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कॉपीराइट के नए कानून से डरे चीन के कलाकार

१८ अप्रैल २०१२

चीन में संगीत के नए कॉपीराइट कानून का प्रस्ताव संगीतकारों और कंपनियों के लिए बड़ी मुश्किलें ले कर आया है. यह ऐसा है कि मकान का किराएदार और किराया मालिक नहीं कोई और तय करेगा. रॉयल्टी अधिकार सरकार की मुठ्ठी में आ होंगे.

तस्वीर: AP

चीन के राष्ट्रीय कॉपीराइट प्रशासन ने देश में बड़े पैमाने पर फैली पाइरेसी की बीमारी पर लगाम कसने के लिए नया कानून बनाने की सोची है. पर स्थानीय संगीत उद्योग और कानून के जानकार नए कानून के मसौदे से खुश नजर नहीं आ रहे. यह मसौदा अगर कानून बन जाता है तो चीन में बिकने वाला विदेशी संगीत भी इसके दायरे में होगा जो पहले से ही बौद्धिक संपदा पर कब्जे की जंग में आस्तीन ऊपर किए बैठा है.

नए प्रस्ताव में कुछ संगीत के अधिकार सिर्फ तीन महीने के लिए ही बनाने वाले के पास होंगे. उसके बाद उन्हें कोई भी सरकारी दर पर भुगतान कर इस्तेमाल करने, रिकॉर्ड करने या फिर गानों को बजाने या बेचने का अधिकार हासिल कर लेगा. कॉपीराइट मालिक के हाथ से वीटो का वह अधिकार भी छिन जाएगा जिसके आधार पर वो खरीदार चुनते हैं. नए कानून के बारे में ताइहे राइ म्यूजिक कंपनी के सीईओ झान हुआ कहते हैं, "यह तो ऐसा ही है जैसे कि मेरे पास कोई मकान हो और कोई दूसरा यह तय करे कि किराए पर किसको देना है, साथ ही यह भी कि किराया कितना लेना है."

तस्वीर: AP

पश्चिमी देशों में कॉपीराइट की अवधि 70 साल या फिर कलाकार की मौत के बाद तक होती है. चीन ने यह अवधि 50 साल तय कर रखी है लेकिन इसका ठीक पालन नहीं होता है. नए कानून में 50 साल के इस नियम से छेड़छाड़ नहीं की गई है लेकिन आलोचकों का कहना है कि इस तरह के नियम बनाए गए हैं जिनसे निजी बौद्धिक संपदा सार्वजनिक संपत्ति बन जाएगी. नए कानून में यह भी साफ नहीं है कि संगीतकारों को कितनी रॉयल्टी मिलेगी.

पिछले महीने नए कानून का प्रस्ताव पेश किया गया. चीन की कॉपीराइट अथॉरिटी का कहना है कि वह देसी विदेशी उद्योग जगत की राय ले रहे हैं इसके लिए अप्रैल के आखिर तक का समय तय किया गया है. उनकी दलील है कि यह कानून देश में पाइरेसी को रोकने में कारगार होंगे. राष्ट्रीय कॉपीराइट प्रशासन के उप निदेशक यान जियाओहोंग का कहना है, "मौजूदा कानून में तो तीन महीने तक के बचाव का भी उपाय नहीं है. तीन महीने के लिए अधिकार बढ़ाया जा रहा है."

जानकारों का कहना है कि अथॉरिटी ने भूल की है क्योंकि चीन के मौजूदा कानून में अधिकार रखने वाले के पास यह तय करने का हक है कि वो अपनी चीज किसे इस्तेमाल करने दें. शंघाई की एक कानून फर्म में साझीदार और कानून के जानकार इलियट पापेगेऑर्जियो कहते हैं कि कॉपीराइट का नया कानून कलाकारों की मुश्किल बढ़ाएगा. उन्होंने कहा, "हां यह कहने की कोशिश हो रही है, अब तक आप अपने अधिकार का पालन नहीं करा पा रहे थे, हम उसमें आपकी मदद कर सकते हैं लेकिन अब तो सब कुछ हाथ से निकल जाएगा." म्यूजिक प्रोड्यूसर झान का कहना है कि वो किसी कलाकार को बनाने और आगे बढ़ाने में लाखों डॉलर खर्च कर सकते हैं लेकिन इससे पहले कि वो अपना खर्च निकाल सकें कोई और उस पर अधिकार कर लेगा. झान ने कहा, "अगर ऐसा हुआ तो फिर तो मैं इंतजार करूंगा कि कोई और संगीत रिकॉर्ड करे. कोई भी खुद संगीत बनाना नहीं चाहेगा."

चीन के संगीतकारों ने ब्लॉगिंग वेबसाइटों पर इस कानून की आलोचना करने के लिए मुहिम छेड़ दी है और अपने मकसद के लिए लोगों का समर्थन जुटाने में भिड़ गए हैं. चीन में सोनी और वार्नर म्यूजिक जैसी अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड कंपनियों का कहना है कि वो प्रस्तावों पर विचार कर रही हैं और उद्योग जगत के साथ मिल कर इस पर अपना रुख तय करेंगी.

एनआर/ओएसजे(रॉयटर्स)

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