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कैबिनेट को मिलेंगे लोकपाल बिल के दो मसौदे

१६ जून २०११

कड़े जन लोकपाल बिल की मांग कर रहे सिविल सोसाइटी के सदस्यों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध बने रहने के बाद फॉर्मूले पर सहमति बनी. कैबिनेट को अब एक नोट भेजा जाएगा जिसमें दोनों पक्षों के लोकपाल बिल के मसौदे का उल्लेख होगा.

तस्वीर: AP

दिल्ली में बुधवार को मंत्रियों और सिविल सोसाइटी के नुमांइदों में ढाई घंटे तक बैठक चली लेकिन मतभेद कायम रहे. शांति भूषण, प्रशांत भूषण, संतोष हेगड़े, अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल की मांग है कि लोकपाल बिल के दायरे में प्रधानमंत्री और सांसदों को भी लाया जाना चाहिए लेकिन सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं है. लोकपाल बिल के प्रारुप से जुड़ी अन्य बातों पर भी मतभेद बरकरार रहे.

बिल के ढांचे और प्रावधानों पर सहमति न बनते देख दोनों ही पक्षों ने तय किया कि दोनों पक्षों के मसौदों को कैबिनेट के लिए भेजा जाएगा. सिविल सोसाइटी सदस्यों और सरकारी प्रतिनिधियों के बीच यह सातवीं बैठक थीं और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 30 जून की समयसीमा तय की थी. हालांकि ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्य 20 और 21 जून को फिर मिलेंगे और विवादस्पद मुद्दों पर सहमति की एक बार फिर कोशिश की जाएगी.

तस्वीर: dapd

मानव संसाधन विकास मंत्री और टेलीकॉम मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, "हम उन मु्द्दों का ड्राफ्ट तैयार करेंगे जिन पर सहमति नहीं बन पा रही है और फिर सहमति की कोशिश होगी. अगर सहमति नहीं बन पाती है तो फिर कैबिनेट के पास बिल के दोनों मसौदे भेजे जाएंगे."

वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने बताया, "सरकार और हमारे मत में काफी भिन्नता है. हमने फैसला किया है कि बिल के दो मसौदे भेजे जाएं." अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि सरकार बिल के बनने से पहले ही उसे मारना चाह रही है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: आभा एम

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