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कॉमनवेल्थ खेलों से खिलाड़ियों का भला नहीं हुआः अय्यर

१६ अक्टूबर २०१०

दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों के धुर विरोधी पूर्व खेल मंत्री मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि इन खेलों से भारतीय खिलाड़ियों का कोई भला नहीं हुआ. अय्यर के मुताबिक खिलाड़ियों पर ध्यान देने की बजाय खेल संस्थाओं का ध्यान आयोजन पर ही रहा.

तस्वीर: UNI

कांग्रेस नेता अय्यर ने कहा, "मैंने भारतीय खिलाड़ियों की कभी आलोचना नहीं की, बल्कि मैं तो मानता हूं कि कॉमनवेल्थ खेल कहीं और होने चाहिए थे. तब भी हम इतने ही सारे मेडल जीतते. भारतीय खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ खेलों में इसलिए मेडल नहीं जीते कि उन्हें विशेष सुविधाएं दी गईं. मेजबान टीमों को दी जाने वाली सुविधाओं के न होते हुए भी वे जीते हैं." मणिशंकर इसे भारतीय खेल अधिकारियों और आयोजन समिति से जुड़े लोगों की नाकामी मानते हैं.

सीएनएन आईबीएन टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में अय्यर ने कहा कि दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों पर ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के बजट से चार गुना ज्यादा पैसा खर्च हुआ है. वह कहते हैं, "हम ऐसे देश में रहते हैं जहां पांच साल से कम उम्र के 47 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार हैं क्योंकि 10 में से 9 माएं अनेमिया की शिकार होती हैं. हम सबसे ज्यादा शिशु मृत्य दर वाले देशों में शामिल हैं. हम खिलाड़ियों का देश तैयार करने की बजाय खेल आयोजनों पर पैसा बहा रहे हैं."

इन पर लगाओ पैसा: अय्यरतस्वीर: picture-alliance/dpa

अय्यर ने कहा कि भारत को तब तक इतने बड़े खेल आयोजन की मेजबानी नहीं करनी चाहिए जब तक वह खेल और ट्रेनिंग की सुविधाएं और बहुत सारे बच्चों को पर्याप्त पोषण देने के काबिल न हो जाए. जब उसने आयोजन समिति के मुखिया सुरेश कलमाड़ी की भूमिका के बारे में पूछा गया तो अय्यर ने कहा, "मैंने कलमाड़ी के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा है. मैं उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहूंगा. मैं चाहता हूं कि जिस जांच का वादा प्रधानमंत्री ने किया है, वह पूरी गहराई और तेजी से हो. जो लोग दोषी पाए जाएं उन्हें प्रधानमंत्री से कड़ी सजा मिलनी चाहिए."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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