एक ओर जर्मनी में शरणार्थियों की बाढ़ पर लोगों के बीच असहजता बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर अनुमान है कि 2015 से 2020 के दौरान जर्मनी में 36 लाख आप्रवासी हो सकते हैं.
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जर्मन अखबार जुडडॉयचे साइटुंग ने वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से लिखा है कि साल 2020 तक जर्मनी में 36 लाख आप्रवासियों के आने की संभावना है. यह अनुमान सालाना आने वाले आप्रवासियों के औसत के आधार पर लगाया जा रहा है. अनुमान है कि 2016 से 2020 तक सालाना औसतन पांच लाख आप्रवासी जर्मनी आएंगे. रिपोर्टों के मुताबिक साल 2015 में जर्मनी में करीब 11 लाख शरणार्थियों ने प्रवेश किया. यानि अगर यही रफ्तार रही जैसी सोची जा रही है तो 2020 तक संख्या 36 लाख तक पहुंच जाएगी.
अब तक जर्मनी में प्रवेश कर चुके शरणार्थियों की संख्या से ही जर्मनी में व्यवस्थापन संबंधी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. जर्मनी में शरणार्थियों के मुद्दे को लेकर बड़ी बहस छुड़ी हुई है. सवाल बना हुआ है कि क्या शरणार्थियों की इतनी बड़ी संख्या को देश की संस्कृति के साथ एकीकृत करना संभव है. ऐसे में कुछ उग्रदक्षिणपंथी पार्टियां अपना राजनीतिक फायदा भी देख रही हैं. नववर्ष की पूर्व संध्या पर कोलोन में महिलाओं के साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के बाद से जर्मनी में शरणार्थियों की बाढ़ के विरोधी स्वर जोर पकड़ रहे हैं.
वर्ल्ड प्रेस फोटो अवॉर्ड 2016
शरणार्थी संकट 2015 में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने वाला विषय रहा. इसी से जुड़ी एक तस्वीर को किसी पत्रकार द्वारा ली गयी साल की बेहतरीन तस्वीर चुना गया है. देखिए इस साल और कौन कौन सी तस्वीरें चुनी गयीं.
तस्वीर: Christian Walgram/GEPA pictures
वॉरन रिचर्डसन, ऑस्ट्रेलिया
सर्बिया और हंगरी की सीमा पर ली गयी इस तस्वीर को इस साल का वर्ल्ड प्रेस फोटो अवॉर्ड दिया गया है. आधी रात में ली गयी इस तस्वीर के लिए रोशनी सिर्फ चांद की ही मौजूद थी. सीमा पुलिस का ध्यान इस ओर ना जाए, इसलिए फ्लैश का इस्तेमाल नहीं किया गया.
तस्वीर: Warren Richardson
मॉरीसियो लीमा, ब्राजील
सीरिया में ली गयी इस तस्वीर को समाचार श्रेणी में पहला पुरस्कार मिला है. तस्वीर में डॉक्टर इस्लामिक स्टेट के एक 16 साल के लड़ाके के जले हुए शरीर पर मरहम लगा रहा है. पीछे कुर्दिस्तान वर्कर पार्टी के नेता अब्दुल्लाह ओएचेलान की तस्वीर टंगी है.
तस्वीर: Mauricio Lima/The New York Times
झांग ले, चीन
यह तस्वीर चीन के तिआनजिन शहर की है, जिस पर धूल की चादर बिछी हुई है. 10 दिसंबर 2015 को ली गई इस तस्वीर को आधुनिक समय के सबसे अहम मुद्दों की श्रेणी में पुरस्कार दिया गया है.
तस्वीर: Zhang Lei/Tianjin Daily
केविन फ्रेयर, कनाडा
यह तस्वीर भी चीन की ही है. शांशी शहर के करीब स्थित इस बिजलीघर में कोयले से बिजली बनती है. कोयले पर निर्भरता के कारण चीन दुनिया भर में होने वाले कार्बन डाय ऑक्साइड के कुल उत्सर्जन के एक तिहाई के लिए जिम्मेदार है.
तस्वीर: Kevin Frayer/Getty Images
मैरी एफ कैलवर्ट, अमेरिका
यह तस्वीर 21 मार्च 2014 को ली गयी. इसे लॉन्ग टर्म प्रोजेक्ट की श्रेणी में चुना गया है. तस्वीर 21 साल की नताशा शुटे की है, जिन्हें अमेरिका की सेना की ओर से अपने ड्रिल सार्जेंट के यौन हमले की रिपोर्ट करने की हिम्मत के लिए पुरस्कार दिया गया.
तस्वीर: Mary F. Calvert
रोहन केली, ऑस्ट्रेलिया
सिडनी के बोंडी बीच की इस तस्वीर में एक बड़ा सा काला बादल देखा जा सकता है जो किसी सूनामी जैसा लगता है. इसी दौरान बीच पर मौजूद लोग शांति से लेटे हैं. इसे प्रकृति की श्रेणी में पहला पुरस्कार दिया गया है.
तस्वीर: Rohan Kelly/Daily Telegraph
माटिच जोरमन, स्लोवेनिया
शरणार्थियों से ही जुड़ी एक और तस्वीर को भी पुरस्कार मिला. 7 अक्टूबर 2015 को सर्बिया के एक शरणार्थी कैंप में यह तस्वीर ली गयी. रेनकोट पहने यह बच्ची शरणार्थियों के पंजीकरण की कतार में खड़ी है.
तस्वीर: Matic Zorman
क्रिस्टियान वालग्राम, ऑस्ट्रिया
15 फरवरी 2015 को यह तस्वीर अमेरिका में हो रही एफआईएस वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान ली गयी. चेक गणराज्य के ओंद्रे बांक स्की के दौरान अपना संतुलन खो बैठे और फिसल गए. इस तस्वीर को खेल श्रेणी में चुना गया.
तस्वीर: Christian Walgram/GEPA pictures
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रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय का कहना है कि उसने आर्थिक कारणों को ध्यान में रखते हुए आंतरिक तैयारी का अवलोकन किया है. हालांकि सरकार ने कोई आधिकारिक अनुमान देने से इनकार किया. सरकार का कहना है कि फिलहाल यह कहना संभव नहीं है कि ठीक कितनी संख्या में और शरणार्थी देश में प्रवेश करेंगे.
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब जर्मन संसद इस बारे में नए उपायों पर मतदान करेगी कि जर्मनी में शरण चाहने वाले कितने लोगों की अर्जियां स्वीकार होनी चाहिए और उनकी अर्जी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए. पिछले दिनों जर्मनी के पूर्वी राज्य सैक्सनी में शरणार्थियों से भरी बस को भीड़ ने घेर लिया और उनके विरोध में "वापस जाओ" के नारे लगाए. जर्मन सरकार के शरणार्थियों की बड़ी तादाद के लिए द्वार खोलने का कुछ उग्रदक्षिणपंथी गुट कई महीनों से विरोध कर रहे हैं. उग्रदक्षिणपंथी विचारधारा वाला पेगीडा खास कर ड्रेसडेन में सक्रिय है, जहां वह आए दिन शरणार्थियों के खिलाफ प्रदर्शन करता है.
एसएफ/आईबी (डीपीए)
परवान चढ़ता उग्र दक्षिणपंथ
इस्लामी कट्टरपंथ और शरणार्थी संकट ने पश्चिमी देशों में उग्र दक्षिणपंथ का खतरा बढ़ाया. कट्टरपंथी हमलों और शरणार्थियों से घबराए लोगों का गुस्सा इस्लाम और सरकारों पर उतर रहा है. मुख्य धारा की पार्टियां समर्थन खो रही हैं.
तस्वीर: AFP/Getty Images/A. Messinis
बढ़ता असर
उग्र दक्षिणपंथी पार्टियों का पॉपुलिज्म यूरोप के लिए नया नहीं है, पिछले कुछ सालों से ईयू की कथित मनमानियों और आर्थिक मुश्किलों के कारण उग्र दक्षिणपंथ के लिए समर्थन बढ़ रहा था लेकिन शरणार्थियों के आने से उसमें और इजाफा हुआ है.
तस्वीर: DW
फ्रांस में ले पेन
पेरिस पर आतंकी हमलों के तुरंत बाद फ्रांस में हुए स्थानीय चुनावों में मारी ले पेन की उग्र दक्षिणपंथी नेशनल फ्रंट पार्टी को फायदा पहुंचा है और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद की सोशलिस्ट पार्टी तीसरे नंबर पर खिसक गई है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. C. Poujoulat
स्विट्जरलैंड पर भी असर
स्विट्रजरलैंड कभी भी उग्र दक्षिणपंथ का गढ़ नहीं रहा. लेकिन यूरोप के शरणार्थी संकट के बीच अक्टूबर में हुए चुनावों में आप्रवासन विरोधी स्विस पीपुल्स पार्टी एसवीपी को 11 अतिरिक्त सीटें मिली और उसने संसद की 200 में से 65 सीटें जीत लीं.
तस्वीर: Reuters/A. Wiegmann
जर्मनी में पेगीडा
जर्मनी में पिछले कई महीनों से आप्रवासन विरोधी ड्रेसडेन शहर में हर सोमवार को प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि प्रदर्शनों को हर शहर में ले जाने का उनका प्रयास विफल रहा है लेकिन आप्रवासन विरोधी एएफडी पार्टी के लिए समर्थन बढ़ रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Arno Burgi
फिनलैंड में जीत
इस साल फिनलैंड में हुए चुनावों में राष्ट्रवादी फिन्स पार्टी संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. कुछ लोगों का कहना है कि आप्रवासी विरोधी भावना से शरणार्थियों का बड़ी संख्या में आना उग्र दक्षिणपंथ को बढ़ावा दे रहा है.
तस्वीर: Reuters/Mikko Stig/Lehtikuva
पोलैंड का रास्ता
पोलैंड में पिछले दिनों हुए चुनावों में अति दक्षिणपंथी पार्टी की जीत हुई है और प्रधानमंत्री बेयाटा सीडलो की सरकार ने ईयू के कोटे के अनुसार शरणार्थियों को लेने से साफ मना कर दिया है. वह पिछले सरकार के फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं हैं.
तस्वीर: picture-alliance/epa/T. Gzell
हंगरी में राष्ट्रवाद
हंगरी में विक्टर ओरबान की अनुदारवादी पार्टी 2010 में ही भारी बहुमत से सत्ता में आ गई थी. तब से वह अति राष्ट्रवादी फैसले लेती रही है और यूरोपीय मूल्यों से दूर होती रही है. देश में राष्ट्रवाद और अल्पसंख्यकों पर संदेह का बोलबाला है.
तस्वीर: Reuters/M. Dalder
डेनमार्क में प्रभाव
जून में हुए संसदीय चुनावों में डेनमार्क की उग्र दक्षिणपंथी पार्टी डैनिश पीपुल्स पार्टी संसद में दूसरे नंबर पर रही है. शरण को पूरी तरह बंद करने की मांग करने वाली पार्टी को 21 प्रतिशत मत मिले. सोशल डेमोक्रैट्स भी वहां शरण पर सीमा का समर्थन करते हैं.
तस्वीर: Reuters/N. Ahlmann Olesen
ग्रीस में सात प्रतिशत
ग्रीस में पिछले सितंबर में हुए संसदीय चुनावों में उग्र दक्षिणपंथी पार्टी गोल्डन डाउन को महत्वपूर्ण सफलता मिली. उसे 7 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला और नई संसद में वह तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.