कॉमनवेल्थः हॉकी में रेफरल सिस्टम नहीं
२ अक्टूबर २०१०
2006 के बाद से अंतरराष्ट्रीय हॉकी संघ (एफआईएच) सभी बड़े टूर्नामेंट्स में विडियो रेफरल प्रणाली का इस्तेमाल करता रहा है लेकिन नई दिल्ली में ये नहीं हो पाएगा. आयोजन स्थलों के लिए जिम्मेदार अधिकारी एवीएस प्रसाद ने कहा, "हमें यह बहुत देर से ध्यान आया. जैसे ही हमारे ध्यान में ये बात आई हमने उपकरणों के लिए एफआईएच से अनुरोध किया. हम देर से पहुंचे. कुछ मुद्दे थे. हमें कुछ प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि हम सरकारी पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं. एफआईएच ने हमें कहा कि अब रेफरल सिस्टम को लगाने के लिए बहुत देर हो चुकी है."
ऑस्ट्रेलिया के हॉकी खिलाड़ी जैमी ड्वेयर ने इस पर खेद जताया, "मुझे विडियो रिव्यू सिस्टम अच्छा लगता है. हॉकी के लिए यह अच्छा है. ये शर्म की बात ही है कि इतने बड़े खेलों में ये नहीं है." लेकिन इंग्लैंड के मिडफील्डर ग्लेन किर्कहैम ने कहा कि तकनीक मदद तो कर ही सकती है लेकिन रोड़े भी अटका सकती है. "इसके दोनों पहलू हैं. कुछ खेलों के लिए यह अड़चन साबित हुई है. अक्सर विडियो रिप्ले आने में बहुत देर होती है. मुझे लगता है कि हमें अंपायर्स पर ही टिके रहना चाहिए."
हालांकि दोनों ही खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम से प्रभावित दिखाई दिए. ड्वेयर ने कहा, "हॉकी के लिए ये दुनिया का सबसे अच्छा स्टेडियम है. 15-16 हज़ार लोगों की क्षमता वाले स्टेडियम आपको बहुत जगह नहीं मिलेंगे. इतने सारे लोगों के सामने खेलना बहुत अच्छा अनुभव होगा. भारतीय हॉकी पसंद करते हैं."
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः एन रंजन