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काबुल में फिल्म पर खुदकुश हमला

१८ सितम्बर २०१२

एक आत्मघाती महिला हमलावर ने काबुल में धमाका कर 12 लोगों की जान ले ली. इस्लाम विरोधी फिल्म के खिलाफ हो रहे दुनिया भर के प्रदर्शनों में यह सबसे हिंसक है. मुस्लिम देशों में करीब हफ्ते भर से ये प्रदर्शन चल रहे हैं.

तस्वीर: Reuters

हमले के बाद हिंसक प्रदर्शनों में मरने वाले लोगों की संख्या 30 हो गई है. सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट से पास हाईवे पर किए गए इस आत्मघाती धमाके में मारे गए लोगों में नौ विदेशी भी हैं. घटनास्थल के पास ही एक मैरिज हॉल है. बताया जा रहा है कि नौ विदेशी राहतकर्मियों को ले जा रही मिनी बस के पास इस महिला ने अपनी कार उड़ा दी.

एएफपी फोटोग्राफर का कहना है कि उसने घटनास्थल पर कम से कम छह लाशें देखीं. धमाके के बाद बीच हाईवे पर एक अन्य गाड़ी भी जल गई.

तालिबान के बाद अफगानिस्तान के सबसे बड़े आतंकी गुट हिज्ब ए इस्लामी ने धमाके की जिम्मेदारी ली है. गुट के प्रवक्ता जुबैर सिद्दीकी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "धमाका फातिमा नाम की एक महिला ने किया. यह हमारे पैगंबर के अपमान का विरोध दिखाने के लिए किया गया है." अफगानिस्तान के इस गुट की जिम्मेदारी लेना और एक महिला का आत्मघाती हमला करना दोनों ही असमान्य बातें हैं.

पिछले हफ्ते तालिबान लड़ाकों ने एक यहां के ब्रिटिश हवाई अड्डे पर हमला किया. इसमें दो अमेरिकी नौसैनिक मारे गए और छह अमेरिकी लड़ाकू विमान नष्ट हो गए. यह हमला भी फिल्म के विरोध में किया गया.

एयरपोर्ट के पास हुआ खुदकुश हमलातस्वीर: Reuters

अमेरिका में बनी फिल्म को लेकर 20 से ज्यादा देशों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान एक बार फिर अमेरिका के प्रति नफरत सामने आई है. इन हिंसक प्रदर्शनों ने में 19 लोगों की मौत हुई है, जिसमें लीबिया के बेनगाजी शहर में अमेरिकी राजदूत क्रिस स्टीवेंस भी शामिल हैं.

उधर लेबनान में शिया मुस्लिम मूवमेंट हिज्बुल्लाह ने फिल्म रिलीज होने पर खतरनाक परिणामों की चेतावनी दी है. हिज्बुल्लाह प्रमुख मुल्ला नसरुल्लाह की अपील के बाद कई सौ लोग बैरूत की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के लिए उतरे. नसरुल्लाह के शब्दों में, "अमेरिका को यह समझना चाहिए कि पूरी फिल्म के रिलीज होने के परिणाम काफी खतरनाक होंगे."

पाकिस्तान में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पश्चिमोत्तर और कराची में दो प्रदर्शकारियों की मौत हो गई. सोमवार को इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास को बंद रखा गया. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में इस फिल्म को यूट्यूब पर ब्लॉक कर दिया गया है. ईरान ने फिल्म को आक्रामक बताते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को तलाशा जाएगा.

दूसरी तरफ, अमेरिका में चुनावी रैलियों में व्यस्त राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए यह मुद्दा परेशानी का सबब बनता जा रहा है. हालांकि प्रशासन ने इस फिल्म की पहले ही निंदा की है और इसे घृणित बताया है. जर्मनी में इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, इस पर अभी मतभेद हैं. हालांकि जर्मनी के गृह मंत्री हंस पेटर डीटरिष और विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले सहित कई नेताओं ने फिल्म पर प्रतिबंध का समर्थन किया है. चांसलर अंगेला मैर्केल ने भी इस फिल्म को सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखाए जाने का समर्थन किया है.

फिल्म बनाने वालों की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है. इंटरनेट पर जुलाई में पोस्ट की गई फिल्म के कुछ हिस्से इसे बनाने वाले के तौर पर साम बासिले नाम के व्यक्ति की ओर इशारा करती हैं. लेकिन अमेरिकी मीडिया का कहना है कि यह छद्म नाम है.

एएम/एजेए (एएफपी, रॉयटर्स)á

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