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कैसे कम हो सड़क दुर्घटनाएं!

१५ अगस्त २०१३

प्रश्नोलॉजी में हमने आपसे पूछा था सड़क दुर्घटनाओं को कैसे कम किया जा सकता है. मिले हमें पाठकों से ढेर सारे दिलचस्प जवाब, उनमें से कुछ जवाब पढिए आप भी यहां...

The wreckage of a bus is seen as members of the emergency services and police work at the scene of a collision between the bus and a truck outside Moscow July 13, 2013. Seventeen people were killed and many more injured on Saturday when a truck plowed into a bus in a Moscow suburb, breaking it in two, Russia's emergency ministry said. REUTERS/Sergei Karpukhin (RUSSIA - Tags: SOCIETY TRANSPORT)
तस्वीर: Reuters

बस दुर्घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी होना चिंता का विषय है. पिछले कुछ वर्षो से वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण यह आंकड़ा तेजी से बढा है. इसके कई कारण हैं, चालकों की लापरवाही, शराब पी कर वाहन चलाना, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करना, सडकों की खराब स्थिति, वाहन मे खराबी, अचानक किसी वाहन का ओवरटेकिंग करना और यातायात नियमों का पालन न करना. लेकिन जो दुर्घटनाएं चालकों की लापरवाही के कारण होती हैं, उन पर काबू रखने के लिए चालकों को सख्ती से निर्देशित किया जाना चाहिए. भारत में सडकों की खराब हालत भी काफी हद तक दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार है. सडकों पर दो वाहन को बचाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती है ऐसे में वाहन को बचाने में वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. तो यह कहा जा सकता है कि यदि चालकों की लापरवाही और सडकों की हालात को सुधार किया जाये तो सङक दुर्घटनाओं की संख्या में निश्चित रूप से कमी लाई जा सकती है और यात्रा को मंगलमय बनाया जा सकता है. - अंक प्रताप सिंह, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश

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कहने वालों का तो यह भी कहना है कि दुर्घटना या एक्सीडेंट हो ही जाते है और उनको टाला नहीं जा सकता, सिर्फ कम किया जा सकता है. पहले देखें कि एक्सीडेंट होते क्यों है... जैसा कि हम सब जानते हैं सबसे बड़ी वजह है, हयूमन एरर या इंसान के जल्दबाजी दिखाने के कारण या मशीनरी जिसको वह चला रहा है उसकी लापरवाही या उसमें आई समस्या को दूर न करना. किसी भी प्रकार की लापरवाही को कम करने के लिए ड्राइवर को चाहिए कि वह गाड़ी चलाते समय अपनी आंखों और तकनीक जो उसकी हेल्प कर रही है उस पर ध्यान दे तभी दुर्घटनाओं में कमी आ पायेगी. - सचिन सेठी

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

सड़कों पर जैसे जैसे आबादी और वाहन बढ़ते जा रहे हैं वैसे वैसे सड़क दुर्घटनाओं में भी तेजी से बढोतरी हो रही है. सडकों पर बढ़ी भीड़ ने वाहन चालकों की मुश्किलों को बढा दिया है. वाहन चलाते समय कुछ सावधानियां बरती जाये तो दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है. वाहन चलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, जैसे कि वाहन चलाते समय मोबाइल पर बातें न करें, वाहन चलाते समय नशीली चीजों का इस्तेमाल न करें, ट्रैफिक नियमों का पालन करें, ओवर लोडिंग और गलत ओवरटेकिंग से बचें, गतिसीमा निर्धारित ही रहे.- अनिल कुमार द्विवेदी, अमेठी, उत्तर प्रदेश

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हादसे के बारे में मैंने जितना सोचा, जितना जाना, उसका कुल मतलब इतना ही निकला कि हादसे पर इंसान का वश नहीं होता. होता तो हादसा ही क्यों होता? कौन चाहेगा कि कोई हादसा उसके साथ हो जाए. तो इतना मान लीजिए कि जो रहा है उसके पीछे कोई सत्ता, कोई नियामक बॉडी काम कर रही है. - अर्चित कुमारी

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बस और ट्रक में होते एक्सीडेंट दिन पर दिन बढ़ते जा रहे है. मेरा सुझाव है कि ड्राईवर के लिए एक ऐसा हेलमेट तैयार करना चाहिए, जिसमें सेंसर और कैमरा लगा होना चाहिए जो की सामने से आने वाली किसी भी गाड़ी को देखते ही वाइब्रेट होना शुरू कर दे और ड्राईवर को सूचित कर दे. दूसरा सुझाव है कि पुलों की रेलिंग पर स्प्रिंग लगी हो और स्प्रिंग के ऊपर स्टील की शीट जो की गाड़ी के टकराने पर रेलिंग से दूर कर दे, बस और ट्रक में भी सेंसर होना चाहिए जो की किसी भी गाड़ी के टच में आने पर पॉवर ब्रेक लग जाये. - आकाश सिंह

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तस्वीर: Reuters

हादसों को हम दो क्षेणी मे विभाजित करके देखते है. 1. मानवजनित हादसे 2. प्राकृतिकजनित हादसे. मानवजनित हादसों में वाहन दुर्घटना, रेल दुर्घटना, हवाई जहाज दुर्घटना, इनके अलावा कई और दुर्घटनाएं शामिल हैं. इन दुर्घटनाओं को कम करना व इनकी रोकथाम स्वयं मनुष्य के हाथ में है. मनुष्य इन हादसों के प्रति एहतियात बरतें व इन हादसों के प्रति जागरूक रहे तो इनको काफी हद तक कम किया जा सकता है, जैसे शराब पी कर वाहन नहीं चलाना चाहिए, सीटबेल्ट पहन कर वाहन चलाना चाहिए, निद्रा में वाहन नहीं चलाना चाहिए व अन्य सड़क नियमों का पालन करना चाहिए. दूसरी ओर रही प्राकृतिकजनित हादसों की बात इन हादसो की मनुष्य रोकथाम नहीं कर सकता लेकिन एक हद तक इनसे बचाव कर सकता है. प्राकृतिक हादसों का एक सबसे बड़ा उदाहरण है, वैश्वीकरण (ग्लोबल वॉर्मिंग). अंत मे उपरोक्त बातों का मिलाजुला तथ्य यह है कि मनुष्य को प्रकृति के सामंजस्य स्थापित करके चलना चाहिए, तभी वह वर्तमान व भावी दुर्घटना की रोकथाम कर सकता है. - अमित कुमार, नई दिल्ली

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कुछ हादसे ड्राईवर की भूल से होते हैं, जैसे ड्राईवर को नींद आ जाने से. ज्यादातर मामले किसी को बचाने में भी होते हैं, जैसे अचानक किसी गाड़ी, व्यक्ति या किसी जानवर के सामने आ जाने से… इससे बचने के लिए सभी गाड़ी मालिकों को मिलकर या सरकार को माह में एक बार ड्राईवर के लिए ट्रेनिंग कैंप लगवाना चाहिए, जिससे ड्राइवर ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए मानसिक तौर से मजबूत रहें. - सेराज अहमद फारूखी

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संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे

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