कश्मीर की कमान उमर के नाम
३० दिसम्बर २००८दिल्ली में कोहरे और धुंध के बीच जम्मू कश्मीर की राजनीतिक धुंध चुनाव नतीजे आने के दो दिन बाद साफ़ हो गई. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात के बाद उमर अब्दुल्लाह ने बताया कि दोनों पार्टियां बराबरी की साझीदार होंगी और कांग्रेस भी सरकार में शामिल होगी.
इससे पहले सोनिया गांधी ने कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक की और इस मसले पर गंभीर चर्चा हुई. बाद में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद और जम्मू कश्मीर के कांग्रेस प्रभारी पृथ्वीराज चव्हाण सहित कई वरिष्ठनेताओं ने उमर अब्दुल्लाह के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात की. इस मुलाक़ात में आपसी गठबंधन पर मुहर लगा दी गई.
इस वक्त लोकसभा सांसद उमर अब्दुल्लाह ने मुलाक़ात के बाद कहा, “यह एक साझा सरकार होगी. नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस साझा सरकार बनाएगी. दोनों ही पार्टियां बराबरी की साझीदार होंगी”
उमर अब्दुल्लाह ने इस बार कश्मीर के गांदरबल विधानसभा सीट से चुनाव जीता है, जहां से वह पिछली बार हार गए थे. मार्च में 39 साल के हो रहे उमर अब्दुल्लाह ने मुंबई और स्कॉटलैंड में पढ़ाई की है और बिज़नेस मैनेजमेंट का कोर्स भी किया है. वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में 28 सीटों के साथ नेशनल कांफ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है, जबकि पीडीपी 21 और कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव जीती है.
नेशनल कांफ्रेंस ने पहले एलान किया था कि अगर वह बहुमत में आती है तो फ़ारूक़ अब्दुल्लाह राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे, जो पहले भी तीन बार राज्य की कमान संभाल चुके हैं. लेकिन समझा जाता है कि कांग्रेस फ़ारूक़ अब्दुल्लाह के नाम पर रज़ामंद नहीं थी. इसके बाद श्रीनगर की दो सीटों पर जीत हासिल करने वाले फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने ख़ुद सोमवार को अपने बेटे उमर अब्दुल्लाह को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश कर दिया.
पिछली बार 2002 के चुनाव में कांग्रेस ने पीडीपी के साथ मिल कर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाई थी. लेकिन इस साल अमरनाथ विवाद के बाद दोनों पार्टियों के बीच तनाव आ गया था. इसी विवाद के बीच इस साल राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लगा दिया गया था.
नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन के एलान के बाद पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि उनकी पार्टी विपक्ष में बैठने के लिए तैयार है. गठबंधन के बाद कांग्रेस के महासचिव और जम्मू कश्मीर के प्रभारी पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि उमर अब्दुल्लाह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने एक मिली जुली सरकार बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे कांग्रेस ने मान लिया. इसके बाद सहमति बनी की उमर अब्दुल्लाह के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर में नई सरकार बनेगी.
पिछली बार कांग्रेस-पीडीपी ने जो फ़ॉर्मूला तैयार किया था, उसके मुताबिक़ दोनों पार्टियों को तीन तीन साल के लिए मुख्यमंत्री पद दिया गया था. हालांकि इस बार अभी तक ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है. उमर अब्दुल्लाह ने बताया कि बुधवार को उनकी पार्टी के कुछ और नेता दिल्ली आ रहे हैं, जिनसे सलाह मशविरा के बाद ही अगले मंत्रिमंडल की रूप रेखा साफ़ हो पाएगी.