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कश्मीर में कैसे मन रही है ईद?

१२ अगस्त २०१९

दुनिया भर में आज बकरीद मनाई जा रही है लेकिन कश्मीर में एक बेचैन खामोशी फैली हुई है. जम्मू कश्मीर का विशेषाधिकार खत्म करने और इसे दो भागों में बांटने के फैसले के बाद आज आठवां दिन है जब संपर्क के सारे रास्ते बंद हैं.

Indien Kaschmir Opferfest
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/C. Anand

कश्मीर से आ रही खबरों से पता जलता है कि सड़कें खाली हैं क्योंकि अधिकारी भारत विरोधी प्रदर्शनों के डर से ज्यादा लोगों को एक जगह इकट्ठा नहीं होने दे रहे हैं. कश्मीर पुलिस की तरफ से आए एक ट्वीट में कहा गया है कि ईद की नमाज, "शांतिपूर्ण तरीके से कश्मीर के अलग अलग हिस्सों में पूरी हो गई." स्वतंत्र तरीके से इस बात की तुरंत पुष्टि नहीं की जा सकी है.

भारत के विदेश मंत्रालय ने कुछ तस्वीरें जारी की हैं जिनमें लोगों को मस्जिद जाते हुए देखा जा सकता है. हालांकि मंत्रालय के एक प्रवक्ता यह नहीं बता सके कि यह तस्वीरें क्या जम्मू कश्मीर के अंदर की ही हैं. श्रीनगर की सबसे बड़ी मस्जिद जामा मस्जिद को बंद करने के आदेश दिए गए हैं. लोगों को केवल छोटी मस्जिदों में नमाज पढ़ने की ही इजाजत दी गई है ताकि बड़ी संख्या में लोग एक जगह जमा ना हो सकें.

तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/C. Anand

श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर शाहिद चौधरी ने रविवार को ट्वीट कर बताया था कि कई धार्मिक नेताओं के साथ उन्होंने रविवार को मुलाकात की थी ताकि नमाज के लिए जरूरी इंतजाम किए जा सकें. भारत की मीडिया में भी ऐसी तस्वीरें नहीं आ रही हैं जिनसे शुक्रवार को वहां की सड़कों पर हो रही गतिविधि का पता चल सके. इससे एक दिन पहले कुछ लाइव तस्वीरें दिख रही थीं जिनमें सड़कों पर लोग, कारें और दूसरी गाड़ियां नजर आ रही थीं. इससे उम्मीद जगी थी कि सोमवार को भी ईद के मौके पर कर्फ्यू हटाया जाएगा.

बीते हफ्ते शुक्रवार की नमाज के लिए भी लोगों की गतिविधियों पर लगी पाबंदी हटाई गई थी. स्थानीय लोगों ने शनिवार और रविवार को खरीदारी भी की थी. हालांकि इसके तुरंत बाद ही विरोध प्रदर्शन होने लगे और सैकड़ों लोग बाहर निकल आए. इसके बाद पुलिस की गाड़ियों ने सड़कों पर चक्कर लगाए और लोगों से कहा कि वो घर के भीतर ही रहें. श्रीनगर में रहने वाले शाहनवाज शाह ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "मुझे यकीन नहीं होता कि हमें त्योहार के मौके पर घर के भीतर रहने के लिए विवश किया जा रहा है. यह खुशी और उमंग का त्योहार है."

तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/C. Anand

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने रविवार को कहा कि उन्हें दो हफ्ते में कश्मीर की स्थिति "पूरी तरह से शांतिपूर्ण" होने की उम्मीद है. कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने बताया कि लोगों से "कहा गया है कि वो आसपास की मस्जिदों में ही नमाज पढ़ें." स्थानीय लोग कह रहे हैं कि सुरक्षा के भारी इंतजाम की वजह से उन्हें बहुत डर लग रहा है और ऐसे में क्या त्योहार मनाया जाएगा. श्रीनगर के बाजार में बकरा बेचने वाले व्यापारी मकबूल ने बताया कि बीते सालों की तुलना में इस बार बकरा खरीदने वालों की संख्या बहुत कम है. बीते साल उसे "भारी मुनाफा" हुआ था लेकिन इस साल "बहुत नुकसान" हो रहा है.

तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/C. Anand

शुक्रवार की नमाज के बाद लोग प्रदर्शन करने के लिए निकल पड़े, उन्हें पुलिस ने आंसू गैस और पैलेट गन के जरिए तितर बितर किया. हालांकि अधिकारी इस बात से इनकार कर रहे हैं कि कोई बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था. उनका कहना है कि कुछ जगहों पर छोटे मोटे प्रदर्शन हुए हैं, इनमें कहीं भी 20 से ज्यादा लोग नहीं थे. 

एनआर/आरपी(एपी, रॉयटर्स)

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