'खोसला का घोसला' और 'ओय लकी लकी ओय' जैसी फिल्में बना चुके निर्देशक दिबाकर बनर्जी को अपनी अगली फिल्म में अभिनेता सुशांत सिंह के साथ कुछ खास चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
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दिबाकर यशराज बैनर के साथ मिलकर व्योमकेश बख्शी पर आधारित फिल्म बना रहे है जिसमें हीरो सुशांत सिंह राजपूत हैं. दिबाकर को उन पर किसिंग सीन फिल्माने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. फिल्म में सुशांक बख्शी का किरदार निभा रहे हैं. उनके साथ अभिनेत्री स्वास्तिका मुखर्जी मुख्य भूमिका में हैं.
सुशांत को एक सीन में स्वास्तिका के साथ लिप लॉक करना था. दिबाकर किसिंग सीन में जिस तरह के एक्सप्रेशन सुशांत के चेहरे पर चाह रहे थे वो आठ शॉट्स के बाद भी नजर नहीं आए. दिबाकर का कहना है कि यह सीन किसिंग सीन से कहीं ज्यादा है, "इसमें धोखा, साजिश और हत्या है, इसलिए मुझे सुशांत के चेहरे पर हैरानी वाले भाव चाहिए थे. रिहर्सल के बाद हमने शॉट फिल्माना शुरू किया लेकिन आठ टेक के बाद भी जब शॉट ओके नहीं हुआ तो मैं चिंता में पड़ गया."
दिबाकर ने कहा, "मैंने स्वास्तिका को साइड में ले जाकर कहा कि जैसे ही शॉट शुरू हो तुम सुशांत के बोलने के पहले ही उसे किस करना शुरू कर देना और हम इस बारे में उसे कुछ भी नहीं बताएंगे. स्वास्तिका ने वैसा ही किया, इससे सुशांत आश्चर्यचकित रह गए और सुशांत के चेहरे पर हमें वैसे ही एक्सप्रेशन मिल गए जैसे चाहिए थे."
उल्लेखनीय है कि व्योमकेश बख्शी उपन्यासकार शरदइंदु बंधोपाध्याय द्वारा रचित एक काल्पनिक किरदार है. दूरर्दशन पर प्रसारित धारावाहिक व्योमकेश बख्शी दर्शकों को बेहद पसंद आया था. बासु चटर्जी निर्देशित इस धारावाहिक में व्योमकेश बख्शी का किरदार रजत कपूर ने निभाया था.
एसएफ/आईबी (वार्ता)
कैसे बुलाएं अपने प्रियतम को
जर्मनी में अक्सर प्रियजन एक दूसरे को नाम से नहीं बुलाते. ठीक वैसे ही जैसे भारत में बबलू या चिंकी के पप्पा होते हैं या सुनो जी जैसे संबोधन का इस्तेमाल होता है. जर्मन इसके लिए बहुत ही मजेदार शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.
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प्यार के शब्द
जहां अंग्रेजी बोलने वाले अपने प्रिय को डार्लिंग, हनी या स्वीटहार्ट कह कर बुलाते हैं. जर्मन लोग इसके लिए जानवरों के नामों का इस्तेमाल करते हैं. यहां आपके लिए जर्मन के पसंदीदा निकनेम...
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माउस (चूहा)
चूहा बोलते ही कोई रोमांटिक या स्वीट जीव सामने नहीं आता, सब कुछ कतर देने वाला एक प्राणी आंखों के सामने आ जाता है. लेकिन जर्मन पुरुष अपनी प्रेयसी को बहुत प्यार से माउस कह कर बुलाते हैं. बच्चों के लिए भी इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
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हाजे (खरगोश)
महिलाओं के लिए खरगोश शब्द का इस्तेमाल भी बहुत किया जाता है. होते तो ये भी चूहे की ही प्रजाति के हैं लेकिन प्लेबॉय बनी के कारण इसमें थोड़ा ग्लैमर आया.
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बैरचेन (छोटा भालू)
हम इसे टेडी बेयर के तौर पर समझ सकते हैं. हालांकि यह विशेषण पुरुषों के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. वह भी ऐेसे प्रिय के लिए जिसकी बांहों में घिर के सुकून का अहसास हो.
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माउसबेयर
जब कोई इतना प्यारा लगे कि समझ ही न आए उसे क्या कहें तो अक्सर इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. जो स्वीट तो चूहे सा हो लेकिन टेडीबेयर जैसा भी लगे.
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श्नेके (घोंघा)
अब भला घोंघे में क्या रोमांस.. उसे देख के ही जी घबराने लगे. लेकिन इसका डरपोक, धीमे होने से उतना लेना देना निश्चित नहीं है. अगर कोई आपको श्नेके कह रहा है तो हो सकता है वो आपके कवच में खोना चाहता हो...
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श्नुकी
ये शब्द सुनाई तो श्नेके जैसा देता है लेकिन इसका कोई अर्थ है ही नहीं. लेकिन सबसे प्रिय व्यक्ति के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है और हां बच्चों को तो अक्सर श्नुकी कहा जाता है.
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पैर्ले (मोती)
कोई किसी को मोती कहे इससे अच्छा क्या हो सकता है. जर्मन अपने प्रिय को इस संबोधन से बुलाना भी पसंद करते हैं.
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लीबलिंग
यह शब्द अंग्रेजी के डार्लिंग के मायने रखता है. बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला यह शब्द है, जो पति पत्नी के लिए या फिर प्रेमी प्रेमिका के लिए या माता पिता बच्चों के लिए इस्तेमाल करते हैं.
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जुसे (मीठी)
अगर लड़की हो तो जुसे, और पुरुष हो तो जुसेर. इसका मतलब होता है स्वीट या स्वीटी. अंग्रेजी और जर्मन दोनों में ही इसका इस्तेमाल व्यापक तौर पर किया जाता है. हालांकि हिन्दी में अभी भी मीठी बोलने का चलन शुरू नहीं हुआ है.
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शात्स (संपत्ति)
जर्मनों का सबसे पसंदीदा शब्द शात्स यानि संपत्ति. पति पत्नी के बीच एक सामान्य संबोधन जो खुलेआम भी उतना ही इस्तेमाल किया जाता है जितना बंद कमरे के अंदर.