कुलीन लोगों के लिए नया कब्रिस्तान
२२ अक्टूबर २०१०मशहूर शायर गुलजार की पंक्तियां हैं, 'सबकी बारी से सब पर आती है. मौत मुंसिफ है कमोबेश नहीं. जिंदगी सब पर क्यों नहीं आती.'
लेकिन दुनिया में आम और खास का फर्क मौत के बाद भी खत्म नहीं होता. रूस की राजधानी में खास तौर पर रसूखदार लोगों के लिए एक और कब्रिस्तान बनाया जाएगा. पिछले 250 साल में यह इस तरह का पहला कब्रिस्तान होगा.
दरअसल 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद रूस की आबादी में 68 लाख की कमी आई है. रूस में यूरोपीय संघ के मुकाबले मृत्य दर 60 प्रतिशत ज्यादा है. रूस की राजधानी में नामचीन लोगों के लिए अभी तक दो कब्रिस्तान नोवोदेविचे और वागानस्कोव्स्कोये हैं, लेकिन दोनों ही में अब जगह की कमी पड़ने लगी है. नोवोदेविचे में पूर्व रूसी राष्ट्रपति बोरिस येत्सिन और 19वीं सदी के लेखर एंतोन चेखव के साथ साथ दर्जनों लेखकों और चुनिंदा लोगों की कब्रें हैं.
नए कब्रिस्तान में सिर्फ उन लोगों को जगह दी जाएगी जिन्होंने समाजसेवा, संस्कृति, विज्ञान और सामाजिक क्षेत्र में अहम योगदान दिया है. यह कब्रिस्तान शहर और संघीय सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी से बनाया जाएगा और इसे 2012 में खोला जाएगा.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए कुमार
संपादनः आभा एम