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कांग्रेस की सरकार बनी तो हार्दिक पर से मुकदमे हटेंगे

३० अक्टूबर २०१७

कांग्रेस पार्टी ने पाटीदार समुदाय को आरक्षण के मुद्दे पर आश्वासन दिया कि अगर उसकी सरकार बनी तो हार्दिक पटेल पर राजद्रोह के मुकदमे वापस ले लेगी.

Indien Protestmarsch Hardik Patel
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Panthaky

कांग्रेस तथा हार्दिक पटेल की अगुवाई वाली पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पीएएएस) के नौ संयोजकों की कोर कमेटी की बैठक में पार्टी ने यह आश्वासन दिया. हार्दिक पटेल खुद इस बैठक में नहीं थे. कांग्रेस ने इस बैठक में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा में मारे गये 14 लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी और 35 लाख की सहायता देने, आंदोलन के दौरान कथित पुलिस ज्यादती की जांच के लिए विशेष जांच दल एसआईटी बनाने तथा संवैधानिक तौर पर सवर्ण आयोग बनाने तथा इसके लिए 2000 करोड़ का कोष देने का भी आश्वासन दिया है. पाटीदार समुदाय को आरक्षण के मुद्दे पर विशेषज्ञों से राय लेकर फिर से बैठक करने की बात आज की बैठक में तय हुई.

हार्दिक पटेल ने राजकोट में एक पत्रकार सम्मेलन में इस बैठक को सकारात्मक बताया तथा संकेत दिया कि वह आर्थिक आधार पर आरक्षण (ईबीसी) लेने के लिए भी तैयार हैं. आरक्षण को लेकर दो दिन में फिर से चर्चा होगी. उन्होंने यह भी कहा कि वह गला काट देने पर भी भाजपा के साथ नहीं जायेंगे. पास की कोर कमेटी के साथ चर्चा कर एक नवंबर से होने वाले राहुल गांधी के गुजरात दौरे पर उनसे मिलने अथवा न मिलने के बारे में निर्णय करेंगे. भाजपा का ईबीसी आरक्षण अदालत ने रद्द कर दिया है इसलिए उसे इस पर बात करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि फिलहाल वह किसी का विरोध अथवा समर्थन नहीं करेंगे.

तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Solanki

पीएएएस के नेता अल्पेश कथीरिया और कांग्रेस के नेता सिद्धार्थ पटेल ने इस बैठक के बाद अलग अलग संवाददाता सम्मेलनों में कहा कि आरक्षण का मुद्दा फिर से किसी पेंच में न फंस जाये इसलिए इस पर कानूनी और संवैधानिक विशेषज्ञों से राय लेकर फिर से बैठक होगी. कथीरिया ने कहा कि समिति ने अभी तक किसी भी दल को समर्थन देने का निर्णय नहीं लिया है. राहुल गांधी की एक नवंबर से होने वाली यात्रा पर भी हार्दिक पटेल के साथ सलाह मशविरे के बाद रुख तय किया जायेगा.

पाटीदार समाज पहले ही भाजपा का विरोध करने का संकल्प जता चुका है. भाजपा की ओर से गठित गैर आरक्षित वर्ग आयोग संवैधानिक व्यवस्था के तहत नहीं है. हार्दिक और कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी दोनो ने भाजपा की ओर से इस बैठक को मैच फिक्सिंग यानी पहले से तय परिणाम वाला बताने पर आपत्ति जतायी. श्री सोलंकी ने कहा कि अगर यह बैठक तय होती तो पास आज ही कांग्रेस को समर्थन की घोषणा कर देती. हार्दिक ने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि वह ओबीसी वर्ग का हक लेकर पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण नहीं चाहते. हार्दिक और पीएएएस की ओर से कांग्रेस को समर्थन की औपचारिक घोषणा से पहले उन्होंने पार्टी से आरक्षण के मुद्दे पर इसका रूख स्पष्ट करने की मांग की थी.

तस्वीर: Reuters

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मनीष दोषी ने बताया कि बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री भरतसिंह सोलंकी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया और सिद्धार्थ पटेल (पार्टी के प्रमुख पाटीदार नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल के पुत्र) तथा हार्दिक पटेल को छोड कर समिति के नौ संयोजकों ने शिरकत की. बैठक पार्टी के प्रदेश मुख्यालय राजीव गांधी भवन में हुई. बैठक में भाग ले रहे समिति के संयोजकों में हार्दिक के करीबी दिनेश बांभणिया, मनोज पनारा, ललित वसोया, अतुल पटेल, अल्पेश कथीरिया, किरीट पटेल, उदय पटेल और गीता पटेल शामिल थे. सौराष्ट्र का दौरा कर रहे हार्दिक पटेल ने कहा था कि वह इस बैठक के बाद गुजरात चुनाव में कांग्रेस के समर्थन पर अपना रुख स्पष्ट कर देंगे.

हार्दिक पर भाजपा इस बात के लिए दबाव बना रही है. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि हार्दिक को बताना चाहिए कि कांग्रेस उनके समुदाय को क्या ओबीसी का दर्जा दिलाने को तैयार है. अगर कांग्रेस आर्थिक आधार पर आरक्षण यानी ईबीसी की बात करती है तो भाजपा तो पहले ही ऐसा कर चुकी है. कांग्रेस ने पूर्व में 20 प्रतिशत ईबीसी देने की बात कही थी. सत्तारूढ भाजपा का खुलेआम विरोध कर रहे हार्दिक ने दो दिन पहले एक ट्वीट कर कांग्रेस के पाटीदार समुदाय को आरक्षण पर इसका रूख स्पष्ट नहीं करने पर इसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी की एक नवंबर से तीन नवंबर तक दक्षिण गुजरात यात्रा के दौरान विरोध की चेतावनी दी थी. उन्होने चेतावनी दी थी कि अगर कांग्रेस ने तीन तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की सभा में सूरत में उनके समर्थकों के जबरदस्त हंगामे की पुनरावृत्ति की जायेगी.

एमजे/एनआर (वार्ता)

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