इस्लामी स्टेट के जिहादियों से लड़ने के लिए कुर्द लड़ाकों की मांग पर हथियार देने वाला फ्रांस पहला देश है. आईसिस के जिहादियों ने इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है. फ्रांस ने पुष्टि की है कि उसने उत्तरी इराक को हथियार भेज दिए हैं. राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद के कार्यालय ने कहा, "कुर्द क्षेत्रीय अधिकारियों ने इसकी बहुत जरूरत जाहिर की थी. इसके जवाब में राष्ट्रपति ने बगदाद के साथ एक समझौते में फैसला किया है कि वह हथियार सप्लाई करेंगे."
पश्चिमी देश धीरे धीरे करके इराक संघर्ष में शामिल होने के लिए तैयार हुए हैं. वहां इस्लामिक स्टेट कट्टरपंथी गुट ने कुछ उत्तरी शहरों को अपने कब्जे में ले लिया है. इराक के और अस्थिर होने की स्थिति पैदा हो रही है. एक ओर इराकी सेना आईसिस कट्टरपंथियों को दक्षिण की तरफ बढ़ने से रोक रही है वहीं कुर्द लड़ाके उन्हें उत्तर में रोक रहे हैं.
पिछले सप्ताह कट्टरपंथियों के इरबील की ओर बढ़ने के कारण वहां से हजारों निवासी भाग निकले. अमेरिकी सेना ने सिंजर पहाड़ियों के आसपास इराक के कई हिस्सों में कट्टरपंथियों पर हवाई हमले किए. यहां येजीदी समुदाय के हजारों लोग फंस गए हैं. मंगलवार को जर्मनी ने घोषणा की कि वह इराक को ऐसी सामग्री नहीं देंगे जिससे किसी की जान जाती हो. यूरोपीय आयोग ने तय किया है कि वह इराक को दी जाने वाली सहायता राशि बढ़ा कर एक करोड़ सत्तर लाख यूरो कर देगा.
यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रभारी कैथरीन ऐश्टन इराक संकट पर एक बैठक कर रही हैं. उनके प्रवक्ता ने बताया, "कैथरीन ऐश्टन इस सप्ताह एक बैठक आयोजित करने के लिए तैयार हैं और बाकी सदस्य देशों से संपर्क कर पता लगा रही हैं कि क्या ये बातचीत हो सकती है.
चेक गणराज्य के विदेश मंत्री लुबोमिर जोरालेक के मुताबिक प्राग में सरकार विचार कर रही है कि वह कैसे इराकी कुर्दों को हथियारों से मदद कर सकते हैं. उन्होंने कहा, "हम समझ सकते हैं कि कुर्द लोगों को क्या चाहिए और हमारे पास कुछ चीजें हैं." उन्होंने बताया कि ये सामान निजी कंपनियों से भेजा जाएगा क्योंकि इसके लिए सरकार को फैसला लेने की जरूरत नहीं है. फ्रांस और इटली के बाद चेक गणराज्य हथियार भेजने के समर्थक हैं.
उधर अमेरिका के सैन्य पर्यवेक्षक उत्तरी इराक पहुंचे हैं. वो पता लगाएंगे कि कट्टरपंथियों की धमकी के बाद नागरिकों को कहां सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. सैन्य सलाहकारों के साथ फिलहाल इराक में अमेरिकी सैनिकों की संख्या करीब 1,000 तक पहुंच गई है.
कई धर्मों के मिले जुले रिवाज वाला धर्म यजीदी है. इसमें इस्लाम, ईसाइयत और कुछ दूसरे धर्मों के मिले जुले पुट हैं. इराक में रहने वाले इन लोगों पर आइसिस ने हमला बोला है. हालांकि उन्हें कुर्दों का समर्थन है.
तस्वीर: Reutersयजीदी एक ईश्वर में विश्वास करते हैं और मानते हैं कि उसके सात फरिश्ते दुनिया में उनकी मदद करते हैं. मोर के रूप में मलिक ताउस उनमें सबसे अहम है.
यजीदी धर्म के अनुयायी दिन में पांच बार सूर्य की तरफ मुंह करके पूजा करते हैं. दोपहर की पूजा लालिश पहाड़ियों की तरफ मुंह करके की जाती है, जहां उनका पवित्र मजार है. यह जगह उसी का प्रतीक है.
तस्वीर: DW/Al-Schalanदुनिया भर में करीब 8 लाख यजीदी हैं, जिनमें से ज्यादातर निनेवेह प्रांत में पहाड़ियों के पास रहते हैं. कुर्द भाषा बोलने वाले यजीदियों को 1990 के बाद से सीरिया और तुर्की जैसे देशों से भागना पड़ा. उनमें से कई ने अब यूरोप में पनाह ली है.
तस्वीर: DW/Al-Schalanआइसिस का कहना है कि यह "अशुद्ध" लोगों को इराक में नहीं रहने देंगे. लिहाजा उन्होंने यजीदियों पर हमला बोल दिया है. इससे पहले इन लोगों को सद्दाम हुसैन के शासनकाल में भी हमलों का सामना करना पड़ा था.
तस्वीर: picture alliance/AAये लोग इराक छोड़ कर सीरिया की तरफ भाग रहे हैं. सफर के लिए कई बार गधों का भी इस्तेमाल करना पड़ रहा है. रिपोर्टें हैं कि आइसिस ने सैकड़ों यजीदियों को मार डाला है. उनके खौफ से ईसाई भी कुर्दों के प्रभाव वाले शहर इरबील भाग रहे हैं.
तस्वीर: Reutersइराक सरकार का दावा है कि आइसिस के सदस्यों ने कई यजीदियों को जिंदा दफ्न कर दिया है, जबकि औरतों को अगवा कर लिया गया है. बच कर भाग रहे लोगों में से कुछ ने दोहुक प्रांत में ठिकाना जमाया है.
तस्वीर: REUTERSआम तौर पर वे इराक के उत्तर में रहते हैं, जहां कुर्दों का भी भारी प्रभाव है. दोनों की भाषा भी लगभग एक जैसी है. इराक से बाहर सबसे ज्यादा यजीदी यूरोपीय देश जर्मनी में रहते हैं. इसके अलावा रूस, अर्मेनिया, जॉर्जिया और स्वीडन में भी उन्होंने शरण ली है.
आइसिस के खिलाफ अमेरिका ने जहां हवाई हमले करने का फैसला किया है, वहीं कुछ देशों ने वहां मदद पहुंचाने का भी काम किया है. फ्रांस का एक कार्गो विमान बगदाद के पास अरबील में राहत सामग्री लेकर उतरा, जो प्रभावित इलाकों में भेजी गई.
तस्वीर: Reutersसीरिया के अल-हसाका इलाके की तरफ जाते हुए यजीदी समुदाय के लोगों को कुर्द लड़ाकों का समर्थन मिल रहा है. आइसिस ने इराक में खिलाफत का एलान किया है और यजीदी खास तौर पर उनके निशाने पर हैं.
तस्वीर: Reutersबीलेफेल्ड शहर में इराक के यजीदियों के समर्थन में प्रदर्शन किए गए. इस दौरान कुर्दिश वर्कर्स पार्टी के सह संस्थापक अब्दुल्लाह ओएचेलान के पोस्टर भी लोगों ने थाम रखे थे. इस प्रदर्शन में 10,000 लोगों ने हिस्सा लिया.
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एएम/एमजे (रॉयटर्स, डीपीए, एएफपी)