कुत्ते भी होते हैं आशावादी और निराशावादी
१४ अक्टूबर २०१०ब्रिटेन की ब्रिस्टोल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और इस रिसर्च को करने वाले माइक मेंड्ल कहते हैं, "हम यह जानते हैं कि इंसानों की भावुक मनस्थिति उनके फैसलों को प्रभावित करती है. खुश रहने वाले लोग दुविधा वाली स्थिति से सकारात्मक तरीके से निपट लेते हैं. हमारी स्टडी में पता चला है कि यही बात कुत्तों पर भी लागू होती है." कुछ कुत्तों में जन्म से ही खुश रहने की प्रवृति होती है तो कुछ शुरू से ही गुमसुम से होते हैं.
कुत्तों के मनोविज्ञान को मापने के लिए रिसर्चरों ने एक प्रयोग किया. उन्होंने कुत्तों को इस बात की ट्रेनिंग दी कि वे पहचान सकें कि एक तरफ रखे कटोरे में खाना है जबकि दूसरा तरफ का कटोरा बिल्कुल खाली है. इसके बाद कटोरों को इन दोनों स्थानों के बीच एक निश्चित दूरी पर रखा गया. इंसानों की तरह हर स्थिति में सकारात्मक सोच रखने वाले कुत्ते इस उम्मीद में दौड़ कर कटोरी की तरह गए कि उसने खाना होगा, जबकि निराशावादी कुत्ते या तो दौड़ने में झिझकते पाए गए या बहुत ही धीमी रफ्तार से दौड़ रहे थे.
यह स्टडी ब्रिटेन को दो पशु केंद्रों पर कुल 24 कुत्तों पर की गई. करेंट बायोलजी पत्रिका में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक जब कुत्तों को उनके मालिक से अलग कर दिया जाता है तो वे अपने स्वभाव के मुताबिक व्यवहार करते हैं. कटोरों में आधा खाना मिलने पर कुछ कुत्ते शांत रहे क्योंकि उन्हें अपने मालिक के लौटने का भरोसा था. वहीं निराशावादी कुत्ते भौंकते और झटपटाते दिखे.
मेंड्ल कहते हैं कि गुमसुम रहने वाले कुत्तों से पीछा छु़ड़ाने की बजाय उनके मालिक को समझना चाहिए कि उनके कुत्ते को कुछ भावनात्मक समस्याएं हो सकती हैं और उनका इलाज कराने की कोशिश करनी चाहिए.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह