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काले धन पर भारत को और जानकारी देगा जर्मनी

२२ फ़रवरी २०११

जर्मनी ने कहा है कि वह गोपनीय खाते रखने वाले भारतीय नागरिकों की जानकारी भारत सरकार के साथ साझा करेगा. फ्रांस की राजधानी पैरिस में जर्मनी और भारत के वित्त मंत्रियों की बैठक में यह मुद्दा उठाया.

तस्वीर: Bilderbox

जर्मन वित्त मंत्री वोल्फगांग शोएब्ले ने भारत के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को तसल्ली दी कि जर्मनी हर सूचना साझी करेगा. प्रणब मुखर्जी ने लीश्टनश्टाइन के एलटीजी बैंक में खाता रखने वाले भारतीयों की जानकारी देने के लिए जर्मनी की तारीफ की. जर्मनी ने इस बैंक के 30 से ज्यादा खाताधारकों के नाम भारत सरकार को दिए थे जिनकी लिस्ट अब सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट के पास है.

तस्वीर: UNI

एक बयान जारी कर भारतीय वित्त मंत्री ने कहा, "जर्मन वित्त मंत्री ने मुझे सुनिश्चित किया है कि जब भी उनके पास कोई ऐसी जानकारी होगी, वे फौरन हमें उपलब्ध कराएंगे." जर्मनी डबल टैक्सेशन अवॉडेंस अग्रीमेंट (डीटीएए) यानी दोहरे कर को टालने के समझौते में सुधार को भी राजी हो गया है. इसमें एक दूसरे की जांच एजेंसियों के साथ सूचना साझी करने की बात शामिल की जाएगी.

बयान में कहा गया कि डीटीएए में बदलाव के लिए बातचीत जल्द शुरू होगी और मुखर्जी ने कर संधि में जल्दी बदलाव की अपील की है. मौजूदा समझौते के तहत जर्मनी सिर्फ वही सूचना भारत को दे सकता है जो कर चोरी से जुड़ी है.

भारत ने यही मुद्दे फ्रांस के वित्त मंत्री के सामने भी रखे. प्रणब मुखर्जी के मुताबिक फ्रांस की अर्थव्यवस्था, उद्योग और रोजगार मंत्री क्रिस्टीन लगार्द ने कर चोरों को आश्रय देने वाले देशों पर दबाव बढ़ाने की बात कही. भारत फ्रांस के साथ भी अपनी कर सूचना साझा करने से जुड़े समझौते में बदलाव चाहता है. इस बारे में लगार्द ने कहा कि भारत के बदलावों पर फ्रांसीसी अधिकारी विचार कर रहे हैं और इस बारे में जल्दी ही भारतीय अधिकारियों से बातचीत की जाएगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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