भारतीय-कश्मीर में पनबिजली प्रोजेक्ट में तेजी का असर
१६ मार्च २०१७
भारत ने कश्मीर में अपनी 15 अरब डॉलर की पनबिजली परियोजनाओं में तेजी से काम करना शुरू कर दिया है. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक इस्लामाबाद की ओर से दी जा रहीं चेतावनियों को दरकिनार करते हुये इस ओर कदम बढ़ाये गये हैं.
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पाकिस्तान की ओर से कहा जाता रहा है कि ये पनबिजली योजनायें पाकिस्तान में जल आपूर्ति को प्रभावित कर सकती हैं. लंबे समय से अधर में लटकी इन योजनाओं में पिछले कुछ महीने के दौरान आई तेजी को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से भी जोड़कर देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष सुझाव दिया था कि अगर पाक द्वारा आतंकवादियों को पनाह देना बंद कर दिया जाता है, तो भारत जलमार्ग साझा करने के प्रस्ताव पर अमल करेगा.
पाकिस्तान इसे सिंधु नदी और इसकी सहायक नदियों के जल को बांटने के लिये विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई संधि का उल्लंघन मानता है. पाकिस्तान का 80 प्रतिशत कृषि क्षेत्र सिंधु नदी पर निर्भर करता है.
इस मसले पर भारत के ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप कुमार पुजारी ने कहा, "ये सब जल परियोजनाएं नहीं हैं, बल्कि जल प्रबंधन के लिये कुछ रणनीतिक रूप से उठाये गये कदम हैं."
पाकिस्तान, भारतीय-कश्मीर में किसी भी प्रकार के दखल से इनकार करता रहा है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने इसे तकनीकी मामला बताते हुये कहा कि वे इस मसले पर जल ऊर्जा मंत्रालय से बात करेंगे. उन्होंने कहा, "इस महीने के अंत में भारत, लाहौर में होने वाली सिंधु आयोग की बैठक में भाग लेगा और लंबे समय से अटकी बातचीत हो सकेगी."
दुनिया में कहां कहां अलगाववाद
दुनिया में कई जगहों पर अलग देशों को लेकर आंदोलन चल रहे हैं. विभिन्न ऐतिहासिक, राजनीतिक और आर्थिक कारणों से हो रहे ये आंदोलन दुनिया को नए देश दे सकते हैं.
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कश्मीर, भारत
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कैटेलोनिया, स्पेन
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फ्लेमिश रिपब्लिक, बेल्जियम
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वेनेटो, इटली
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स्कॉटलैंड, ब्रिटेन
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अबखासिया, जॉर्जिया
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साउथ ओसेतिया, जॉर्जिया
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ट्रांसनिस्ट्रिया, मोल्डोवा
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न्यू रशिया, यूक्रेन
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वेस्ट पापुआ, इंडोनेशिया
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सोमालीलैंड, सोमालिया
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उत्पादन क्षमता
जल संसाधन मंत्रालय और केंद्रीय ऊर्जा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन महीने में कश्मीर के भीतर छह पनबिजली योजनाएं अपने परीक्षण में सफल रही हैं या इन्हें पर्यावरण और वन विशेषज्ञों की अनुमति मिल गई है. ये परियोजनाएं सिंधु नदी की सहायक नदी चिनाब पर हैं. अधिकारियों ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि इन पनबिजली परियोजनाओं के जरिये जम्मू कश्मीर की वर्तमान 3,000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता में तेज बढ़ोत्तरी होगी. जल संसाधन मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि पिछले 50 सालों में पनबिजली क्षमता में इतनी तेजी नहीं आई, और एक दिन में छह-सात परियोजनाओं को हरी झंडी दिखा देंगे तो निश्चित ही पाकिस्तान की चिंता बढ़ जायेगी.
विदेशी मामलों में अमेरिका की संसदीय समिति ने साल 2011 में अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत इन परियोजनाओं का इस्तेमाल पाकिस्तान में सिंधु के पानी को नियंत्रित करने के लिये कर सकता है. वहीं भारत का तर्क है कि ये परियोजनाएं किसी भी तरह से संधि का उल्लघंन नहीं करती क्योंकि ये रन-ऑफ-द-रिवर योजनाएं हैं और इसके जल का इस्तेमाल बिजली उत्पादन के लिये किया जायेगा ना कि किसी भंडारण में. वहीं पर्यावरण समूहों ने भी सरकार द्वारा इन परियोजनाओं को जल्दबाजी में मंजूरी दिये जाने पर सवाल उठाये हैं.
खून और पानी
कश्मीर मुद्दे की पूरी रामकहानी
आजादी के बाद से ही कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक फांस बना हुआ है. कश्मीर के मोर्चे पर कब क्या क्या हुआ, जानिए.
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1947
बंटवारे के बाद पाकिस्तानी कबायली सेना ने कश्मीर पर हमला कर दिया तो कश्मीर के महाराजा ने भारत के साथ विलय की संधि की. इस पर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया.
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1948
भारत ने कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाया. संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव 47 पास किया जिसमें पूरे इलाके में जनमत संग्रह कराने की बात कही गई.
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1948
लेकिन प्रस्ताव के मुताबिक पाकिस्तान ने कश्मीर से सैनिक हटाने से इनकार कर दिया. और फिर कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया.
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1951
भारतीय कश्मीर में चुनाव हुए और भारत में विलय का समर्थन किया गया. भारत ने कहा, अब जनमत संग्रह का जरूरत नहीं बची. पर संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान ने कहा, जनमत संग्रह तो होना चाहिए.
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1953
जनमत संग्रह समर्थक और भारत में विलय को लटका रहे कश्मीर के प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्लाह को गिरफ्तार कर लिया गया. जम्मू कश्मीर की नई सरकार ने भारत में कश्मीर के विलय पर मुहर लगाई.
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1957
भारत के संविधान में जम्मू कश्मीर को भारत के हिस्से के तौर पर परिभाषित किया गया.
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1962-63
चीन ने 1962 की लड़ाई भारत को हराया और अक्साई चिन पर नियंत्रण कर लिया. इसके अगले साल पाकिस्तान ने कश्मीर का ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट वाला हिस्सा चीन को दे दिया.
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1965
कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ. लेकिन आखिर में दोनों देश अपने पुरानी पोजिशन पर लौट गए.
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1971-72
दोनों देशों का फिर युद्ध हुआ. पाकिस्तान हारा और 1972 में शिमला समझौता हुआ. युद्धविराम रेखा को नियंत्रण रेखा बनाया गया और बातचीत से विवाद सुलझाने पर सहमति हुई.
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1984
भारत ने सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण कर लिया, जिसे हासिल करने के लिए पाकिस्तान कई बार कोशिश की. लेकिन कामयाब न हुआ.
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1987
जम्मू कश्मीर में विवादित चुनावों के बाद राज्य में आजादी समर्थक अलगाववादी आंदोलन शुरू हुआ. भारत ने पाकिस्तान पर उग्रवाद भड़काने का आरोप लगाया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज किया.
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1990
गवकदल पुल पर भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 100 प्रदर्शनकारियों की मौत. घाटी से लगभग सारे हिंदू चले गए. जम्मू कश्मीर में सेना को विशेष शक्तियां देने वाले अफ्सपा कानून लगा.
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1999
घाटी में 1990 के दशक में हिंसा जारी रही. लेकिन 1999 आते आते भारत और पाकिस्तान फिर लड़ाई को मोर्चे पर डटे थे. कारगिल की लड़ाई.
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2001-2008
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की कोशिशें पहले संसद पर हमले और और फिर मुबई हमले समेत ऐसी कई हिंसक घटनाओं से नाकाम होती रहीं.
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2010
भारतीय सेना की गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत पर घाटी उबल पड़ी. हफ्तों तक तनाव रहा और कम से कम 100 लोग मारे गए.
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2013
संसद पर हमले के दोषी करार दिए गए अफजल गुरु को फांसी दी गई. इसके बाद भड़के प्रदर्शनों में दो लोग मारे गए. इसी साल भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मिले और तनाव को घटाने की बात हुई.
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2014
प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ गए. लेकिन उसके बाद नई दिल्ली में अलगाववादियों से पाकिस्तानी उच्चायुक्त की मुलाकात पर भारत ने बातचीत टाल दी.
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2016
बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में आजादी के समर्थक फिर सड़कों पर आ गए. अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और गतिरोध जारी है.
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2019
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 46 जवान मारे गए. इस हमले को एक कश्मीरी युवक ने अंजाम दिया. इसके बाद परिस्थितियां बदलीं. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है.
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2019
22 जुलाई 2019 को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता करने की मांग की. लेकिन भारत सरकार ने ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझेगा.
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2019
5 अगस्त 2019 को भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संशोधन विधेयक पेश किया. इस संशोधन के मुताबिक अनुच्छेद 370 में बदलाव किए जाएंगे. जम्मू कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. लद्दाख को भी एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. धारा 35 ए भी खत्म हो गई है.
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पिछले साल सिंधु जल संधि की एक बैठक में प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को संबोधित करते हुये कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता. हाल के दिनों में सियालकोट, क्वार, पक्कल डल, बुरसार, कीरथई परियोजनाओं को तकनीकी मंजूरी दी गई है. सियालकोट परियोजना लगभग एक दशक से अधर में लटकी हुई थी.
दक्षिण एशिया नेटवर्क के कॉर्डिनेटर हिमांशु ठक्कर के मुताबिक, कुछ परियोजनाओं के प्रभावों का भी सही आकलन नहीं किया गया है और न ही इस पर सार्वजनिक विचार-विमर्श किया गया है. ठक्कर ने बताया कि चिनाब का क्षेत्र बहुत ही संवेदनशील है और यहां बाढ़ और भूकंप का खतरा बना रहता है लेकिन वहां भी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.