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कैंसर से हार कर भी जीत

१८ सितम्बर २०१२

दक्षिणी प्रशांत के छोटे से द्वीप टोंगा की रहने वाली ताए कामी 13 साल की थी जब एक दिन उसकी नाक से खून बहने लगा. डॉक्टर ने जांच की तो पता चला कि उसे साइनस कैंसर है.

तस्वीर: picture alliance/dpa/lsw

इलाज के लिए उसके मां बाप उसे फिजी ले गए. 2006 में कैंसर का पता लगने के बाद ताए के कई ऑपरेशन हुए. उसके मसूड़े और आंख के नीचे की हड्डियां निकाली गईं. शरीर के अन्य हिस्सों से हड्डियां और खाल निकाल कर चेहरे पर लगाई गईं.

लेकिन कई ऑपरेशन के बावजूद कैंसर फैलता रहा. तब ताए ने फैसला किया कि वह इलाज छोड़ कर अपनी मौत की तैयारी करेगी. 2008 में ताए की मौत हो गई. लेकिन ताए मरने से पहले लोगों को जीने का सबक दे गईं. पूरा चेहरा बिगड़ जाने के बाद भी ताए ने मुस्कुराना नहीं छोड़ा.

मौत के बाद उनके मां बाप ताए कामी फाउनडेशन पर काम करते रहे. इस साल अगस्त के आखिरी हफ्ते पर फाउंडेशन ने एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें वह कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए 1,80,000 डॉलर जुटाने में कामयाब हो पाए. 2009 से यह फाउंडेशन 3,20,000 डॉलर जुटा चुका है. ताए की मां सीना कामी इस बारे में कहती हैं, "हमारे पास कोई शब्द नहीं हैं. ताए हमेशा कहा करती थी कि आपको अपने सपनों में विश्वास रखना है और वे जरूर पूरे होंगे. वह सही थी."

ताए का सपना था कि कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए एक सेंटर बनाया जाए जहां अस्पताल हों और वे बिना पैसे की चिंता किए इलाज करा सकें. ताए के देहांत से पहले फाउंडेशन का काम शुरू कर दिया गया था. हालांकि वह इसे पूरा होते हुए नहीं देख सकी. फाउंडेशन की कोशिश है कि कैंसर पीड़ितों के परिवार वालों के रहने का भी इंतजाम किया जाए.

तस्वीर: picture alliance / JOKER

फिजी से न्यूजीलैंड तक ताए को हर कोई जानता है. इंटरनेट में उसके नाम के कई ब्लॉग हैं. देहांत से पहले उसने टीवी में कई इंटरव्यू भी दिए जो लोगों को जीने के लिए प्रेरित करते हैं. ताए का लिखा गया गाना "वॉक ऑन, वॉक स्ट्रॉन्ग" भी इस इलाके में इतना लोकप्रिय है कि लोग इसे मोबाइल के रिंगटोन के लिए भी इस्तेमाल करते हैं.

इंटरव्यू ने एक बार कहा था, "लिपस्टिक और मेकअप इस्तेमाल करने की जगह मुझे तो अपने पहले ऑपरेशन की तैयारी करनी पड़ रही थी."

लगातार ऑपरेशन और परेशानियों के बाद भी वह काफी मजबूत थी. मौत के चार महीने पहले उसने कहा, "मुझे किसी बात का दुख नहीं है. मेरे जीवन में कैंसर एक आशीर्वाद था. इसने मुझे बहुत मजबूत बनाया."

उन्होंने अपनी मां से आखिरी दिन के लिए कपड़ा खरीदने को कहा ताकि वह उसे देख सके. मौत से पहले ये कपड़े पहने और कहा "देखो मैं कितनी खूबसूरत लगती हूं." उनकी बहन मिया कामी अब 14 साल की हैं. वह बताती हैं कि बहन के साथ बिताए दिन सबसे अच्छे थे, "शाम में हम दोस्तों के साथ घूमने जाते. ताए व्हील चेयर पर. हम खूब बातें करते, मजा करते."

ताए की मौत के चार साल बाद भी उनके मां बाप, मिया और छोटी बहन जोय उनके बारे में बात करते हैं. और सभी मिल कर कैंसर पीड़ितों के लिए पैसा इकट्ठा करते हैं.

मौत से पहले टीवी इंटरव्यू में ताए कामी ने कहा कि वह हमेशा एक 'खुश लड़की' के तौर पर याद रहना पसंद करेंगी. आखिरी दिन उन्होंने मां के लिए नोट लिखा, "प्लीज, लोगों को बताना कि मैंने अपनी लडा़ई जीती है."

आईबी/एजेए (डीपीए)

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