1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

"कसाब सीएसटी स्टेशन पर नहीं था"

३ दिसम्बर २०१०

मुंबई में दो साल पहले हुए आतंकवादी हमले के प्रमुख आरोपी अजमल आमिर कसाब ने नया दांव खेलते हुए दावा किया है कि वह मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर गया ही नहीं और पुलिस उसे गलत तरीके से फंसा रही है.

तस्वीर: AP

सरकारी वकील के तर्क में कमियां निकाल कर और चश्मदीदों के अलग अलग बयानों के मद्देनजर शुक्रवार को कसाब ने बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बात कही. उसके वकीलों अमीन सोलकर, फरहाना शाह और संतोष देशपांडे ने अदालत को यह बात बताई कि दो साल पहले जब छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर गोलीबारी हुई, तो उस वक्त कसाब उस स्टेशन पर मौजूद था ही नहीं.

कसाब को मृत्युदंड दिए जाने के बाद हाई कोर्ट में इस पर सुनवाई चल रही है. इसी दौरान उसके वकीलों ने अदालत से कहा, "हम इस घटना को नकार नहीं रहे हैं. हम इस बात से भी इनकार नहीं करते कि दो आतंकवादियों ने वहां गोलियां चलाईं. हम सिर्फ यह कहना चाहते हैं कि घटना के वक्त कसाब उस जगह पर मौजूद नहीं था." जिस वक्त कार्यवाही चल रही थी, कसाब वीडियो कांफ्रेंसिंग वाली स्क्रीन पर नजर नहीं आ रहा था.

तस्वीर: AP

सोलकर ने जज से कहा कि उन्हें निजी तौर पर उन जगहों का दौरा करना चाहिए ताकि उन्हें इलाके का पता लग सके, जिसके आधार पर सरकारी वकील आरोप लगा रहे हैं. अदालत ने कहा कि वह भी चाहते हैं कि जाकर जगहों का मुआयना करें और इसकी कोई तारीख अगले हफ्ते तय कर ली जाएगी. इससे पहले कसाब को मृत्युदंड सुनाने वाले वरिष्ठ सत्र न्यायाधीश एमएल तहलियानी ने भी मौके पर जाकर निरीक्षण किया था.

सोलकर ने चश्मदीदों के बयान में भी नुक्स निकालने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि पुलिस कांस्टेबल भारत भोंसले ने बयान दिया है कि वह छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर मौजूद था. उसका कहना है कि पहले एक हैंड ग्रेनेड फेंका गया और इसके 10 मिनट बाद गोलियां चलाई गईं. सोलकर का कहना है कि दूसरे चश्मदीद ऐसा नहीं कह रहे हैं.

सोलकर ने कहा कि भोंसले का कहना है कि उन्होंने रेलवे स्टेशन पर कसाब को राइफल में गोलियां भरते हुए देखा. लेकिन उनके बयान में उसे कैसे पहचाना, इस बारे में कोई जिक्र नहीं है. सोलकर का कहना है कि भोंसले ने पुलिस को दिए बयान में कसाब का जिक्र नहीं किया और सीधे अदालत में उसे पहचाना कि इसी शख्स ने स्टेशन पर गोलियां चलाईं. भोंसले ने बाद में कहा कि वह पुलिस को दिए बयान में कसाब का जिक्र करना भूल गए. सोलकर का दावा है, "यह भरोसेमंद गवाह नहीं है. उसकी गवाही पर यकीन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि पुलिस ने कसाब को फंसाने के लिए उसे तैयार किया है और वह खुद छत्रपति शिवाजी स्टेडियम पर नहीं था."

बचाव पक्ष के वकील ने कांस्टेबल जिलू जाधव के वहां मौजूद होने पर भी सवाल उठाए. जाधव ने कहा था कि जब कसाब का राइफल जाम हो गया तो उन्होंने उसकी तरफ एक कुर्सी फेंकी. सोलकर ने कहा कि जाधव ने अपने बयान में कहा है कि वह कसाब की वजह से एक खंभे के पीछे छिप गए. जब वह एक खंभे के पीछे छिपे थे तो आखिर कसाब को देख कैसे सकते थे.

सीएसटी मुंबईतस्वीर: DPA

सोलकर का कहना है कि ज्यादातर गवाहों ने कसाब को बुटका (छोटे कद वाला) और उसके साथी अबु इस्माइल को लंबू कह कर उनकी जानकारी दी है और यह अदालत के लिए काफी नहीं होना चाहिए. वकील का कहना है कि सभी चश्मदीदों का कहना है कि उन्होंने कसाब को 25-30 फिट की दूरी से देखा. इतनी दूर से किसी को देख कर पहचानना आसान काम नहीं है.

कसाब के वकील का कहना है कि सीसीटीवी के फुटेज में भी साफ तस्वीर नहीं है और उसमें जो छवि उभर रही है, वह कसाब की ही है, पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है. मुंबई में नवंबर, 2008 में हुए आतंकवादी हमले में शामिल कसाब को इसी साल छह मई को मौत की सजा सुनाई गई है. लगभग तीन दिनों तक चले आतंकवादी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी. कसाब एक पाकिस्तानी नागरिक है.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें