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कसरत करें, ब्रेस्ट कैंसर से बचें

ईशा भाटिया (डीपीए)३० अक्टूबर २०१४

भारत में ब्रेस्ट कैंसर के आधे मामलों का अंत मौत में होता है. अमेरिका और चीन में भारत से कई गुना अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं लेकिन वक्त रहते इलाज मुमकिन होता है. ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है.

तस्वीर: Fotolia/Kzenon

भारत में स्तन कैंसर के मामलों में सबसे आगे है मुंबई. दूसरे नंबर पर है चेन्नई और उसके बाद बैंगलोर. यह बीमारी पिछले साल 70,000 से अधिक महिलाओं की मौत का कारण बनी. आंकड़े बताते हैं कि महिलाएं जब तक इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करती हैं, तब तक कैंसर आखिरी स्टेज तक पहुंच चुका होता है. देश में हर 28 में से एक महिला को स्तन कैंसर है. बड़े शहरों की बात करें, तो यह संख्या 22 है.

ब्रेस्ट कैंसर के इतने मामलों के बावजूद इसके बारे में जागरुकता की भारी कमी है. स्तन कैंसर औसतन 50 साल की उम्र की महिलाओं में ज्यादा देखा गया है. लेकिन चिंता की बात है कि यह उम्र अब घट कर 35 से 40 होती जा रही है. डॉक्टरों का कहना है कि आधुनिक जमाने की तेजी और पश्चिमी जीवनशैली इसके लिए जिम्मेदार हैं.

ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के मौके पर जर्मनी की कैंसर संस्था ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि कसरत के जरिए स्तन कैंसर को रोका जा सकता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जो महिलाएं प्रतिदिन 30 से 60 मिनट कसरत करती हैं, उनमें कसरत ना करने वालों की तुलना में स्तन कैंसर का खतरा काफी कम होता है. बॉन स्थित इस गैर सरकारी संस्था ने रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया है कि कसरत से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और वह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए भी तैयार हो जाता है.

रिपोर्ट तैयार करने के लिए कसरत करने वालों की जीवनशैली पर ध्यान दिया गया. रिपोर्ट के अनुसार जो महिलाएं नियमित रूप से कसरत करती हैं, वे शराब और सिगरेट का कम सेवन करती हैं. इसके अलावा वे संतुलित आहार लेने पर भी ध्यान देती हैं. इसके विपरीत कसरत ना करने वाली महिलाओं की जीवनशैली काफी अस्वस्थ होती है, जिससे शरीर कमजोर हो जाता है और स्तन कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

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