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काले धन वालों के नाम जारी होंगे

१० फ़रवरी २०११

भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह उन लोगों के नाम जारी करे देगी जिन्होंने विदेशी बैंकों में काला धन जमा कर रखा है. इन लोगों के खिलाफ औपचारिक रूप से मामला दर्ज होने के बाद नाम जारी होंगे.

यूबीसी बैंक में जमा हैं हसन के 8 अरब डॉलरतस्वीर: picture-alliance/dpa

सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसीटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम ने जस्टिस बी सुदर्शन की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया कि सरकार ने उन लोगों को नोटिस जारी किया है जिन पर विदेश बैंकों में काला धन जमा करने के आरोप लग रहे हैं. सरकार इन लोगों के खिलाफ औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज होने के बाद उनके नाम भी जाहिर कर देगी.

बेंच ने सरकार से सुनिश्चित करने को कहा है कि विदेश बैंकों में काला धन रखने के आरोपी पुणे के बिजनेसमैन हसन अली खान देश न छोड़ने पाएं. अदालत ने कहा, "यह आपकी जिम्मेदारी है कि वह मुकदमे का सामना करने के लिए मौजूद रहें." जस्टिस सुदर्शन को बताया गया कि हसन अभी भारत में ही हैं और सरकार उनके खिलाफ जरूरी कदम उठा रही है.

अदालत मशहूर वकील राम जेठमलानी और कई पूर्व नौकरशाहों की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो चाहते हैं कि काले धन को वापस लाने के लिए अदालत सरकार को निर्देश दे. समझा जाता है कि भारत के 100 अरब डॉलर विदेशों में काले धन के रूप में जमा हैं.

जेठमलानी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अनिल दीवान ने सरकार पर इस दिशा में प्रभावी कदम न उठाने का आरोप लगाया. उन्होंने एक लेख का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि पांच देशों यूएई, ब्रिटेन, अमेरिका, सिंगापुर और हांगकांग में अदालती सहयोग के लिए पत्र लिखे गए हैं जिसमें काले धन के बारे में जानकारी मांगी गई है. दीवान ने कहा कि इससे आगे इस दिशा में कुछ नहीं हुआ है.

दीवान के आरोपों पर सॉलिसीटर जनरल ने माना कि अदालती सहयोग के लिए औपचारिक पत्र भेजे गए हैं और सरकार ने काले धन के मामले में अहम कदम उठाए हैं. अदालत के सामने सील बंद लिफाफा पेश करते हुए सुब्रह्मण्यम ने कहा कि इसमें सारी जानकारी दर्ज है.

अदालती सुनवाई के आखिर में बेंच ने पूछा कि क्या हसन अली को इस मुकदमे में एक पक्ष बनाया जा सकता है. मामले की अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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