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कागजी शेर होने से कुछ नहीं होता: युवराज

१२ फ़रवरी २०११

भारतीय टीम में मध्यक्रम के अहम बल्लेबाज युवराज सिंह का मानना है कि भारत की टीम भले ही बहुत मजबूत नजर आ रही हो लेकिन जरूरी तो मैच जीतना है. युवी इस टीम की तुलना 1983 के वर्ल्ड कप में जीती टीम से भी नहीं करना चाहते.

तस्वीर: AP

युवराज का मानना है कि कागजी शेर होने से कुछ नहीं होता, जो होगा वो मैदान पर ही होगा. शुक्रवार को उन्होंने कहा, "सारी बातों से अहम यह है कि हमारी टीम मैच जीत रही है. 1983 की टीम एक सफल टीम थी. और हमें अगर साबित करना है कि हम अच्छी टीम हैं तो बस मैच जीतने होंगे. कागज पर हमारी टीम कितनी ही मजबूत नजर आए, जीतना ज्यादा जरूरी है."

तस्वीर: AP

जब उनसे टीम में उनकी जिम्मेदारी के बारे में पूछा गया तो 29 साल के खब्बू बल्लेबाज ने कहा, "बीच के ओवरों में हालात को समझकर अच्छी बैटिंग अहम है. हम कैसी हालात में हैं, हमें रन बनाने हैं या मजबूत साझेदारी खड़ी करनी है जैसी बातें सोचनी होंगी. पिछले दो साल से मैं यही करने की कोशिश कर रहा हूं."

2007 का वर्ल्ड कप भारत के लिए बेहद खराब रहा था. उसमें युवराज सिंह भी टीम का हिस्सा थे और वे यादें अभी उनके जहन से गई नहीं हैं. इस बार वे उन्हें मिटा देना चाहते हैं. वह कहते हैं, "हम 2007 के वेस्टइंडीज वर्ल्ड कप के बारे में सोचते हैं. हम सोचते हैं कि क्यों अगले राउंड में नहीं पहुंच पाए. हालांकि यह अब बीती बात है. हम नई शुरुआत कर चुके हैं. पिछली बार हमें रफ्तार नहीं मिली. अबकी बार वही रफ्तार हासिल करनी है. देखना होगा कि हम टूर्नामेंट की शुरुआत कैसे करते हैं."

युवी बताते हैं कि टीम टूर्नामेंट के लिए कड़ी मेहनत से तैयारी कर रही है और पहले मैच में बांग्लादेश के खिलाफ उतरने को बेकरार है.

रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार

संपादनः उभ

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