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कार उद्योग के 125 साल

३० अगस्त २०११

दुनिया भर को रफ्तार और रोमांच देने वाली जर्मन कार इंडस्ट्री के 125 साल पूरे हो रहे हैं. 1885 में कार्ल बेंज ने मर्सिडीज का निर्माण कर दुनिया को पहली बार कार की सवारी करवाई.

Eine Replik des ersten Motorwagens von Carl Benz im Museum in Dänemark. Der Karlsruher Ingenieur Carl Friedrich Benz erhielt das erste Patent für ein benzinbetriebenes Fahrzeug. Bereits 1878 hatte der Konstrukteur mit der Arbeit am Zweitaktmotor begonnen.
दुनिया की सबसे पहली कारतस्वीर: AP

मर्सिडीज, फोल्क्सवागन, बीएमडब्लू और आउडी- दुनिया की सबसे बड़ी कारों का नाम जर्मनी से ही जुड़ा हुआ है. 125 साल पहले कार्ल बेंज ने तीन पहियों वाली सबसे पहली कार बनाई थी और दुनिया भर के लोगों को आरामदायक सफर की साथी से रूबरू कराया था. देखने में यह कार कुछ भारत में चलने वाले रिक्शा जैसी थी. पर इसमें मोटर लगी हुई थी और यह बेहद आरामदायक थी. कार के 125 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जर्मनी में इस साल जश्न मनाया जा रहा है.

खास तैयारी

जर्मनी में कार के दीवानों को अपनी ओर खींचने के लिए पर्यटन विभाग ने भी तैयारी की है. राष्ट्रीय पर्यटन विभाग ने पहली बार कार इंडस्ट्री को वार्षिक कार्यक्रम का हिस्सा बनाया है. मई से सितंबर के बीच दक्षिण जर्मनी के राज्य बाडेन वुर्टेमबर्ग में 200 अलग अलग कार्यक्रम हो रहे हैं. इसी राज्य के शहर मानहाइम में पहली बार कार्ल बेंज ने अपनी कार पेश की थी.

श्टुटगार्ट के मर्सिडीज कार संग्रहालय में रखी कारतस्वीर: Daimler AG

बाडेन वुर्टेमबर्ग राज्य की राजधानी श्टुटगार्ट में सैलानियों का स्वागत करने के लिए स्टेशन पर ही मर्सिडीज का लोगो लगाया गया है. शहर भर में स्थानीय कार संग्रहालय के पोस्टर लगे हुए हैं, जो पर्यटकों को खास आयोजन के बारे में जानकारी दे रहे हैं. स्टुटगार्ट के कार संग्रहालय का उद्घाटन 2006 में हुआ. संग्रहालय का बाहरी हिस्सा शीशे और स्टील का बना हुआ है जो कार इंडस्ट्री के डीएनए को दर्शाता है.

कार उद्योग और पर्यटन

इस संग्रहालय में जब लोग बिजली से चलनी वाली सीढ़ियों पर खड़े होते हैं तो उन्हें स्पोर्ट्स कार पर सवार होने का एहसास होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि सीढ़ियों के पास स्पोर्ट्स कार जैसी आवाज निकलने की व्यवस्था है. लोग जब एलिवेटर से होकर पहले हॉल में पहुंचते हैं तो दुनिया की सबसे पुरानी कारें उनका स्वागत करती हैं.  इस हॉल में कार्ल बेंज और गॉटलीब डाइमलर की बनाई पहली कारें रखी हैं. गॉटलीब डाइमलर ने पहली बार एक इंजन को कार में फिट करने के बार में सोचा था. हालांकि कार्ल बेंज ने इसे दुनिया के आगे पहले पेश किया. बाद में डाइमलर और बेंज कंपनियों ने मिलकर 1926 में पहली मर्सिडीज बेंज कार बनाई.

यूरोप की बेहतरीन कारें

स्टुटगार्ट के कार संग्रहालय के निदेशक माइकल बोक कहते हैं, "इस प्रदर्शनी के जरिए हम नए तरह के पर्यटकों को खींचने की कोशिश कर रहे हैं. जो कारों को छोड़ कला को देखने आएंगे." बोक का अनुमान है कि 2010 के मुकाबले इस साल पर्यटकों की तादाद पांच से दस फीसदी बढ़ेगी. पिछले साल छह लाख पचास हजार पर्यटक संग्रहालय आए.

श्टुटगार्ट के पोर्शे कार संग्रहालय का नजारातस्वीर: AP

रूस की रहने वाली छात्रा माशा का कहना है कि सिर्फ यही एक जगह है जहां इतनी खूबसूरत कारें देखने को मिलती है. माशा को कारें पसंद है और वह शिकायती लहजे में कहती हैं कि इस तरह का संग्रहालय मॉस्को में नहीं है. इसी तरह म्यूनिख में बीएमडब्ल्यू ने डिलिवरी सेंटर में ही एक संग्रहालय खोला है. यह शानदार है क्योंकि यहां लोग गाड़ियों की डिलीवरी के अलावा यहां संग्रहालय में कार के इतिहास के बारे में जानकारी पा सकते हैं. पिछले साल म्यूनिख के इस संग्रहालय में करीब चार लाख लोग आए.

कारों का शहर

यूरोप की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी फोल्क्सवागन ने वोल्फ्सबुर्ग में "ऑटोमोबाइल सिटी"  के नाम से एक विज्ञान संग्रहालय का निर्माण किया है. "ऑटोमोबाइल सिटी" एक मनोरंजन उद्यान जैसा है जिसे साल 2000 में खोला गया. अब तक यहां ढाई करोड़ से अधिक लोग आ चुके हैं. फॉल्क्सवागन के प्रवक्ता टोबियास राइपे का दावा है, "दुनिया में ऑटोमोबाइल के लिए समर्पित जगहों में से यह सबसे ज्यादा रोमांचक है."

रिपोर्ट: एएफपी /आमिर अंसारी

संपादन: ईशा भाटिया

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