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कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री के समर्थन के संकेत

८ फ़रवरी २०२१

संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानूनों का पुर-जोर समर्थन किया है. उन्होंने बातचीत के प्रति तत्परता भी दिखाई लेकिन उनके भाषण से संकेत मिल रहे हैं कि सरकार अपना रुख बदलने के लिए तैयार नहीं है. 

Indien Bauerproteste in Neu-Delhi
तस्वीर: Channi Anand/AP Photo/picture alliance

प्रधानमंत्री ने तीनों नए कृषि कानूनों को एक सुधार बताया और उनका विरोध कर रहे किसानों से अपील की कि वो इस सुधार को एक मौका दें. महीनों से चल रहे किसानों के आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री ने अपने इस भाषण से स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सरकार प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगें मानने के बारे में विचार नहीं कर रही है. इससे सरकार और किसानों के बीच गतिरोध और गहराने की आशंका है क्योंकि किसान भी अपनी मांगों पर कायम हैं.

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के बने रहने के प्रधानमंत्री के आश्वासन को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि एमएसपी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उस पर एक कानून बना दिया जाना चाहिए. कृषि कानूनों के आलोचकों का कहना है कि उनकी वजह से धीरे धीरे एमएसपी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी. बल्कि कई किसानों का दावा है कि जब से ये कानून लागू हुए हैं तब से कई राज्यों में फसलों की खरीद का मूल्य गिर गया है और कृषि उत्पादों के व्यापारी किसानों को उनकी फसल का अच्छा मूल्य नहीं दे रहे हैं.

अड़े हैं किसान

किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और धीरे धीरे अपने प्रदर्शनों का दायरा बढ़ाते ही जा रहे हैं. 26 जनवरी को दिल्ली में किसान परेड निकालने के बाद शनिवार छह फरवरी को किसानों ने देश के कई हिस्सों में राज्यमार्गों पर चक्का जाम भी किया. किसान परेड में हुई हिंसा के बाद सरकार ने जो आक्रामक रवैया अपनाया  उसने किसानों के आंदोलन को और बढ़ा दिया है. कई किसानों के हिंसा के आरोप में गिरफ्तार हो जाने के बाद अब किसान अब कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के साथ साथ गिरफ्तार किसानों को छोड़ दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं.

इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सरकार ने सोशल मीडिया ट्विट्टर को कहा है कि वो किसान आंदोलन पर टिप्पणी करने वाले 1,178 खातों को हटा दे क्योंकि सरकार को शक है कि इन खातों का खालिस्तानी समर्थकों से संबंध है. सरकार ने ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी द्वारा कुछ विदेशी हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन पर किए गए ट्वीटों को "लाइक" करने पर भी अपनी नाराजगी जताई है. प्रधानमंत्री ने भी संसद में अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय साजिश का जिक्र किया था.

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