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"कश्मीर, उत्तर पूर्व में मानवाधिकारों से खिलवाड़"

९ अप्रैल २०११

अमेरिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत प्रशासित कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी और उत्तर पूर्वी राज्यों में माओवादी मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर मामलों में शामिल रहे हैं. रिपोर्ट में भारत सरकार की भी आलोचना की गई है.

तस्वीर: AP

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह रिपोर्ट जारी की है. 2010 में मानवाधाकिरों की स्थिति पर जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है, "जम्मू कश्मीर और उत्तर पूर्वी राज्यों व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आतंकवादियों और अलगाववादियों ने मानवाधिकार उल्लंघन की कई गंभीर घटनाओं को अंजाम दिया है. इनमें सुरक्षाबलों, पुलिस, सरकारी अधिकारियों और आम नागरिकों की हत्याओं जैसी घटनाएं शामिल हैं."

तस्वीर: AP

पिछले साल से बेहतर

विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने यह सालाना रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा गया है कि आतंकवादी तत्व बड़ी तादाद में शोषण, बलात्कार, सिर काटने, अपहरण और फिरौती जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं. हालांकि रिपोर्ट कहती है कि पिछले साल के मुकाबले घटनाओं में कमी आई है.

भारत के बारे में इस रिपोर्ट में एक विशेष हिस्सा है. इसमें सरकार की तरफ की गई ज्यादतियों का भी जिक्र किया गया है. रिपोर्ट ने सरकार और इसके एजेंटों के गैरकानूनी हत्याओं में शामिल होने की बात को गंभीरता से उठाया है. जम्मू कश्मीर और उत्तर पूर्व के विवादग्रस्त इलाकों में कानून के बाहर जाकर संदिग्ध अपराधियों और विद्रोही तत्वों की हत्याओं पर भी जोर दिया गया है.

तस्वीर: AP

पंजाब और गुजरात

यह रिपोर्ट 2010 में 190 देशों में मानवाधिकार की स्थिति के बारे में विस्तार से बताती है. इसमें भारत सरकार की यह कहते हुए आलोचना की गई है कि उसने पंजाब में 1984 से 1994 के बीच के बगावती दौर में मानवाधिकारों के साथ खिलावाड़ करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की.

रिपोर्ट में गुजरात का भी जिक्र है. इसके मुताबिक सामाजिक कार्यकर्ता बार बार पश्चिमी राज्य गुजरात में 2002 की सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने में सरकार की नाकामी के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं.

रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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