काले धन पर गर्माया सोशल मीडिया
२६ अक्टूबर २०१४लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने काले धन को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था. चुनावी प्रचार के दौरान भाजपा ने विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने के दावे किए थे. लेकिन पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार की ही तरह सुप्रीम कोर्ट से कहा वह उन लोगों का विवरण नहीं दे सकती जिनके विदेशों में खाते हैं, क्योंकि उनके नाम सामने लाना दोहरे कराधान समझौते का उल्लंघन होगा. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार अपने करीबी लोगों को बचाना चाहती है. एक समय कांग्रेस पर निशाने कसने के बाद अब सरकार के इस फैसले से खुद भारतीय जनता पार्टी पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सरकार के इस रुख पर सोशल मीडिया पर बहस गर्म है.
केंद्र सरकार के ताजा एलान के बाद कांग्रेस ने कहा कि सरकार काला धन जमा करने वालों को बचाना चाहती है.
इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर निशाना कसते हुए कहा था कि जब इन लोगों की सूची जारी होगी तो कांग्रेस को भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी.
अरुण जेटली से जब पूछा गया कि क्या काला धन रखने वालों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंत्रिपरिषद का भी कोई सदस्य है, उन्होंने कहा, "न मैं हां कह रहा हूं न ही ना. मैं सिर्फ मुस्कुरा रहा हूं." कांग्रेस नेता अजय माकन ने जेटली के बयान पर कहा, "कांग्रेस इस तरह की बातों से ब्लैकमेल नहीं होने वाली."
इससे पहले @narendramodi ट्विटर अकाउंट से काले धन की पकड़ पर ट्वीट किए जाते रहे हैं. इनमें कांग्रेस पर निशाना कसा गया.
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काला धन रखने वालों के बारे में वित्त मंत्री जेटली ने बताया कि भारत सरकार की एजेंसियों की ओर से जिन नामों के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी गई है, उनके नाम कोर्ट में जाहिर किए जाएंगे.