"कसाब को इसी साल हो सकती है फांसी"
१२ मई २०१०गृह सचिव जीके पिल्लई ने भारत के एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, “अगर उसकी (कसाब) तरफ से उच्च न्यायालय में विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ कोई अर्जी नहीं दी जाती, तो उसे इसी साल के अंत तक फांसी पर लटकाया जा सकता है.”
छह मई को मुंबई की एक विशेष अदालत ने आमिर अजमल कसाब को मौत की सजा सुनाई थी. अदालत ने 22 साल के कसाब को नरसंहार और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपों का दोषी पाया. मुंबई में नवंबर, 2008 में हुए आतंकवादी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी. हमलों के बाद कसाब एकमात्र जिन्दा पकड़ा गया हमलावर है. उसके पाकिस्तानी नागरिक होने की पुष्टि हो चुकी है. वह लश्कर ए तैयबा का सदस्य है. मुंबई पर 10 बंदूकधारियों ने हमला किया था, जिनमें से नौ मुठभेड़ में मारे गए.
भारत में मौत की सजा का प्रावधान है लेकिन देश में पिछले कई सालों से किसी को फांसी नहीं दी गई है. हालांकि कई लोगों को मौत की सजा मिल चुकी है और उन्हें सजा का इंतजार है. 2001 में भारत के संसद पर आतंकवादी हमले के दोषी करार दिए जा चुके अफजल गुरु को भी फांसी की सजा मिली है. इस बारे में पूछे जाने पर पिल्लई ने कहा कि उसकी माफी की याचिका पर भारत सरकार विचार कर रही है.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः उ भट्टाचार्य