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केरल में शराब बंदी से पर्यटन पर असर

१२ सितम्बर २०१४

पर्यटन और होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों को पूरी उम्मीद है कि वह केरल में शराब बंदी के फैसले को पलटवाने में कामयाब रहेंगे. शराब बंदी के बाद राज्य में पर्यटन पर बुरा असर पड़ने की आशंका है.

तस्वीर: Fotolia/Marina Ignatova

सुप्रीम कोर्ट ने केरल के बार मालिकों को फौरी राहत देते हुए 730 बार बंद करने के राज्य सरकार के आदेश पर 30 सितंबर तक यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है. शुक्रवार से राज्य सरकार पूरी तरह से शराब पर पाबंदी लगाने की योजना बना रही थी. होटल मालिकों ने राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, उन्हें डर है कि शराब पर पाबंदी से पर्यटक नहीं आएंगे जिससे उन्हें मोटा नुकसान होगा. सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने केरल उच्च न्यायालय को सलाह दी कि वह राज्य सरकार की संबंधित अधिसूचना के खिलाफ बार मालिकों की याचिका की सुनवाई 30 सितंबर तक पूरी कर ले. बेंच ने कहा कि उसे उम्मीद है कि केरल उच्च न्यायालय संबंधित याचिका की सुनवाई 30 सितंबर तक पूरी कर लेगा और तब तक राज्य के बार को लेकर यथास्थिति बरकरार रहेगी.

अधर में बार मालिक

केरल सरकार ने 12 सितंबर से उन 730 बार के संचालन पर रोक लगाने की अधिसूचना जारी की थी जो पांच सितारा होटलों की श्रेणी में नहीं आते हैं. बार मालिकों की दलीलें हैं कि जब राज्य में ताड़ी की दुकानें चल सकती हैं, होटलों में शराब बिक्री हो सकती है तो 730 बार इससे अलग क्यों रखे जा रहे हैं. बार मालिकों का कहना है कि सरकार ने उन्हें जो लाइसेंस दिए हैं उनकी वैधता 31 मार्च 2015 तक है. ऐसी स्थिति में समय से पहले लाइसेंस निरस्त किया जाना अनुचित और अवैध है. हालांकि केरल सरकार की दलील है कि शराब बेचना मौलिक अधिकार कतई नहीं हो सकता. सरकार को यह अधिकार है कि वह बीच अवधि में भी लाइसेंस निरस्त कर सकती है.

गुजरात की तरह पाबंदी की वकालत

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में शराब बंदी की सराहना करते हुए केरल सरकार से पूछा कि यदि वह राज्य में शराब की बिक्री पर रोक लगाना ही चाहती है तो वह गुजरात की तरह पूर्ण प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती. अधिसूचना में कहा गया है कि 12 सितंबर से राज्य में केवल पांच सितारा होटल के बार ही शराब बेच सकेंगे. इस आदेश के बाद 730 बार पर लाइसेंस समाप्त होने का खतरा मंडराने लगा था.

केरल के होटल और रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष जी सुधीश कुमार ने जजों के इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि हाईकोर्ट इस रोक को पलट देगा. वे कहते हैं, "गेंद अब माननीय केरल हाईकोर्ट के पाले में है. हमारा मानना है कि कोर्ट पर्यटन के हित में स्वीकार्य और विवेकपूर्ण निर्णय लेगा. हमें बेहतर की उम्मीद करनी चाहिए और बद्तर के लिए तैयार रहना चाहिए."

कोवलम में स्थित होटल सी फेस के मुख्य कार्यकारी कुमार के होटल को अभी से ही यूरोपीय पर्यटक बुकिंग रद्द करने को कहने लगे हैं. केरल का तट, नदी पर चलने वाली कश्तियां और चाय के बागानों के कारण केरल पर्यटकों की पसंदीदा जगह है. 3.4 करोड़ आबादी वाले इस राज्य में शराबखोरी बड़ी समस्या है यही वजह है कि सरकार ने अचानक शराब पर पाबंदी का फैसला लिया.

एए/एएम (एएफपी, पीटीआई)

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