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कश्मीर का गुस्सा और दर्द समझें: सोनिया

२० अगस्त २०१०

भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर की स्थिति पर चिंता जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि कश्मीरियों के दर्द और उनके गुस्से को समझने की जरूरत है. यह काम सिर्फ आपसी समझ और बातचीत से ही संभव है.

तस्वीर: UNI

सोनिया ने कहा कि उनकी पार्टी के एजेंडे में जम्मू कश्मीर का मुद्दा खास जगह रखता है और कश्मीर के लोग उनके अपने लोग हैं, उनका दुख भी अपने दुख जैसा है. सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में 10 अगस्त की बैठक का जिक्र किया और कहा कि आगे बढ़ने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने सभी पार्टियों की बैठक के बाद घाटी के लोगों को साथ लेकर चलने की बात कही थी.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "जम्मू कश्मीर में हाल के हफ्तों में हिंसा और तनाव रहा है. वहां जो कुछ हो रहा है, उससे मैं बहुत दुखी हूं." उन्होंने कहा कि जिस परिवार ने भी अपना खोया है, उसके प्रति वे संवेदना व्यक्त करती हैं.

कश्मीर में रोज हो रहे हैं विरोध प्रदर्शनतस्वीर: AP

उन्होंने कहा, "वक्त की मांग है कि वहां के लोगों तक पहुंचा जाए, खास कर युवा पीढ़ी के लोगों तक." बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कैबिनेट के दूसरे सदस्य भी शामिल थे. सोनिया गांधी ने कहा कि एक पूरी पीढ़ी संघर्ष और हिंसा के साए में बड़ी हुई है और उनके दर्द को, उनके गुस्से को समझना बेहद जरूरी है.

कश्मीर में पिछले दो महीने बेहद तनाव भरे रहे हैं, जिसमें भारत विरोधी प्रदर्शनों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बार बार लोगों से हिंसा छोड़ने की अपील की है. उन्होंने हाल ही में यह भी कहा कि संविधान के दायरे में रहते हुए घाटी में स्वायत्तता देने पर विचार किया जा सकता है. हालांकि उनके इस बयान पर विपक्षी पार्टी भड़क उठे थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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