केंद्र की नीतियों का श्रेय ले रहे हैं नीतीशः मनमोहन
१६ अक्टूबर २०१०प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना कानून को लागू करने में नाकाम रही है. साथ ही अल्पसंख्यकों के लिए बनाई गई योजनाएं भी पूरी तरह लागू नहीं की जा रही हैं.
मनमोहन सिंह के मुताबिक, "हम लगातार बिहार में प्रगति की रफ्तार को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए बिजली, सड़कें और बेहतर सिचाई जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. हमने सालाना 1,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज भी देना शुरू किया है. 2004 से अब तक केंद्र सरकार ने 6,000 करोड़ रुपये दिए हैं और 36 जिलों को विशेष मदद दी गई है. ये रकम राज्य का चेहरा बदल सकती थी. जरूरतमंद लोगों तक बिजली, सड़कें और शिक्षा की सुविधाएं पहुंचाई जा सकती थीं, लेकिन राज्य सरकार ने अपनी जिम्मेदारी को पूरा नहीं किया."
मनमोहन सिंह ने ऐसे उदाहरण भी गिनाए जब केंद्र की मदद जरूरतमंद लोगों तक पहुंची लेकिन उनके मुताबिक ऐसे मामलों में राज्य सरकार ने यह कह लोगों को गुमराह किया कि ये योजनाएं खुद उसने शुरू की हैं. सीमांचल इलाके में मुस्लिम बाहुल क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने कहा, "यह जानकार दुख होता है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की योजना का श्रेय ले रही है और उनका फायदा जरूरतमंद लोगों तक पूरी तरह नहीं पहुंच रहा है."
बिहार की परेशानियों के लिए राष्ट्रीय जनता दल की पूर्व सरकार और नीतीश कुमार की मौजूदा सरकार को जिम्मेदार बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ही राज्य को चहुमुखी विकास दे सकती है. प्रधानमंत्री के मुताबिक, "अररिया जिला देश के उन 90 जिलों में शामिल किया गया है जहां केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए खास योजना शुरू की है, लेकिन अफसोस की बात है कि इस दिशा में कोई खास कदम नहीं उठाए गए." उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 63 साल बाद भी अररिया में 50 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे रह रहे हैं.
बिहार में इन दिनों विधासभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर हैं. नीतीश अपनी सरकार के काम के दम पर लोगों को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं. विपक्षी आरजेडी और एलजेपी एक साथ मैदान में उतरे हैं तो कांग्रेस अपने दम पर चुनावी समर में कूदी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह