1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कसाब: गांव से आतंकवाद की राह पर

२१ नवम्बर २०१२

काली टीशर्ट पहना एक युवक, हाथ में एक ऑटोमैटिक मशीन गन, कभी अस्पताल में घायल, तो कभी जेल के एक कमरे में सवालों का जवाब देते हुए. मोहम्मद अजमल आमिर कसाब 2008 मुंबई हमलों का खौफनाक चेहरा. 21 नवंबर 2012 को कसाब को हुई फांसी

तस्वीर: picture-alliance/dpa

कसाब का जन्म पाकिस्तान के पंजाब राज्य के फ़रीदकोट ज़िले में हुआ था. कसाब के चार भाई बहन हैं. 10 साल की उम्र में ग़रीबी से मजबूर कसाब को स्कूल छोड़ना पड़ा जिसके बाद लाहौर में वह अपने पिता के ठेले में उनकी मदद करता था. इसके बाद वह छोटे मोटे अपराध करने लगा. 2007 में कसाब रावलपिंडी चला गया जहां लश्कर ए तैयबा के सदस्यों से उसकी मुलाकात हुई. भारत की खुफिया एजेंसियों का मानना है कि लश्कर ने मुंबई हमलों की साज़िश रची और 10 बंदूकधारियों को इस योजना के लिए तैयार किया. क़साब के बयान में इस बात की भी पुष्टि की गई है.

हमले के पीछे साज़िश और उसकी योजना का ज़्यादातर पता कसाब के बयानों से मिला. कसाब ने इस दौरान अपने गुनाह कबूल भी किए लेकिन बाद में इनसे पीछे हटते हुए सुरक्षा बलों पर आरोप लगाया कि उसपर दबाव डालकर यह बयान लिए गए हैं.

कसाब को फांसी की सज़ा सुनाते हुए विशेष अदालत के जज ने कहा कि कसाब ने अपने बयान को कबूल किया है और कहा है कि उसने ऐसा अपनी मर्ज़ी से किया था, दबाव में नहीं. अपने गुनाह कबूल करते हुए क़साब ने कहा कि भविष्य में 'जिहादी उसके काम से प्रेरित होंगे.'

लश्कर ए तैयबा से मिली ट्रेनिंगतस्वीर: AP

कसाब और हमले में शामिल लोगों को एक साल की ट्रेनिंग दी गई और उन्हें अलग अलग हथियारों को इस्तेमाल करना भी सिखाया गया. उन्हें कसरत के साथ बारूदी गोलों, ऑटोमैटिक हथियार, रॉकेट लॉंचर और मोर्टार को चलाना भी सिखाया गया. उन्हें भारत में मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार के भी वीडियो दिखाए गए. कसाब ने अपने बयान में कहा है कि लश्कर प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद ने हमलावरों की टीम से कहा कि कश्मीर को आज़ाद करने के लिए जिहाद का वक़्त आ गया है.

तहकीकात के दौरान जब क़साब से पूछा गया कि हमले के बाद उनकी क्या योजना थी, तो उसने कहा कि उन्हें आदेश थे कि वे तब तक गोलियां चलाएं जब तक उन्हें कोई मार न दे.

कसाब के मुताबिक हमलावरों के परिवारों को उनके 'बलिदान' के लिए पैसे दिए जाने थे. पूछताछ के दौरान उसने यह भी बताया कि पाकिस्तान में उसकी तरह कई युवा हैं जिन्हें लश्कर से ट्रेनिंग मिली है और जो अपने 'मिशन' का इंतज़ार कर रहे हैं.

26 नवंबर 2008 के हमलों में 10 बंदूकधारी मौजूद थे जिनमें से केवल कसाब बच पाया और पुलिस के हाथों पड़ गया. खुफिया एजेंसियों का मानना है कि कसाब सहित दस आतंकवादी पाकिस्तानी शहर कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे जहां उन्होंने अगले 60 घंटों तक कहर मचाया. कसाब और उसके साथियों ने अपनी बंदूकों से कुल 166 लोगों को मार डाला.

एमजी/एएम

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें