1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
कारोबार

कैसे काम करेगा नया 'मेड इन जर्मनी' चाइना-ब्रिज

१५ जनवरी २०२०

जर्मन समाज के कई धड़ों से कुछ जाने माने लोगों ने साथ आकर 'चाइना-ब्रिज' नामक एक एलीट क्लब बनाया है. इसका मकसद चीन के साथ जर्मनी के संबंधों को गहराना है.

Symbolbild Deutschland China
तस्वीर: Imago-Images/photothek/T. Truschel

जर्मन राजनेताओं और मैनेजरों ने मिल कर चाइना-ब्रिज की स्थापना की है. यह नेटवर्किंग संघ चीन के साथ जर्मनी के संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में काम करेगा, जो फिलहाल हांगकांग के आंदोलन और जर्मनी में 5जी तकनीक मुहैया कराने से चीनी कंपनी हुआवे को बाहर रखने जैसे सवालों के कारण कमजोर पड़ते दिख रहे हैं.

आयोजकों का कहना है कि "चाइना-ब्रिज" अभियान की प्रेरणा असल में "एटलांटिक-ब्रिज" है. यह सन 1952 में स्थापित हुआ एक गैर लाभकारी संगठन था जिसका लक्ष्य जर्मनी और अमेरिका के बीच दोस्ती को गहराना था. आज भी इसमें व्यापार जगत, राजनीति, विज्ञान और मीडिया जैसे क्षेत्रों के 500 अहम लोग शामिल हैं.

निर्यात पर आधारित जर्मन अर्थव्यवस्था के लिए चीन एक बेहद अहम व्यापारिक साझेदार है. 2019 की पहली छमाही में ही दोनों देशों के बीच करीब 100 अरब यूरो मूल्य की वस्तुओं का कारोबार हुआ. इस नए संघ का नेतृत्व करने वाले जर्मन राज्य बवेरिया के एक कंजर्वेटिव नेता हंस-पेटर फ्रीडरिष बताते हैं, "चीन उन वैश्विक महाशक्तियों में से एक होगा जो इस सदी को आकार देंगे. जर्मनी को ऐसे संवाद स्थापित करने की जरूरत है जिसमें कारोबार, राजनेता और नागरिक समाज के लोग जुड़े हों."

संघ के अन्य सदस्यों में शामिल हैं सॉफ्टवेयर कंपनी सैप के एक मैनेजर आंद्रेआस हूबे और हाइडेलबर्ग में स्थित साइनो जर्मन हाई टेक पार्क होल्डिंग के प्रमुख माइक डे फ्रीस. इस अभियान में शामिल लोगों का कहना है कि वे रोजमर्रा के राजनीतिक मुद्दों में दखल नहीं देना चाहते लेकिन ऐसे कई माध्यम खोलना चाहते हैं जहां दोनों देशों के नागरिक और संस्थाएं आपस में बातचीत कर सकें. फ्रीडरिष ने यह भी साफ किया कि संघ चीन की आलोचना से भी पीछे नहीं हटेगा.

तस्वीर: Reuters/H. Hanschke

यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी के साथ चीन के संबंध चांसलर अंगेला मैर्केल के 14 सालों से शासन के दौरान बहुत मजबूत हुए हैं. मैर्केल खुद नियमित तौर पर चीन की यात्राओं पर जाती रही हैं. जर्मनी इस साल की दूसरी छमाही में यूरोपीय संघ की अध्यक्षता के दौरान भी चीन को प्राथमिकता देने की योजना बना चुका है. जर्मनी की अध्यक्षता के आखिर में एक ईयू-चीन सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा.

हांगकांग में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के माहौल में बीते सितंबर मैर्केल की चीन यात्रा पर थीं. वहां उनके साथ एक बड़ा कारोबारी प्रतिनिधिमंडल गया था जिसकी मांग थी कि चीन अपने बाजार को और खोलने पर विचार करे. मैर्केल की गठबंधन सरकार अगले कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों के भीतर जर्मनी में 5जी तकनीक के लिए सुरक्षा नियम जारी करने वाली है. अनुमान है कि इन नियमों के कारण चीनी कंपनी हुआवे को जर्मनी में इस नई तकनीक के रोलआउट की प्रक्रिया से बाहर रहना पड़ सकता है. ऐसे में नॉन-प्रॉफिट के रूप में पंजीकृत हो चुके 'चाइना-ब्रिज' क्लब की भूमिका और अहम हो सकती है.

आरपी/एके (रॉयटर्स)

__________________________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें