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कांग्रेस के 'सचिन शॉट' पर सीपीआई की गुगली

२७ अप्रैल २०१२

सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर बवाल हुआ. राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर कांग्रेस है, तो प्रशंसक सचिन पर प्रहार कर रहे हैं. अब सौरव गांगुली के लिए भी राज्यसभा की सीट मांगी जा रही है.

तस्वीर: AP

तेंदुलकर को राज्यसभा के लिए नामांकित किए जाने के अगले ही दिन वामपंथी पार्टी सीपीआई ने सौरव गांगुली के लिए राज्यसभा सीट मांग ली. सीपीआई के मुताबिक टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को भी भारतीय संसद के ऊपरी सदन की सदस्यता दी जानी चाहिए. गांगुली को भारत का सबसे सफल कप्तानों में एक और भारतीय क्रिकेट को नई आक्रामक दिशा देने वाला क्रिकेटर माना जाता है.

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सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता ने कहा, "मैं तेंदुलकर को राज्यसभा के लिए नामांकित करने के फैसले का स्वागत करता हूं. लेकिन साथ में जब सौरव गांगुली भी अपनी टॉप फॉर्म में हैं तो उनके नाम पर भी विचार होना चाहिए."

सीपीआईएम के मुताबिक राज्यसभा के नामांकन के लिए फिल्मी सितारों के अलावा लेखकों और सांस्कृतिक मामलों से जुड़े लोगों और कवियों को भी नामांकित किया जाना चाहिए. दासगुप्ता ने कहा, भारत "एक कामगारों का देश है." उद्योगपतियों को राज्यसभा में नहीं लाया जाना चाहिए.

उनका इशारा उद्योगपति अनु आगा की तरफ है. गुरुवार को सचिन तेंदुलकर के साथ फिल्म अभिनेत्री रेखा और अनु आगा को राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया.

रेखा के नाम पर जितनी सहमति है उतना ही बवाल कांग्रेस के 'सचिन शॉट' पर है. एक झटके में बोफोर्स का मामला दब गया और सचिन, सचिन शुरू हो गया. 23 साल लंबे करियर में दर्जनों घातक गेंदबाजों का सामना कर चुके सचिन सियासी फुलटॉस पर बोल्ड हो गए. सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर कई लोग राय दे रहे हैं कि सचिन को राज्यसभा की राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए था.

तस्वीर: AP

जिस सचिन का आलोचक भी सम्मान करते थे, वह अपने कई प्रशंसकों को नाराज कर गए हैं. ट्विटर पर सचिन तेंदुलकर के 23 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं और अब ट्विटर पर #अनफॉलो सचिन का ट्रेंड चल पड़ा है. क्रिकेट रत्न को भारत रत्न दिए जाने का मामला भी सामने आ गया है. राज्यसभा के लिए नामांकन होने के बाद यह पूछा जा रहा है कि क्या सचिन भारत रत्न पाने के चक्कर में तो नहीं हैं.

सरकार किस ढंग से राज्यसभा के लिए कुछ लोगों को नामांकित करती है, इस पर बहस हो रही है. शिव सेना पूछ रही है कि भारत को 1983 में विश्व कप जिताने वाले कपिल देव, महान बल्लेबाजों में शुमार सुनील गावस्कर या बड़ी समाजसेवी हस्तियों को सरकार ने राज्यसभा में क्यों नहीं बुलाया. कांग्रेस को सिर्फ सचिन ही क्यों याद आए. बीजेपी के मुताबिक सरकार अगर सचिन को सम्मानित ही करना चाहती थी तो उन्हें भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया.

रिपोर्ट: ओ सिंह/पीटीआई

संपादन: ए जमाल

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