संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानूनों का पुर-जोर समर्थन किया है. उन्होंने बातचीत के प्रति तत्परता भी दिखाई लेकिन उनके भाषण से संकेत मिल रहे हैं कि सरकार अपना रुख बदलने के लिए तैयार नहीं है.
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प्रधानमंत्री ने तीनों नए कृषि कानूनों को एक सुधार बताया और उनका विरोध कर रहे किसानों से अपील की कि वो इस सुधार को एक मौका दें. महीनों से चल रहे किसानों के आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री ने अपने इस भाषण से स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सरकार प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगें मानने के बारे में विचार नहीं कर रही है. इससे सरकार और किसानों के बीच गतिरोध और गहराने की आशंका है क्योंकि किसान भी अपनी मांगों पर कायम हैं.
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के बने रहने के प्रधानमंत्री के आश्वासन को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि एमएसपी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उस पर एक कानून बना दिया जाना चाहिए. कृषि कानूनों के आलोचकों का कहना है कि उनकी वजह से धीरे धीरे एमएसपी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी. बल्कि कई किसानों का दावा है कि जब से ये कानून लागू हुए हैं तब से कई राज्यों में फसलों की खरीद का मूल्य गिर गया है और कृषि उत्पादों के व्यापारी किसानों को उनकी फसल का अच्छा मूल्य नहीं दे रहे हैं.
अड़े हैं किसान
किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और धीरे धीरे अपने प्रदर्शनों का दायरा बढ़ाते ही जा रहे हैं. 26 जनवरी को दिल्ली में किसान परेड निकालने के बाद शनिवार छह फरवरी को किसानों ने देश के कई हिस्सों में राज्यमार्गों पर चक्का जाम भी किया. किसान परेड में हुई हिंसा के बाद सरकार ने जो आक्रामक रवैया अपनाया उसने किसानों के आंदोलन को और बढ़ा दिया है. कई किसानों के हिंसा के आरोप में गिरफ्तार हो जाने के बाद अब किसान अब कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के साथ साथ गिरफ्तार किसानों को छोड़ दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं.
इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सरकार ने सोशल मीडिया ट्विट्टर को कहा है कि वो किसान आंदोलन पर टिप्पणी करने वाले 1,178 खातों को हटा दे क्योंकि सरकार को शक है कि इन खातों का खालिस्तानी समर्थकों से संबंध है. सरकार ने ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी द्वारा कुछ विदेशी हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन पर किए गए ट्वीटों को "लाइक" करने पर भी अपनी नाराजगी जताई है. प्रधानमंत्री ने भी संसद में अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय साजिश का जिक्र किया था.
किसान आंदोलन के बीच सरकार का साथ देते भारतीय सितारे
रिहाना और ग्रेटा थुनबर्ग जैसी अंतरराष्ट्रीय हस्तियों द्वारा भारतीय किसानों के प्रदर्शनों के मुद्दे को उठाने के बाद कई भारतीय सेलेब्रिटी भारत सरकार के समर्थन में उतर आए हैं. एक नजर इन सेलिब्रिटी समर्थकों पर.
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Jaiswal
लता मंगेशकर
भारत रत्न लता मंगेशकर ने ट्वीट किया कि भारत के लोग अपनी समस्याओं का समाधान खुद करने में सक्षम हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा इस्तेमाल किए गए हैशटैग इंडियाटुगेदर और इंडियाअगेंस्टप्रोपगैंडा भी लगाए.
तस्वीर: UNI
सचिन तेंदुलकर
भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने भी इन्हीं हैशटैग के साथ ट्वीट कर कहा कि भारत के फैसले भारत के लोगों को ही लेने चाहिए और बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं लेकिन भागीदार नहीं.
तस्वीर: Reuters/A. Hilse
करण जौहर
मशहूर फिल्म निर्माता करण जौहर ने इंडियाटुगेदर हैशटैग के साथ ट्वीट कर कहा कि हमारे किसान देश की रीढ़ की हड्डी हैं और हमें किसी को भी हमें विभाजित नहीं करने देना चाहिए.
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विराट कोहली
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने ट्वीट कर एकजुट बने रहने की अपील की और कहा कि उन्हें यकीन है कि सभी पक्ष एक मैत्रीपूर्ण समाधान निकाल लेंगे.
तस्वीर: AFP/J. Sawad
अक्षय कुमार
हिंदी फिल्मों के मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि किसानों के मुद्दों का समाधान निकालने की कोशिशें साफ दिख रही हैं और ऐसे में हमें मतभेद कराने वालों पर ध्यान देने की जगह एक मैत्रीपूर्ण समाधान का समर्थन करना चाहिए.
तस्वीर: IANS
सुनील शेट्टी
अभिनेता सुनील शेट्टी ने भी विदेश मंत्रालय के ट्वीट को रीट्वीट किया और लिखा कि आधे सच से ज्यादा खतरनाक कुछ भी नहीं होता, इसीलिए हमें हमेशा चीजों को व्यापक रूप में समझना चाहिए.
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सायना नेहवाल
विश्व में पहले स्थान पर रह चुकीं भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने हूबहू वही लिख कर ट्वीट किया जो अक्षय कुमार ने लिखा था.
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अजय देवगण
अभिनेता अजय देवगण ने भी इस मुहिम में साथ देते हुए ट्वीट कर लोगों से अपील की कि वे भारत और भारत की नीतियों के खिलाफ किसी झूठे प्रोपेगैंडा में ना फंसें.
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अजिंक्या रहाणे
भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के उप-कप्तान अजिंक्या रहाणे ने ट्वीट कर कहा कि एकजुट बने रहें और अपने आंतरिक मुद्दों का समाधान ढूंढने की कोशिश करें.
तस्वीर: PATRICK HAMILTON/AFP/Getty Images
कंगना रणौत
हिंदी फिल्मों की अभिनेत्री कंगना रणौत ने कई ट्वीट किए जिनमें उन्होंने रिहाना को "पोर्न गायिका" और प्रदर्शन कर रहे किसानों को "आतंकवादी" बताया. उन्होंने कहा कि हम अपने देश को बेच नहीं रहे हैं.