कांग्रेस पर बरसे अन्ना हजारे, अनशन जारी
६ अप्रैल २०११![](https://static.dw.com/image/6495520_800.webp)
72 वर्षीय हजारे की मांग है कि एक ऐसा भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक लाया जाए जिसमें लोकपाल को व्यापक अधिकार दिए जाएं. उनका कहना है, "कांग्रेस पार्टी का बयान लोगों को गुमराह करने वाला है. यह आंदोलन कैसे गैर जरूरी और अपरिवक्व है. देश को 42 साल से इस बिल की जरूरत है. सरकार ऐसा बिल क्यों नहीं ला सकती."
जारी रहेगा अनशन
हजारे ने कहा कि जब तक सरकार कानून बनाने के काम में आम लोगों की भागीदारी पर सहमत नहीं होती, उनका आमरण अनशन जारी रहेगा. जब उनसे बुधवार को बीजेपी की तरफ से शुरू की गई भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी उनके चलाए आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है. हजारे का कहना है, "वह एक राजनीतिक पार्टी हैं और जो चाहे, वह करने को स्वतंत्र हैं. जब मैंने बीजेपी के शासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम शुरू की तो कांग्रेस ने मेरा समर्थन किया. अब उसका उलट हो रहा है."
हजारों का समर्थन
मंगलवार को बीजेपी नेता मेनका गांधी और प्रकाश जावड़ेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे हजारे से मिले, लेकिन वहां उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया. जेडीयू के प्रमुख शरद यादव भी हजारे के साथ मंच पर दिखे और उन्होंने जन लोकपाल बिल को अपना समर्थन दिया. उन्होंने इस मुद्दे को संसद में उठाने की भी बात कही. हजारे ने कहा है कि वह अब आगे किसी राजनेता को अपने साथ मंच पर नही बैठने देंगे.
भ्रष्टाचार के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले हजारे ने मंगलवार को अपना अनशन शुरू किया और इसमें हजारों लोग शामिल हो रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा एम