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केवल खून पी कर कैसे जिंदा रहता है चमगादड़

२० फ़रवरी २०१८

वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगा लिया है कि केवल खून पी कर भी वैम्पायर चमगादड़ कैसे जिंदा रह लेते हैं. केवल खून पी कर लंबे समय तक जिंदा रहना आसान नहीं है.

Vampirfledermaus Gemeiner Vampir Desmodus rotundus
तस्वीर: Imago/ZumaPress/D. Heuclin

वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने पहली बार वैम्पायर चमगादड़ के जिनोम की संरचना का खाका बना लिया है. इससे पता चलता है कि उड़ने वाले स्तनपायी चमगादड़ों के जीन की खासियत उन्हें केवल खून पी कर जिंदा रहने में मदद करती है. इतना ही नहीं, खून में पाए जाने वाले रोगाणुओं से रक्षा में भी जीन की यह संरचना ही मददगार होती है.

तस्वीर: Imago/ZumaPress

वैज्ञानिकों ने खून पीने वाले एक चमगादड़ के जिनोम की तुलना उन चमगादड़ों के जिनोम से की जो फूलों का रस, फल, कीड़े और मीट खाते हैं. इसके साथ ही उन्होंने उनके मल से माइक्रोबायल डीएनए का भी परीक्षण किया. दुनिया में तीन ही तरह के चमगादड़ ऐसे हैं जो सिर्फ खून पी कर जिंदा रहते हैं. इनमें एक है डेसमोडस रोटंडस जिसके जिनोम का अध्ययन वैज्ञानिकों ने किया है. इसके अलावा रोएंदार पैरों वाला चमगादड़ और सफेद पंखों वाला चमगादड़ भी खून पर ही जिंदा रहते हैं.

खून पीने वाले आम चमगादड़ मुख्य रूप से मेक्सिको के कुछ हिस्सों, मध्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में रहते हैं. यह मवेशियों और घोड़ों का खून पीते हैं. आमतौर पर यह रात के अधेरे में अपने शिकार को निशाना बनाता है. धीरे धीरे जमीन पर चल कर यह अपने शिकार तक पहुंचते हैं और सोते हुए जानवरों की त्वचा को अपने तेज धार वाले दातों से भेद कर बहते खून को लंबी जीभ की मदद से पीते हैं.

कोपेनहोगेन यूनिवर्सिटी में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही लिसांद्रा जेपीडा रिसर्च की प्रमुख लेखिका हैं. उन्होंने बताया, "हमने इस जीव का अध्ययन करने की इसलिए सोची क्योंकि इसका भोजन एक चरम है और इस लिहाज से देखें तो इस जीव को जिंदा रहने के लिए कई तरह के अनुकूलन की जरूरत पड़ती है." रिसर्च के नतीजे नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन नाम के जर्नल में छपे हैं. लिसांद्रा ने बताया, "रक्त भोजन का एक चुनौतीभरा स्रोत है क्योंकि इसमें बहुत कम विटामिन और कार्बोहाइड्रेट होता है. इसके साथ ही इसमें बहुत सारा प्रोटीन, नमक और अपशिष्ट रहता है."

वैज्ञानिकों ने जीनोम के उन तत्वों पर ध्यान दिया जो चमगादड़ की प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया और विषाणु से सुरक्षा को बढ़ा देते हैं ताकि वे रक्त के साथ शरीर में आ रहे रोगाणुओं का सामना कर सकें. उन्होंने उन जीनों की पहचान भी कर ली है जो विटामिन और वसा के मेटाबॉलिज्म में शामिल होते हैं और जिनकी मदद से चमगादड़ अपने भोजन के पोषण से जुड़ी कमियों को दूर कर लेता है.

तस्वीर: picture-alliance/Mary Evans Picture Library

बहुत से लोग खून पीने वाले चमगादड़ों को ड्रैकुला नाम के काल्पनिक चरित्र से जोड़ लेते हैं. लिसांद्रा कहती हैं, "उनके बारे में मेरा निजी अनुभव यह है कि बुरे लोग उन्हें दुष्ट के रूप में दिखाते हैं. हमें उनसे अचंभित होना चाहिए लेकिन भयभीत नहीं. वास्तव में वे बेहद आकर्षक होते हैं. निश्चित रूप से अगर आप किसान हैं तो ये नहीं चाहेंगे कि वो आपकी गायों का खून चूसें लेकिन वे आपके बहुत पहले से वहां हैं."

एनआर/एके (रॉयटर्स)

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