1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

काले गोरे की लड़ाई में पुलिस विभाग को भंग करने की मांग

८ जून २०२०

अमेरिका में मिनियापोलिस शहर के काउंसिलरों ने पुलिस विभाग को भंग करने की मांग की है. पुलिस हिरासत में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका और उसके बाहर भी कई देशों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

USA | Proteste in New York
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/S. Wenig

25 मई को पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने निहत्थे फ्लॉयड का गला अपने घुटने से करीब 9 मिनट तक दबाए रखा, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. चाउविन पर सेंकेंड डिग्री हत्या का आरोप लगाया गया है और सोमवार को उन्हें अदालत में पेश होना है. इस बीच मिनियापोलिस काउंसिल की अध्यक्ष लीसा बेंडर ने न्यूज चैनल सीएनएन से बातचीत में कहा, "हम मिनियापोलिस शहर में पुलिस प्रशासन को भंग करने और शहर में सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक नया तंत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारे समुदाय को सुरक्षित रख सके."

तस्वीर: AFP/Facebook/Darnella Frazier

पुलिस विभाग को भंग करने पर बहस

इसके विपरीत मिनियापोलिस के मेयर जैकब फ्रे हालांकि पुलिस विभाग को भंग करने के पक्ष में नहीं हैं. जैकब फ्रे को "डिफंड द पुलिस (पुलिस का फंड खत्म करो)" रैली के दौरान को शर्मिंदा किया गया और उन्हें रैली से बाहर जाने के लिए कहा गया. इसके एक दिन बाद ही ज्यादातर काउंसिलर पुलिस विभाग को भंग करने की मांग पर प्रतिबद्ध हुए हैं. फ्रे ने बाद में समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि वह "संरचनात्मक रंगभेदी तंत्र को पलटने के लिए बड़े संरचनागत सुधार" का समर्थन करते हैं लेकिन "पूरे पुलिस विभाग को भंग करने का" नहीं.

जॉर्ज फ्लॉयड पर पुलिस की कार्रवाई का वीडियो वायरल होने के बाद से बीते दो हफ्तों से अमेरिका के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं. इस दौरान कुछ जगहों पर हिंसा भी हुई, मिनियापोलिस में तो एक पुलिस स्टेशन को जला दिया गया और कुछ दुकानों में लूटपाट हुई. हालांकि मोटे तौर पर प्रदर्शन शांतिपूर्ण ही रहे हैं. कई जगहों पर पुलिस अधिकारी भी प्रदर्शनकारियों का साथ देने के लिए घुटनों पर बैठ गए.

नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शनतस्वीर: Getty Images/A. Schneider

नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन का समर्थन

रविवार को वॉशिंगटन, न्यू यॉर्क और फ्लोरिडा में विरोध प्रदर्शनों का रुख पुलिस में व्यापक सुधारों और सामाजिक न्याय की तरफ मुड़ गया. यह मामला अब राष्ट्रीय राजनीति में उभर आया है.कई जगहों पर रिपब्लिकन नेता भी प्रदर्शन करने वालों के साथ नजर आए. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग की बात कर रहे हैं और इस रुख की आलोचना हो रही है. ट्रंप ने तो प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सेना बुलाने तक की बात कही है. इस बीच राष्ट्रपति ने नेशनल गार्ड की टुकड़ियों को राजधानी वाशिंगटन से हटाने के आदेश दे दिए हैं. ट्रंप प्रशासन ने पुलिस व्यवस्था में किसी खास सुधार या बदलाव का अब तक कोई वादा नहीं किया है. सोमवार को वो कानून के पालन पर एक गोलमेज सम्मेलन की मेजबानी करने वाले हैं.

इस बीच अगले चुनाव में उनके प्रबल प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे जो बाइडेन ह्यूस्टन में फ्लॉयड के परिवार से मिलने जा रहे हैं. सोमवार को ह्यूस्टन में फ्लॉयड का ताबूत आम जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा. माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए यह एक बड़ा मुद्दा साबित होगा. डेमोक्रैटिक पार्टी ने भी देश में बड़े पैमाने पर पुलिस सुधारों का प्रस्ताव रखा है. इनमें पुलिस को मिलने वाले विशेषाधिकारों को खत्म करना, अत्यधिक बल प्रयोग की घटनाओं का डाटाबेस बनाना और दम घोंटने जैसे कदमों पर प्रतिबंध लगाने की बात है.

बर्लिन में भी हुआ प्रदर्शनतस्वीर: picture-alliance/Photoshot/B. Truong

वीडियो देख कर गिरफ्तारी

इस बीच अमेरिका के बाहर भी विरोध प्रदर्शन होने लगे हैं. कई यूरोपीय देशों में इस सप्ताहांत लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए जमा हुए. जर्मनी के बर्लिन और बॉन के अलावा फ्रांस में पेरिस, स्पेन में बार्सिलोना और यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रसेल्स में भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं. प्रदर्शन करने वाले ना सिर्फ अमेरिका बल्कि अपने अपने देशों में भी रंगभेद के खिलाफ नारे बुलंद कर रहे थे.

ब्रसेल्स में रंगभेद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने रविवार को 10 हजार से ज्यादा लोग सड़कों पर निकले. इस दौरान हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं. वीडियो फुटेज में युवाओं को दुकानों को निशाना बनाते देखा जा सकता है. इसके एक दिन पहले भी यहां प्रदर्शन हुआ था लेकिन तब यह शांतिपूर्ण था. 

ब्रसेल्स के मेयर फिलिप क्लोजे ने ट्वीट कर बताया है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान दुकानों में तोड़फोड़ करने वालों को गिरफ्तार करने का आदेश दिए गए हैं. मेयर ने कहा है कि पुलिस वीडियो फुटेज देख कर चोरों और तोड़ फोड़ करने वालों को गिरफ्तार करेगी. बेल्जियम के अखबार द ब्रसेल्स टाइम्स के मुताबिक सोमवार सुबह तक 229 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है.

एनआर/एमजे (एएफपी)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें