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कुरान कांड खत्म, फिर भी प्रदर्शन

१० सितम्बर २०१०

अमेरिका का पादरी कुरान जलाने की अपनी योजना से पीछे हट चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद इस मुद्दे पर अफगानिस्तान में जम कर विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका के विरोध में नारे लगाए.

तस्वीर: ap

कुरान जलाने का विरोध प्रदर्शन करते हुए लोगों ने अफगानिस्तान के कुंदूज में नाटो सैन्य ठिकाने पर पथराव कर दिया. इसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई. स्थानीय अधिकारी का कहना है कि ईद की नमाज के बाद हजारों लोग प्रदर्शन करने इकट्ठा हुए उनमें से कुछ ने नाटो सैनिकों पर पत्थर फेंके. बादकशान राज्यपाल के प्रवक्ता अमीन सुहैल ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने नाटो के सैन्य ठिकाने पर पत्थरबाजी की, जिसके जवाब में सैनिकों ने गोली चलाई. इस ठिकाने पर जर्मन सैनिक तैनात हैं. उधर नाटो की अतंरराष्ट्रीय सेना आईसैफ के प्रवक्ता का कहना है कि आईसैफ फैजाबाद के प्रदर्शनों के बारे में जानती है और जांच कर रही है.

कुंदूज सहित पांच जिलों में प्रदर्शनतस्वीर: AP

हालांकि अमेरिका के फ्लोरिडा में जिस ईसाई पादरी ने कुरान जलाने की घोषणा की थी उसने अब कहा है कि फिर से सोचने के बाद उन्होंने कुरान जलाने का फैसला टाल दिया है.

अंतरराष्ट्रीय भर्त्सना और बराक ओबामा की चेतावनी के बाद जोन्स ने कुरान जलाने का फैसला रोक दिया है. जोन्स ने सीएनएन से बातचीत में कहा, "जो हम अभी सुन रहे हैं उसके बाद हमें अपने फैसले के बारे में फिर से सोचना पड़ा. हम फैसले को रद्द नहीं कर रहे हैं लेकिन निलंबित कर रहे हैं."

जोन्स ने कहा कि उन्होंने इस्लामिक सोसायटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरिडा के इमाम मुहम्मद मुसरी से बातचीत की. जोन्स का दावा है कि मुसरी ने उन्हें आश्वासन दिया कि न्यूयॉर्क में इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्र और मस्जिद को जीरो ग्राउंड की जगह कहीं और बनाया जाएगा. लेकिन इमाम मुसरी ने जोन्स के साथ किसी भी तरह की डील से इनकार कर दिया है.

तस्वीर: AP

अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने जोन्स को फोन कर सीधे कहा कि वह अपनी योजना पर अमल न करें. पेंटागन के प्रवक्ता गेओफ मोरेल ने कहा कि गेट्स ने टेलीफोन बातचीत में चिंता जाहिर की और कहा कि जोन्स के इस फैसले से हमारी सभी की जान खतरे में पड़ जाएगी. खासकर इराक और अफगानिस्तान में.

जोन्स ने अपने चर्च के बाहर पत्रकारों से कहा कि वे अपनी योजना रोक रहे हैं. उन्होंने गेट्स के फोन आने की पुष्टि की लेकिन कहा कि फैसला बदलने के कारण रक्षा मंत्री का टेलीफोन नहीं बल्कि उनकी मुसरी से बातचीत रही. मुसरी ने इसका खंडन किया है कि मस्जिद के निर्माण की जगह बदलने के बारे में उनकी जोन्स से कोई डील हुई है.

जोन्स ने कहा कि इमाम इस बात पर राज़ी हो गए हैं और शनिवार के कार्यक्रम को हमने रद्द कर दिया है. उन्होंने कहा कि शनिवार को वे मुसरी के साथ न्यू यॉर्क में विवादित स्थान पर जाएंगे और न्यू यॉर्क के इमाम फैसल अब्दुल रऊफ से मिलेंगे.

लेकिन रऊफ को इस खबर पर भारी आश्चर्य हुआ. उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि पादरी जोन्स ने फैसला किया है कि वे कुरान नहीं जलाएंगे लेकन मेरी न तो जोन्स से बात हुई है न ही इमाम मुसरी से. मुझे उनकी घोषणा से बहुत आश्चर्य हुआ."

वैसे दुनिया भर ने इस फैसले के बाद राहत की सांस ली है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए जमाल

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