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किसके साथ हैं दिल्ली के बाबू

३१ दिसम्बर २०१५

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सिविल सर्विस अधिकारियों के निलंबन को केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है और इसे गैरकानूनी बताया. इसके बावजूद निलंबन के खिलाफ सैकड़ों अधिकारियों ने किया विरोध प्रदर्शन.

Arvind Kejriwal und Manish Sisodia
तस्वीर: UNI

अभ अधिकारियों पर नकेल कसने के नाम पर दिल्ली की सरकार केंद्र सरकार से भिड़ गई है. आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को फिर निशाने पर लिया. उन्होंने कहा है कि दिल्ली एवं अंडमान निकोबार द्वीप समूह सिविल सर्विस (डेनिक्स) और भारतीय प्रशासनिक सेवा एसोसिएशन बीजेपी की "बी-टीम" बन गई है. केजरीवाल ने यह टिप्पणी डेनिक्स कैडर के दो अधिकारियों सुभाष चंद्रा और यशपाल गर्ग के निलंबन पर इन संगठनों की एकजुटता के कारण की है. पर की है - जिन्हें मुख्यमंत्री ने वेतन वृद्धि से जुड़े दिल्ली कैबिनेट के नोट्स पर हस्ताक्षर करने से मना करने के कारण निलंबित कर दिया था.

केंद्रीय गृह मंत्रालय इस निलंबन को रद्द करने का आदेश पारित कर रहा है. मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रालय को इस बाबत दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर का संदेश आया और गृह मंत्रालय ने निलंबन के आदेश को 'नॉन एस्ट' (गैरमौजूद) घोषित किया है और दोनों अधिकारियों को नौकरी पर माना जाएगा.

केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण दिल्ली में लिए ऐसे आदेश पर प्रधानमंत्री की स्वीकृति जरूरी होती है. निलंबन के आदेश आने के बाद करीब 200 डेनिक्स अधिकारियों ने मिलकर सामूहिक विरोध जताने का फैसला किया. दिल्ली के भी कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी गुरुवार को सामूहिक अवकाश पर चले गए. वे सब आप सरकार द्वारा उनके सहकर्मियों के गैरकानूनी निलंबन पर विरोध जता रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री ने नौकरशाहों के काम ना करने की दुहाई देते हुए उनकी जगह विशेष सेक्टर विशेषज्ञों को काम पर लाए जाने के सुझाव भी दे डाले हैं.

आप नेता और दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने ट्विटर पर लिखा कि जनता बहुत खुश होगी अगर ऐसे अधिकारी लंबी छुट्टी पर चले जाएं.

आरआर/एमजे (पीटीआई)

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