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केजरीवाल ने विश्वासमत जीता

२ जनवरी २०१४

आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधान सभा में विश्वास मत हासिल कर सरकार में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. 'आप' को विधान सभा में कांग्रेस, जेडीयू और स्वतंत्र सदस्यों का समर्थन मिला.

तस्वीर: Reuters

दिल्ली विधान सभा में लोकनिर्माण विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया ने विश्वास मत पेश किया और फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधायकों के सामने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, "आज इस सदन के सामने प्रश्न यह है कि आम आदमी की इस लड़ाई में इस सदन का कौन सदस्य आम आदमी के साथ है." केजरीवाल के मुताबिक देश के नेताओं को यह भी देखना होगा कि राजनीति में ईमानदारी और सच्चाई की लड़ाई में वह किसके साथ हैं और क्या वे इस लड़ाई का हिस्सा बनना चाहते हैं.

केजरीवाल ने अपनी सरकार का 17 सूत्री एजेंडा पेश किया जिसमें स्वास्थ्य सेवा में सुधार, महिलाओं की सुरक्षा और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए मजबूत लोकपाल के गठन पर जोर दिया है. मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद केजरीवाल ने बिजली की दरों में कटौती और हर परिवार को प्रितदिन करीब 700 लीटर पानी मुफ्त मुहैया कराने का फैसला लिया. उन्होंने बिजली की सप्लाई करने वाली कंपनियों का ऑडिट कराने का फैसला भी लिया है.

केजरीवाल ने कहा कि वह अपनी पार्टी के लिए समर्थन ढूंढने की कोशिश नहीं कर रहे बल्कि वह दिल्ली के लोगों की परेशानियों के हल के लिए समर्थन खोज रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे, चाहे आरोपी पूर्व कांग्रेस सरकार के हों या बीजेपी के समर्थन वाले नागरिक प्रशासन विभाग के. विश्वास प्रस्ताव पर हुई बहस के बाद विधान सभा अध्यक्ष मतीन अहमद ने मतदान का एलान किया.

तस्वीर: UNI Photo service

विश्वास मत पर हुए मतदान में आम आदमी पार्टी के अपने 28 सदस्यों के साथ कांग्रेस के सात, जेडीयू का एक सदस्य और एक स्वतंत्र विधायक प्रस्ताव के समर्थन में खड़े हुए. बीजेपी के 31 सदस्यों के साथ उसकी करीबी पार्टी अकाली दल के एक सदस्य ने आप के खिलाफ वोट किया. विश्वास मत की जीत को अरविंद केजरीवाल ने आम लोगों की जीत बताया. "यह दिल्ली के लोगों की जीत है. यह सच और ईमानदारी की जीत है."

हालांकि आप का विश्वास मत जीतना एक तरह से तय था क्योंकि कांग्रेस नेता अरविंदर लवली ने गुरुवार सुबह को ही एलान कर दिया कि उनकी पार्टी के सात सदस्य आप की सरकार का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा, "जब तक आप लोगों के हित में काम करती है, कांग्रेस अपना समर्थन जारी रखेगी." केजरीवाल की सरकार को समर्थन देने के बावजूद कांग्रेस उसके साथ गठबंधन नहीं बना रही है और आप को अल्पमत सरकार चलाने दे रही है.

उधर, विश्वास मत के खिलाफ बोलने वाले बीजेपी नेताओं ने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वह "भ्रष्ट" कांग्रेस पार्टी के साथ सत्ता में आने के लिए समझौता कर रहे हैं और पूर्व कांग्रेस सरकार की भ्रष्ट करतूतों को अनदेखा कर रहे हैं.

एमजी/एमजे(पीटीआई, डीपीए)

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