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कैमरन ने की भारत से मजबूत रक्षा संबंधों की वकालत

२८ जुलाई २०१०

भारत दौरे पर गए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने दोनों मुल्कों के बीच मजबूत रक्षा संबंधों की वकालत की है. कैमरन चाहते हैं कि दुनिया को सुरक्षित बनाने की चुनौती का सामना करने के लिए दोनों मुल्क साथ मिलकर काम करें.

तस्वीर: AP

सात कैबिनेट मंत्री और बड़े कारोबारियों के लंबे चौड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत गए ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ने दोनों मुल्कों के बीच बेहतर रिश्तों की वकालत करने में किसी भी मुद्दे को छूने से परहेज नहीं किया. डेविड कैमरन ने कहा कि भारत की तरह ही ब्रिटेन के सामने भी अपने नागरिकों को अल कायदा, तालिबान, लश्करे तैयबा और हक्कानी नेटवर्क का निशाना बनने से बचाने की चुनौती है. कैमरन ने कहा, "दोनों मुल्कों के लोग चाहे वे आम नागरिक हों या सैनिक, अफगानिस्तान में शांति के लिए कोशिश कर रहे हैं और हमें उनके सुरक्षा की चिंता करनी है." कैमरन दक्षिण भारतीय शहर बेंगलुरू के इंफोसिस कैंपस में पत्रकारों से बात कर रहे थे.

तस्वीर: AP

जुलाई 2005 में हुए लंदन धमाकों और नवंबर 2008 के मुंबई हमलों का जिक्र करते हुए कैमरन ने कहा कि इसमें दोनों देशों के कई लोगों की जान गई. कैमरन ने कहा, "हमारे हित आपके हित है, तो फिर आइए इन्हें पूरा करने के लिए हम साथ मिल कर काम करें." ब्रिटेन मुंबई हमलों की जांच में मदद कर रहा है और इस बारे में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने साफ किया कि हमलों के जिम्मेदार लोगों को सज़ा दिला कर रहेंगे.

कैमरन ने ध्यान दिलाया कि आतंकवादी सीमापार से घुसपैठ करते हैं और उनके पास दुनिया भर से संचार के जरिए जुड़े रहने की तकनीक हैं. ऐसे में दोनों देश साथ मिलकर ही उनका सामना कर सकते हैं. साइबर क्राइम और आतंक के लिए धन मुहैया कराने वालों के खिलाफ भी लड़ने के लिए सहयोग जरूरी है. इस साल भारत में कॉमनवेल्थ खेल हो रहे हैं और दो साल बाद लंदन में ओलंपिक खेल होंगे. इसलिए दोनों शहरों की पुलिस सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता बनाने में एक दूसरे के काम आ सकती है.

कुल मिलाकर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच साझेदारी और बेहतर रिश्तों की जरूरत महसूस कराने वाली हर उस बात का जिक्र किया जो इसे और मजबूत बनाने पर बल देती हो. अब वह चाहे कॉमनवेल्थ और ओलंपिक जैसे खेल आयोजन हों या आतंकवादियो के खिलाफ तकनीकी और बेहतर सहयोग से जंग की बात या फिर रक्षा उपकरणों की खरीद-बिक्री का मामला. ब्रिटिश प्रधानमंत्री हर जगह दोनों मुल्कों के बीच मजबूत सहयोग की वकालत करते नजर आए. हां, जब उनसे पड़ोसी देशों के कारण भारत को होने वाली दिक्कतों का जिक्र किया गया तो वह ये कहने से नहीं चूके कि फिलहाल अफगानिस्तान और पाकिस्तान आतंकवाद और अस्थिरता से जूझ रहे हैं जिसमें उनका सहयोग किया जाना जरूरी है. कैमरन ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में शांति और स्थायित्व भारत के लिए भी जरूरी है.

कैमरन के इस दौरे में भारत ब्रिटेन से 57 एडवांस जेट ट्रेनर की खरीद पर अंतिम मुहर लगा सकता है. बहरहाल इतना तय है कि आर्थिक मंदी के दौर में संभल कर खड़े रहने के बाद दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते इस बाज़ार पर ब्रिटेन की पैनी निगाहें हैं. प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद इतनी जल्दी और इतने बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत का दौरे पर जाकर ही उन्होंने जता दिया कि भारत के साथ बेहतर रिश्तों की जरूरत ब्रिटेन को कितनी ज्यादा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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