कैपिटल हिल हिंसा: एक साल में अमेरिकी पुलिस ने क्या सीखा?
४ जनवरी २०२२![Visual Story 1. Jahrestag der Erstürmung des Kapitols](https://static.dw.com/image/60221483_800.webp)
अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन के कैपिटल हिल में ट्रंप-समर्थकों की हिंसा और बवाल को सालभर हो गया है. इस घटना ने पुलिस और प्रशासन के सामने एक अभूतपूर्व चुनौती खड़ी कर दी थी. इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों लोग घायल भी हुए थे.
6 जनवरी 2021 को अमेरिका में लोकतंत्र के इस बेहद अहम प्रतीक पर हुए हमले के एक साल बाद कैपिटल हिल की सुरक्षा में तैनात पुलिस का कायापलट हो चुका है. जो अधिकारी 6 जनवरी को अमेरिकी कैपिटल पुलिस के प्रमुख थे, उन्हें उनकी खुफिया और दूसरी विफलताओं के लिए कड़ी आलोचना के बाद हटा दिया गया था. साथ ही, जिस एजेंसी को वाशिंगटन के बाहर बहुत कम ही लोग जानते थे, अब उसका स्तर पहले से कहीं बेहतर हो गया है.
कहां से शुरू हुए बदलाव
एजेंसी के बजट में 15 फीसदी बढ़ोतरी की गई है और कैपिटल हिल की सुरक्षा में जुटे समूहों के पैचवर्क में इसकी भूमिका को लेकर ज्यादा जागरूकता आई है. हालांकि, अमेरिकी समाज में राजनीतिक विभाजन की खाई और चौड़ी होती जा रही है. सांसदों को भी लगातार अभूतपूर्व संख्या में धमकियां मिल रही हैं.
ऐसे में चिंता यही है कि क्या कैपिटल हिल पुलिस वाकई इस किस्म का एक और हमला विफल करने में सक्षम है. विशेषज्ञों का कहना है कि पिछली बार की घटना से जो झटका लगा, उसने बदलावों के लिए प्रेरणा दी है. इसमें कैपिटल पुलिस, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और जनता के बीच बेहतर संचार और मेलजोल भी शामिल है.
क्या पुलिस को नहीं था खतरे का अंदाजा?
पुलिस तंत्र में पेशेवर रवैये पर जोर देने वाले एक संगठन पुलिस एग्जिक्यूटिव रिसर्च फोरम के प्रमुख चक वेक्सलर कहते हैं, "कैपिटल पुलिस का सोचने का क्या तरीका है और यह कैसे काम करती है, इसमें पिछले साल की तुलना में इस साल बहुत बड़ा अंतर आया है. अब वो हमेशा जरूरत से एक कदम आगे की तैयारी के साथ होंगे और अपने इन्हीं एहतियाती कदमों के लिए आलोचना झेलने के लिए भी तैयार होंगे."
तत्कालीन कार्यकारी पुलिस चीफ योगानंडा पिटमैन ने फरवरी में कांग्रेस के सामने कहा था कि कई स्तर पर हुई विफलताओं ने दंगाइयों को कैपिटल हिल में इस तरह का बवाल करने का मौका दिया. हालांकि, उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि लॉ एनफोर्समेंट खतरे की गंभीरता समझने में नाकाम रहे. उन्होंने बताया कि कैपिटल हिल हिंसा के कई दिनों पहले कैपिटल पुलिस ने अंतरिम दस्तावेजों में चेतावनी जारी की थी कि चरमपंथी हिंसा के लिए तैयार हैं.
पुलिस विभाग ने कई खुफिया दस्तावेज इकट्ठे किए हैं, जिनमें चेतावनी दी गई थी कि भीड़ हिंसक हो सकती है और कांग्रेस को निशाना बना सकती है. न्यूज एजेंसी असोसिएटेड प्रेस ने इस खुफिया दस्तावेजों को खंगाला है, जिनमें चेतावनी दी गई थी कि भीड़ में 'प्राउड बॉयज' जैसे चरमपंथी समूह के सदस्य समेत हजारों लोग शामिल हो सकते हैं.
नए प्रमुख के साथ आए ये बदलाव
जुलाई, 2021 में वर्जीनिया की फेयरफॉक्स काउंटी और मेरीलैंड की मॉन्टगोमरी काउंटी में पुलिस विभाग के पूर्व प्रमुख जे. थॉमस मंगर को कैपिटल हिल पुलिस का नया प्रमुख चुना गया. मंगर ने कार्यकाल संभालने के बाद कैपिटल हिल पुलिस में कई बदलाव किए, जिनमें 1800 पुलिस अफसरों और करीब 400 सिविलियन कर्मचारियों को जोड़ना शामिल है. उन्होंने पहली पंक्ति के अफसरों और सिविल डिस्टरबेंस यूनिट में शामिल अफसरों के लिए नए उपकरणों के इंतजाम किए. साथ ही, उन्होंने इस पुलिसकर्मियों की नेशनल गार्ड और अन्य एजेंसियों के साथ ट्रेनिंग को विस्तार दिया. उन्होंने अधिकारियों के लिए मजबूत समर्थन और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं पर भी जोर दिया.
सितंबर में समाचार एजेंसी एपी को दिए एक इंटरव्यू में मंगर ने कहा, "मेरा मानना है कि 6 जनवरी को जो कैपिटल हिल में जो नुकसान हुआ था, वो सिर्फ भौतिक नुकसान नहीं था. यह सिर्फ क्षति, चोटें, कैपिटल पुलिस बल के कर्मचारियों की मौतें, प्रदर्शनकारियों की मौतें और कैपिटल ग्राउंड पर मौजूद लोगों को हुआ नुकसान नहीं था. आघात इससे भी कहीं ज्यादा बड़ा था. मुझे लगता है कि इसका सबसे बड़ा नुकसान अमेरिकी जनता के उस भरोसे को पहुंचा है, जो मानती रही है कि कैपिटल को पर्याप्त रूप से सुरक्षित रखा जा सकता है."
कैपिटल पुलिस का कहना है कि बीते एक साल में उन्होंने जांचकर्ताओं के साथ आने, विश्लेषण करने, खुफिया जानकारी साझा करने और बड़े आयोजनों के मौके पर योजना बनाने और कॉर्डिनेशन के लिए किसी खास व्यक्ति को लाने जैसी चीजों में खुद को बेहतर बनाया है. एजेंसी ने बड़े मौकों से पहले योजना बनाने और अभ्यास करने जैसे सत्र रखने शुरू किए हैं. अब अधिकारियों से निजी तौर पर बातचीत का सिलसिला भी शुरू हुआ है. हालांकि, नए प्रमुख के आने और पुलिस बल में तमाम बदलाव किए जाने के बावजूद एक सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या राजधानी पर्याप्त रूप से सुरक्षित है.
वीएस/एनआर (एपी)