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कांग्रेस के युवा चेहरे

१७ मई २००९

राहुल गांधी, प्रियंका गांधी कांग्रेस के नए चेहरे हैं जो निश्चित ही इस बार कांग्रेस के जीत का एक बड़ा कारण रहे हैं. प्रिसंका हालांकि राजनीति में नहीं उतरी हैं लेकिन उनके मुखर बयानों और विचारों से बदलाव लाया है.

राहुल राजनीति का चेहरा बदलना चाहते हैं!तस्वीर: UNI

कांग्रेस हमेशा से दावा करती रही है कि उसके पास सबसे ज़्यादा युवा उम्मीदवार और कार्यकर्ता हैं लेकिन पिछली बार जब सरकार बनी तो इक्का दुक्का नामों के अलावा सरकार में कोई ताज़ा चेहरा नहीं था.

एक बात जो सामने आती है वो ये कि कांग्रेस को अप्रत्याशित तरीके जो जीत मिली है उसमें बाकी दलों की ग़लतियों को अगर दरकिनार कर दिया जाए तो कांग्रेस में राहुल के बाद प्रियंका का भी मुखर होना एक बड़ी भूमिका निभाता है.

मनमोहन सिंह के अनुरोध के बाद भी राहुल ने सरकार में शामिल होने से एक तरह से इनकार ही कर दिया है. वे राजनीति का चेहरा बदलना चाहते हैं. इसलिये कांग्रेस की जीत के बाद दिल्ली की शोर शराबे में शामिल न होकर वे उत्तरप्रदेश में सुल्तानपुर गए और अपनी बहन प्रियंका गांधी वडेरा के साथ मिलकर जनता को धन्यवाद दिया.

राहुल गांधी ने अपने आस पास कई नए चेहरों को खड़ा किया है, जो ये साबित करता है कि वे कांग्रेस का चेहरा युवा बनाना चाहते हैं. कुछ नाम जो हमें तुरंत दिखाई देते हैं-

जितिन प्रसाद जो सिर्फ़ 36 साल के हैं और फ़िलहाल राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. हालांकि ये भी एक राजनीति से जुड़े परिवार से आते हैं. जितिन शहांजहांपुर से लोकसभा सांसद रहे हैं औऱ केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं.

राहुल के सहयोगी हैं भंवर जितेन्द्र सिंह जो अलवर राजस्थान से हैं और वहां के शाही ख़ानदान से हैं. साथ ही अशोक तनवर भी राजनीतिक पृष्ठभूमि से आते हैं.

इसके बाद मीनाक्षी नटराजन् हैं जो यूथ कांग्रेस की अध्यक्ष रही हैं. इनका सीधे तौर पर किसी भी राजनीतिक परिवार, खानदान से लेना नहीं हैं. ये इस लोकसभा चुनाव में मंदसौर सीट से जीती हैं.

इसके अलावा गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया फिर जीते हैं, ग्वालियर के महाराजा हैं. उन्होंने माधवराव सिंधिया की अकस्मात मृत्यु के बाद राजनीति में पदार्पण किया.

सचिन पायलट छब्बीस साल की उम्र में लोकसभा के सबसे युवा सासंद बने. सचिन पायलट का चुनाव क्षेत्र राजस्थान में अजमेर है.

रिपोर्ट- एजेंसियां, आभा मोंढे


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