैं.

तस्वीर: UNI

भारत के गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने दिल्ली में कहा कि यह जरूरी है कि लोग सड़कों पर न आएं और पत्थरबाजी से दूर रहें. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों तक लोगों की आवाजाही पर पाबंदी जारी रहेगी.

चिदंबरम ने जोर देकर कहा, "बच्चों, खासतौर पर युवाओं को घरों के अंदर रहना चाहिए. मुझे लगता है माता पिता की जिम्मेदारी है कि बच्चों को घरों में रखें."

प्रदर्शन में हुई हर मौत ने प्रदर्शनकारियों को और ज्यादा भड़काया है. राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की लगातार अपीलों के बावजूद युवा सुरक्षाबलों पर पत्थर बरसाते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं.

पुलिस प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पेंतस्वीर: AP

इस बीच गुरुवार को भी श्रीनगर की मुस्लिम आबादी वाले इलाकों समेत कश्मीर के कई इलाकों में कर्फ्यू जारी रहा. सेना और अर्धसैनिकों बलों और पुलिस के हजारों जवान सड़कों पर गश्त कर रहे हैं.

मंगलवार को एक लड़के की मौत के बाद भड़की हिंसा के दौरान पुलिस गोलीबारी में 3 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद से घाटी के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया और हालात पर काबू पाने के लिए सेना को बुलाया गया. यह हिंसा 11 जून को उस वक्त से जारी है, जब पुलिस द्वारा फेंके गए आंसू गैस के एक गोले की वजह से 17 साल के एक छात्र की मौत हो गई थी.

हाल के दिनों में लोग लगातार कर्फ्यू का उल्लंघन करते रहे हैं. लेकिन बुधवार को सेना ने श्रीनगर में फ्लैग मार्च किया. गुरुवार को भी सेना की भारी तैनाती रही.

अलगाववादी ताकतें लोगों से अपील कर रही हैं कि वे सुरक्षाबलों की परवाह न करें और सड़कों पर निकलें. उधर भारत के हिस्से वाले कश्मीर के दूसरे हिस्सों में भी कर्फ्यू लगाया गया है. संभावाना है कि और सैनिक केंद्र सरकार कश्मीर में भेज सकती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः आभा एम

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