संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार को सुझाव देते हुये कहा है कि अघोषित धन और संपत्ति पर लगाम कसने के लिये नोटबंदी ही काफी नहीं है. कालेधन से निपटने के लिए कुछ और कदम उठाने की दी सलाह.
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छह महीने पहले 8 नवंबर को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक नोटबंदी का फैसला लेकर सब को सकते में डाल दिया था. सरकार का तर्क था कि यह कदम देश में बढ़ रही अघोषित संपत्ति और काले धन पर रोक लगाने के लिये उठाया गया है. लेकिन अब संयुक्त राष्ट्र ने सरकार के इस फैसले पर जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस फैसले से न तो काले धन के सृजन पर पूरी तरह से रोक लग पाई है और न ही अघोषित आय और संपत्ति के बारे में पूरी तरह में कुछ पता चल सका.
नोटों पर हंसते, रोते और परेशान होते भारतीय
भारत में 500 और 1,000 के नोट बैन करने के बाद इंटरनेट पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इनमें सबसे ज्यादा चुटकुले वाली प्रतिक्रियायें हैं, एक नजर कुछ जबरदस्त चुटकियों पर.
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मुझे बाहर निकालो, 500 और 1,000 के नोट मैंने भी बदलने हैं: आसाराम बापू
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कैटरीना ने काफी पहले बता दिया था कि, "नोट हजारों के, मैं छुट्टा कराने आई."
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मेरे पास दो बैंक अकाउंट हैं, दोनों में जीरो बैलेंस है. संकट की घड़ी में मैं आपके काम आ सकूं तो संपर्क करें.
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बैंक के बाहर नोटिस लगा है: कृपया मूली के पराठे खाकर लाईन में खड़ें न हों.
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पुलिस वाले को 1,000 का नोट दिया तो उसने कहा, अरे यार 100 ही दे दो.
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तिजोरी खोल दो, कोई लूटने को तैयार नहीं.
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न्यूज चैनलों ने क्लिंटन और ट्रंप की तैयारी कर रखी थी. लेकिन मोदी और उनका नोट बदलने का फैसला आउट ऑफ सिलेबस आ गया.
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लोग कहते थे कि फेंकू है. इस बार ऐसा फेंका है कि बटोरने का भी समय नहीं मिला.
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जिस घर में रात भर लाइट जली रहे, समझ लो नोट ठिकाने लगाने का काम हो रहा है.
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यह साल जिन नोट्स के लिये खराब रहा: सैमसंग नोट्स, 500 और 1,000
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संयुक्त राष्ट्र की "इकोनॉमिक एंड सोशल सर्वे ऑफ एशिया एंड द पैसिफिक 2017" की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में काले धन पर निर्भर अर्थव्यवस्था का आकार जी़डीपी का 20 से 25 फीसदी तक हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, इसमें नकदी की हिस्सा महज 10 प्रतिशत के आसपास होगा. ऐसे में नोटबंदी को काले धन पर लगाम कसने के लिये कारगर उपाय नहीं माना जा सकता और सरकार को अन्य दूसरे उपायों पर विचार करना चाहिए. रिपोर्ट में पारदर्शिता में इजाफा करने वाले व्यापक संरचनात्मक सुधारों पर जोर दिया गया है. इसमें वस्तु एवं सेवा कर, आय नीतियों का स्वैच्छिक खुलासा और करदाता की पहचान कर उच्च रकम वाले लेन देन की निगरानी पर भी चर्चा की गयी है.
इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में पारदर्शिता बढ़ाने के लिये रियल एस्टेट रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सुधारों से जुड़ी बात भी की गयी है. रिपोर्ट के मुताबिक, "नोटबंदी के दौर में नकदी के विकल्पों को लेकर बढ़ी जागरूकता तथा सरकार की ओर से डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन दिये जाने से नकदी-रहित लेनदेन में स्थायी रूप से वृद्धि होने की संभावना है."
इस समय डिजिटल भुगतान कुल लेनदेन का केवल 20 फीसदी और व्यक्तिगत उपभोग व्यय का पांच फीसदी है. इसी बीच देश के जाने माने अर्थशास्त्री और पूर्व आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने भी ट्वीट करते हुये कहा था कि नोटबंदी के छह महीने बीत चुके हैं और अब यह देखने का समय आ गया है कि हमने इससे क्या हासिल किया?
नोटों का खेल
भारत में नोट वापस लेने की समय सीमा पहले 31 मार्च 2014, फिर बढ़ाकर 1 जनवरी 2015 की गयी. अब अंतिम समय सीमा 30 जून 2015 की है. काले धन पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई ने 2005 से पहले के नोटों को वापस लेने का फैसला किया था.
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पुराने नोट वापस
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2005 के पहले छपे 500 और 1,000 के सभी नोटों को वापस लेने का फैसला लिया. 1 अप्रैल 2014 से लोगों ने बैंक जाकर नए नोट लेना शुरू किया.
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नकली नोट पर लगाम
कभी जाली नोटों की खेप पकड़ी जाती है, तो कभी भ्रष्ट अफसरों या नेताओं के घर से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद किए जाते हैं. इस कदम से देश में काले धन और जाली नोटों पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है.
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लातविया में यूरो
2014 की शुरुआत में लातविया ने यूरो मुद्रा अपनाया. लातविया यूरो अपनाने वाला 18वां देश है. यूरो अपनाने का मकसद मजबूत मुद्रा के साथ देश की आर्थिक तरक्की भी है.
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यूरोजोन में यूरो
यूरो यूरोपीय संघ के 28 में से 18 सदस्य की आधिकारिक मुद्रा है. इन्हें सामूहिक रूप से यूरोजोन कहा जाता है. यूरोपीय संघ के बाहर तीन देशों में भी यूरो का चलन है.
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यूरो अपनाते देश
मजबूत मुद्रा और आर्थिक मजबूती की वजह से यूरोप के ज्यादा से ज्यादा देश यूरो अपनाना चाहते हैं. 1 जनवरी 2015 से लिथुएनिया ने भी यूरो को करेंसी के तौर पर अपना लिया.
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डॉलर के बाद यूरो
यूरो दुनिया में डॉलर के बाद सबसे बड़ी रिजर्व करेंसी है. साथ ही यह डॉलर के बाद कारोबार में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली दूसरी मुद्रा भी है.
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डिजिटल मनी
ई मनी या फिर प्लास्टिक मनी, जाली नोटों पर लगाम लगाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. सिर्फ एक कार्ड के सहारे भुगतान संभव है.