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आतंकवाद

कश्मीर में रुक नहीं रहीं राजनीतिक हत्याएं

चारु कार्तिकेय
९ जुलाई २०२०

कश्मीर के बांदीपुर में आतंकवादियों ने बीजेपी के एक स्थानीय कार्यकर्ता को उसके पिता और भाई समेत मार डाला. उनकी सुरक्षा के लिए तैनात 10 पुलिसकर्मियों को हिरासत में ले लिया गया है.

IWMF 2020 Preisträgerin Masrat Zahra, Fotojournalistin | Bild aus Kaschmir, Indien, 2019
तस्वीर: picture-alliance/Zuma/Masrat Zahra

कश्मीर के बांदीपुरा में बुधवार शाम आतंकवादियों ने बीजेपी के एक स्थानीय कार्यकर्ता को पिता और उसके भाई समेत मार डाला. शेख वसीम बारी बांदीपुरा जिले के बीजेपी अध्यक्ष थे. तीनों पर हमला तब हुआ जब वे बांदीपुरा के मुस्लिमबाद इलाके में अपनी दुकान के बाहर बैठे हुए थे. दुकान के ठीक पीछे ही उनका घर भी है.

वसीम को संभवतः पहले से जान का खतरा था क्योंकि उनके साथ कश्मीर पुलिस की तरफ से आठ निजी सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे. हालांकि, आश्चर्य की बात यह है कि हमले के समय इनमें से एक भी सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद नहीं था. बताया जा रहा है कि वसीम के पिता बशीर अहमद और भाई उमर बशीर भी बीजेपी से जुड़े हुए थे और उन्हें भी निजी सुरक्षाकर्मी मिले हुए थे. ये सुरक्षाकर्मी भी हमले के समय वहां मौजूद नहीं थे.

सुरक्षाकर्मियों की तरफ से इसे कार्य की उपेक्षा का गंभीर मामला मानते हुए कश्मीर पुलिस ने कुल 10 सुरक्षाकर्मियों को हिरासत में ले लिया है. 

जानकारों का कहना है कि शेख वसीम वादी में और विशेष रूप से बांदीपुरा जिले में बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण शख्सियत थे. वो पार्टी के साथ अपने संबंधों को बड़े गर्व से दिखाते थे, जब कि कश्मीर में लोग अपने अपने राजनीतिक संबंधों को लेकर इतने मुखर नहीं रहते हैं. शायद इसीलिए उन्हें निजी सुरक्षा कर्मचारी भी मिले हुए थे, जबकि पूरे कश्मीर में चुने हुए सरपंचों के बार बार सरकार से गुहार लगाने के बाद भी सुरक्षाकर्मी नहीं मिले हैं.

श्रीनगर में वरिष्ठ पत्रकार जफर इकबाल ने डीडब्ल्यू को बताया कि सुरक्षाकर्मियों का हिरासत में लिए जाना एक अभूतपूर्व घटना है. उन्होंने बताया की सुरक्षा में चूक की वारदात वादी में पहले भी हुई हैं लेकिन उसके लिए पुलिसकर्मियों के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई कभी नहीं हुई.

बीजेपी के लिए शेख वसीम की अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनकी हत्या हो जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके परिवार के सदस्यों से फोन पर बात की और हत्या पर शोक जताया.

कश्मीर में बीजेपी की नीति तय करने वाले बड़े नेताओं में से एक राम माधव ने ट्विटर और फेसबुक पर वसीम के नाम शोक भरा संदेश दिया और वसीम की कई तस्वीरें और वीडियो भी साझा किए.

इस हमले की विपक्षी पार्टियों ने भी निंदा की है. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तीनों की हत्या पर खेद व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा कि बहुत दुख की बात है कि वादी में राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना कर मार देने का सिलसिला लगातार चल रहा है.

जून में अनंतनाग जिले में बीजेपी से जुड़े सरपंच अजय पंडित की भी आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी, जिसके बाद कश्मीर में कई सरपंचों ने मीडिया को बताया था कि उन सबकी जान खतरे में है, लेकिन प्रशासन उनकी सुरक्षा के लिए कोई भी कदम नहीं उठा रहा है. गांदरबल जिले में सरपंच नजीर अहमद राणा ने डीडब्ल्यू को बताया था कि पिछले चार सालों में 10 सरपंचों और पंचायत सदस्यों की हत्या हो चुकी है और अभी भी सभी सरपंचों को लगातार धमकियां मिल रही हैं.

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