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कश्मीर पैकज का राजनीतिक दलों ने स्वागत किया

२६ सितम्बर २०१०

कश्मीर घाटी में विवाद को शांत करने के लिए केंद्र सरकार की आठ सूत्री पहल का राज्य की राजनीतिक पार्टियों ने स्वागत किया है लेकिन हुर्रियत ने इसे महज आंखों का धोखा कहा. बीजेपी ने लगाए हुर्रियत पर आतंक फैलाने के आरोप.

तस्वीर: DW

शनिवार को जम्मू कश्मीर में शांति लौटाने के लिए केंद्र सरकार की पहल को राजनीतिक पार्टियों ने अच्छी शुरूआत कहते हुए इसका स्वागत किया. हालांकि अलगाववादी पार्टियों को ये कदम नहीं भाया. हुर्रियत के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारुक और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के यासीन मलिक ने अभी चिदंबरम के एलान पर अपना मुंह नहीं खोला है. उमर फारुक और यासीन मलिक ने कहा है कि पार्टी के भीतर चर्चा करने के बाद ही वो अपनी प्रतिक्रिया देंगे.

सरकार का पैकेज सिर्फ धोखातस्वीर: DW/ Anwar Ashraf

राजनीतिक पार्टियों ने उम्मीद जताई है कि सरकार के इस कदम से जम्मू कश्मीर में चल रहा संकट खत्म होगा और कश्मीर के लोग भी सरकार की पहल पर सकारात्मक जवाब देंगे. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा," केंद्र सरकार की ये पहल एक सकारात्मक कदम है और निश्चित रूप से इसके जरिए कश्मीर के राजनीतिक संकट का हल होगा." उमर अब्दुल्ला ने लोगों से बातचीत के लिए वार्ताकारों की नियुक्ति के कदम का स्वागत किया.

जम्मू कश्मीर की विपक्षी पार्टी पीडीपी ने भी सरकार के कदम का स्वागत किया हालांकि उसका मानना है कि कुछ और कदम उठाए जाने की जरूरत है. पीडीपी के प्रवक्ता नई अख्तर ने कहा," निश्चित रूप से ये एक अच्छी शुरुआत है लेकिन लोगों का भरोसा जीतने के लिए और कुछ भी करने की जरूरत है." पीडीपी का कहना है कि चिदंबरम की घोषणाओं के अलावा विश्वास बहाली के लिए और कदम उठाए जाने चाहिए. 2003 में शुरू की गई शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाना चाहिए.

तस्वीर: UNI

उधर हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा, "भारत सरकार ने हमारी किसी मांग पर विचार नहीं किया है इसमें पहली मांग ये थी कि कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र माना जाए." गिलानी ने सरकार के एलान को आंखों का धोखा कहा. गिलानी ने कहा कि सरकार समस्या को हल करने में चालबाजियों का सहारा ले रही है. विरोध प्रदर्शनों में पुलिस की गोली से मारे गए लोगों को परिवार को सरकार ने पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है. गिलानी ने इस मुआवजे को खारिज करते हुए कहा कि कश्मीर से भारतीय फौज की वापसी ही उनका मुआवजा हो सकती है.

देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने कहा कि नागरिकों की भलाई और अलगाववाद के विरोध में उठाए गए हर कदम का वो स्वागत करेगी. पार्टी से जारी बयान में कहा गया है," बीजेपी जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने के पक्ष में है. पार्टी ने हमेशा अलगाववादियों को एहसास दिलाया है कि भारत किसी भी हाल में अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा" बीजेपी ने ये भी कहा है कि वो आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट में संशोधन के किसी प्रस्ताव का समर्थ नहीं करेगी. बीजेपी का मानना है कि अर्द्धसैनिक बलों को भी इस तरह के एक्ट के संरक्षण की जरूरत है.

बीजेपी ने अलगाववादी संगठनों पर राज्य में आतंक फैलाने का भी आरोप लगाया. बीजेपी प्रवक्ता तरुण विजय ने मुंबई मे कहा," हुर्रियत कांफ्रेंस के मीरवाइज उमर फारुक, यासीन मलिक और सैयद अली शाह गिलानी जैसे लोग कश्मीर की इस हालत के लिए जिम्मेदार हैं ये तीनों लोग कश्मीर में आतंक फैलाने के काम में जुटे हैं." तरुण विजय ने आरोप लगाया कि कश्मीर के बच्चों को जबरदस्ती राजनीतिक कार्यकर्ता बनाए जा रहा है. बीजेपी प्रवक्ता ने साफ कहा कि कश्मीर में बचपन का खून करने के लिए यही अलगाववादी दोषी हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः एस गौड़

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